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आखिर कब खुलेगा सैन्य बाहुल्य सवाड़ गांव में सैनिक स्कूल

नेताओं के खोखले वायदों से उठा क्षेत्रीय लोगों का विश्वास

थराली। चमोली जिले के सैनिक बाहुल्य गांवों में सुमार देवाल विकासखंड के सवाड गांव में आखिर कब तक केंद्रीय विद्यालय की स्थापना होगी एक बड़ा प्रश्न बना हुआ है। दरअसल पिछले 6 वर्षों से अधिक समय से विकासखंड देवाल की जनता 80 प्रतिशत से अधिक सैनिकों वाले सैन्य बाहुल्य गांव सवाड़ में केवी की स्थापना की मांग करते आ रही हैं। केवी की कक्षाओं के अस्थाई संचालन के लिए सवाड गांव के ग्रामीणों ने 2019 में बकायदा गांवों के बीचों बीच एवं सड़क से लगी अपनी कृषि भूमि पर श्रमदान एवं अन्य संसाधनों से करीब 25 लाख रुपए खर्च कर केवी संगठन की गाइड लाइन के अनुसार 20 टिन शेडों के कक्षा कक्षों, शौचालयों सहित अन्य संसाधनों की व्यवस्था कर ली थी। परंतु आज तक भी यहां केवी की स्थापना नही होने से ग्रामीणों में मायूसी छाने लगी हैं।
इसके अलावा 4 वर्षों पूर्व निर्मित टिन शेडों के कक्षा कक्षाओं में विद्यालय का संचालन शुरू नही होने और इन के बंद पड़ें होने के कारण टिन शेडों के खराब होने का अंदेशा बढ़ने लगा है। केवी की सवाड में स्थापना के लिए गांव के ग्रामीणों ने 103 नाली नाप भूमि को राज्य सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग के नाम दान कर दी है। ताकि राज्य का शिक्षा विभाग इस भूमि को केवी संगठन को दें सके।इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा,प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, एवं कृषि,सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बकायदा सवाड के मंचों पर जल्द ही केवी की स्थापना की घोषणा की थी। किंतु इन घोषणाओं के डेढ़ वर्ष बाद भी आज तक केवी की स्थापना नही होने के चलते,
ग्रामीणों में अब केंद्र सरकार व केवी संगठन के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा हैं। आलम सिंह बिष्ट अध्यक्ष शहीद मेला समिति सवाड एवं महावीर भंडारी सवाड ने कहा कि गुस्से के चलते ही पिछले महीनों सवाड गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनावों के बहिष्कार की भी घोषणा की हैं। बावजूद इसके केवी की स्थापना के लिए कोई भी ठोस कार्रवाई होते नही दिख रही हैं।

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