बनफूलपूरा मैं बसे अवेध कब्जाधारियों का नया ठिकाना होगा सेलाकुई
अपने आप को दर्जी बताने वाला निकला फर्जी
भूमि पर मजार बनाकर कर्ता है कब्जा
हौसले इतने बुलंद की मुखमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक दे रहे चुनौती
देहरादून: शहर में भूमाफियाओं के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जो सरकारी और निजी भूमि पर फर्जी रजिस्ट्री के जरिए अवैध कब्जा कर रहा था। यह गिरोह, जिसमें कई सफेदपोश लोग भी शामिल हैं, बनफूलपुरा से हटकर अब सेलाकुई में अपनी गतिविधियां फैला रहा है। मुख्य आरोपी हाजी मुकर्रम पर आरोप है कि वह 100 रुपये के स्टांप पेपर पर अनुबंध कर सरकारी भूमि पर कब्जा दिला रहा है।
तहसील विकासनगर की चुप्पी पर सवाल
गिरोह के खिलाफ कई स्पष्ट साक्ष्य होने के बावजूद तहसील विकासनगर द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे एसडीएम की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस गिरोह ने माजरा स्थित एक प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री हरिद्वार निवासी शिखा शर्मा के नाम कर दी थी, जिसके बाद एक स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ।
स्टिंग ऑपरेशन से हुआ खुलासा
स्टिंग ऑपरेशन के दौरान गिरोह के सदस्य खुशरेज उर्फ भूरा उर्फ अली ने खुलासा किया कि वह सरकारी और निजी जमीनों पर अवैध कब्जा दिलाने के बदले बड़ी रकम वसूलता है। उसने यह भी बताया कि विकासनगर तहसील में उनकी “सेटिंग” है, जिससे वह फर्जी रजिस्ट्री के जरिए कब्जा दिलाने का काम कर रहा था।
असली मालिकों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज
इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद असली मालिक श्री पाल शर्मा के वारिसों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद गिरोह के खिलाफ कार्रवाई की गई। गिरोह में एक दर्जन से अधिक भूमाफियाओं के शामिल होने का अनुमान है, जिनके नाम धीरे-धीरे उजागर हो रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गिरोह ने किया बचने का प्रयास
जब गिरोह का पर्दाफाश हुआ, तो आरोपियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने बचाव की कोशिश की और पत्रकारों पर आरोप लगाए। लेकिन उनके खिलाफ उठी आवाजें और पुलिस की कार्रवाई ने उन्हें बेनकाब कर दिया है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में और क्या कदम उठाता है और भूमाफियाओं के इस गिरोह पर क्या सख्त कार्रवाई की जाती है।