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उत्तराखण्ड में पर्यटन व तीर्थाटन हों सदाबहार होः पीएम मोदी

उत्तराखण्ड में पर्यटन व तीर्थाटन हों सदाबहार होः पीएम मोदी
लोगों और उद्योगपतियों से शीतकाल में उत्तराखंड आने की अपील की
उत्तराखंड में घाम तापो (सर्दियों में धूप सेंकना) को बताया स्पेशल पर्यटन स्पेशल इवेंट
उत्तरकाशी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। शीतकाल में उत्तराखंड में घाम तापो (सर्दियों में धूप सेंकना) पर्यटन स्पेशल इवेंट बन सकता है। उन्होंने लोगों और उद्योगपतियों से शीतकाल में उत्तराखंड आने की अपील की।
हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही। पीएम मोदी ने कहा कि वे चाहते हैं कि उत्तराखंड में कोई भी सीजन हो ऑफ सीजन ना हो। उन्होंने कहा कि सीजन ऑफ का नहीं, बल्कि ऑन का जमाना है। उत्तराखंड में सीजन में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, ऑफ सीजन सर्दियों में होटल, होमस्टे खाली पड़े रहते हैं। जो आर्थिकी में सुस्ती लाती है। शीतकालीन सीजन में पर्यटकों को यहां का मौसम रोमांचित कर देगा। इसी समय पर यहां विशेष अनुष्ठान भी होते हैं। यहां जो अनुष्ठान किया जाता है वो हमारी प्राचीन और अद्भुत है। उत्तराखंड सरकार का साल भर पर्यटन का उद्देश्य यहां के लोगों को रोजगार देगा। उन्होंने कहा कि देश के बड़े हिस्से में जब कोहरा होता है और सूर्य देव के दर्शन नहीं होते, तब पहाड़ों पर लोग धूप का आनंद मिल रहा होता है।
उन्होंने कहा कि ये स्पेशल इवेंट बन सकता है। गढ़वाली में जिसे घाम तापो पर्यटन कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश के कोने-कोने से लोग उत्तराखंड जरूर आए। खासकर कॉर्पाेरेट जगत के साथी विंटर टूरिज्म का हिस्सा बनें. मीटिंग, कॉन्फ्रेंस के साथ ही एग्जीबिशन के लिए विंटर में देवभूमि से दूसरी कोई जगह नहीं हो सकती। उन्होंने बड़े-बड़े उद्यमियों से अपील कि वो सेमिनार के लिए उत्तराखंड आए। जिसके उनकी आर्थिकी मजबूत होने के साथ ही, घर पर ही रोजगार मिलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड का है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ दौरे के दौरान मेरे मुंह से निकल पड़ा कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा। उन्होंने कहा कि वे देख रहे हें कि बाबा केदार के आशीर्वाद से वो भाव सच्चाई में बदल रहा है। ये दशक उत्तराखंड का बन रहा है। उत्तराखंड की प्रगति के रास्ते खुल रहे हैं।

PM performs darshan, pooja and viewing of Himalaya at the winter seat of Maa Ganga in Mukhwa, Uttarakhand on March 06, 2025.

हर्षिल और मुखवा में गंूजी पीएम मोदी की गूंज
स्थानीय बोली और भाषा के साथ वेशभूषा भी वही
उत्तरकाशी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालांकि अपने अलग अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं लेकिन आज उत्तराखंड के दौरे के समय वह अत्यधिक भाव विभोर दिखे। प्रधानमंत्री ने यहां स्थानीय भाषा शैली में लोगों का स्वागत किया वहीं वह यह कहना भी नहीं भूले कि हर्षिल की इस धरती से जब दीदी और भुल्लियों द्वारा उन्हें राजमा और अन्य पहाड़ी उत्पाद भेजे जाते हैं तो मुझे भी यहां आकर लगता है कि मैं अपने परिवार के बीच आया हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत गंगा मैया के जयकारों से क, वही वह जब मंच पर पहुंचे तो लोगों ने मोदीकृमोदी की गूंज से पूरे वातावरण को ही गूंजायमान कर दिया। प्रधानमंत्री ने आज यहां एक ट्रैकर्स रैली व वाहन रैली को भी हरी झंडी दिखाई प्रधानमंत्री ने पहाड़ी निवास पहने और ब्रह्मकमल की टोपी भी पहनी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 1962 के चीन युद्ध के दौरान दो सीमावर्ती गांवों को खाली कराया गया उन्हें सबने भुला दिया था लेकिन उन्होंने मलिंगा लाल और जनक ताल को फिर आबाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमने परंपरा को बदला है। अब सीमांत गांव अंतिम नहीं प्रथम गांव होते हैं तथा हमने उनके विकास के लिए वाइब्रेट योजना शुरू की है जिसमें इस क्षेत्र के 8कृ10 गांव आते हैं। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर सांसद तथा राज्य मंत्री भी उपस्थित रहे।


पीएम मोदी के रूप में उत्तराखण्ड ने देवदूत पायाः धामी
केंद्र सरकार के सहयोग का आभार जताया
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरूवार सुबह जब उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के जौली ग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया। हर कदम साथ रहे मुख्यमंत्री धामी ने यहां हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए जब अपना संबोधन समाप्त किया तो उन्होंने शायराना अंदाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा कि पीएम मोदी के रूप में हमने देवदूत को पाया है।
सभा को संबोधित करते हुए अत्यंत ही भावुक अंदाज में दिखे सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी के कदम जब-जब इस उच्च हिमालयी क्षेत्र में पड़े हैं तब तब उनका आगमन राज्य के लिए कल्याणकारी और लाभदायक सिद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व और दिशा निर्देशन में भारत एक बार फिर विश्व गुरु और आत्मनिर्भर विकसित भारत बनने की ओर अग्रसर है। विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समस्त प्रदेशवासियों की ओर से भी अभिनंदन करता हूं।
धामी ने कहा कि उनका असीम स्नेह तथा प्यार हमें मिलता रहा है उन्होंने कहा कि मौका चाहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का हो या फिर राष्ट्रीय खेलों के आयोजन का, उनके आगमन से उत्तराखंड को हमेशा एक नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि आपदाओं के समय भी हमें उनका भरपूर सहयोग मिलता रहा है। उन्होंने केदारनाथ आपदा से लेकर सिल्क्यारा सुरंग हादसे और अभी माणा में हुए हिमस्खलन की घटना को याद करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने हमेशा ही हर संभव हमारी मदद की है। उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा के विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने में हमारी मदद के लिए वही आज फिर हमारे बीच है। इसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने अपेक्षा जाहिर की है कि अभी हमें निकट भविष्य में मां नंदा देवी राजजात यात्रा और 2027 में कुंभ का आयोजन करना है हमें उम्मीद है कि उनके आशीर्वाद से हम इन सभी कामों को सफलतापूर्वक कर सकेंगे। अंत में उन्होंने एक कविता पढ़कर उन्हें पीएम मोदी के रूप में एक देवदूत मिलने की बात कही तो लोगों ने खूब तालियां बजाईं।


शीतकालीन चारधाम यात्रा को पीएम मोदी ने दिया आधार
देहरादून। मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा और खूबसूरत हर्षिल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक-एक संदेश के गहरे मायने हैं। देश-दुनिया तक इन शब्दों की अनुगूूंज पहुंचना तय है।उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा को प्रधानमंत्री का जैसा साथ मिला, वह खास है। उन्होंने जिस अंदाज में उत्तराखंड की यात्रा का प्रमोशन किया है, वह अभूतपूर्व है। इसके बाद, उत्तराखंड के शीतकालीन पर्यटन के सरपट दौड़ने की पूरी उम्मीद की जा रही है।
प्रधानमंत्री का यह प्रवास उस वक्त हुआ है, जबकि करीब दो महीने की शीतकालीन यात्रा शेष है। इसके बाद 30 अप्रैल से चार धाम यात्रा का श्रीगणेश होना है। ऐसे में प्रधानमंत्री के एक प्रवास ने उत्तराखंड की दोनों यात्राओं के लिए बेहतर आधार तैयार कर दिया है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड का हर तरह से प्रमोशन किया। प्रमोशन के लिए घाम तापो पर्यटन की बात हो, धर्माचार्यों और योगाचार्यों से शीतकाल में योग शिविर आयोजित करने की बात हो, कॉरपोरेट को सेमिनार का सुझाव हो, फिल्म निर्माताओं को फिल्मों की शूटिंग के लिए आह्वान हो या फिर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से अपील हो, सबने अपना अलग प्रभाव छोड़ा है।
उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतकालीन यात्रा का सबसे बड़ा प्रमोशन कर दिया है। इस यात्रा के प्रमोशन के लिए इससे पहले कभी इतने गंभीर प्रयास नहीं हुए। उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा के साथ प्रधानमंत्री के जुड़ाव के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जो प्रयास किए थे, उसका सार्थक परिणाम सामने आया है। बहुत कम समय में उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा और पर्यटन देश-दुनिया की नजरों में आ गए हैं।
प्रधानमंत्री एक बार फिर उत्तराखंड केे लिए सबसे बडे़ ब्रांड एंबेसडर साबित हुए हैं। केदारनाथ धाम का उदाहरण सामने हैं, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता से श्रद्धालुओं के पहुंचने के नए रिकार्ड बने हैं। शीतकालीन यात्रा का हिस्सा बनने की इच्छा प्रधानमंत्री ने 28 जनवरी को राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के मौके पर ही जाहिर कर दी थी। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से भावनात्मक लगाव ही है, वह कार्यक्रम में बदलाव के बावजूद मुखवा-हर्षिल पहुंच गए।


पीएम मोदी ने हाथ मिलाकर व पीठ थपथपाकर सीएम धामी को दी शाबाशी
शानदार बॉंडिन्ग, छोटे भाई ऊर्जावान मुख्यमंत्री जैसे शब्दों का किया प्रयोग
राज्य सरकार के प्रयासों को प्रधानमंत्री ने बार-बार सराहा
देहरादून। शीतकालीन यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शानदार बॉंन्डिग गुरूवार को भी दिखी। प्रधानमंत्री को जब जहां मौका मिला, वह मुख्यमंत्री को शाबासी देते, प्रोत्साहित करते हुए दिखाई दिए। भाषण खत्म कर मुख्यमंत्री जैसे ही प्रधानमंत्री के करीब पहुंचे, तो पहले तो उन्होंने गर्मजोशी से हाथ मिलाया। बाद में मुख्यमंत्री की पीठ भी थपथपा दी।
एक के बाद एक महत्वपूर्ण फैसले लेने और उन्हें अमल में लाने के मुख्यमंत्री के अंदाज को शीर्ष स्तर पर पसंद किया जा रहा है। चाहे समान नागरिक संहिता हो या राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, प्रधानमंत्री के स्तर पर मुख्यमंत्री को भरपूर शाबासी मिली है। अब शीतकालीन यात्रा के लिए राज्य सरकार के प्रयास पर प्रधानमंत्री संतुष्ट नजर आ रहे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने इसका बार-बार जिक्र भी किया। उन्होंने शीतकालीन यात्रा के उत्तराखंड से जुडे़ आर्थिक पहलु को रेखांकित करते हुए इसे अभिनव पहल बताया। साथ ही, इसके लिए मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को धन्यवाद भी दिया।
अपने संबोधन की शुरूआत में मुख्यमंत्री के लिए प्रधानमंत्री ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह गौर करने वाले रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री को छोटा भाई और ऊर्जावान मुख्यमंत्री कहते हुए संबोधित किया। उन्होंने अपनी केदारनाथ यात्रा का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि यह दशक उत्तराखंड का बन रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार बढ़िया काम कर रही है।

कभी मुस्कराए, कभी विनम्रता से जोड़े हाथ
हर्षिल की जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्षेत्रवासियों के जबरदस्त उत्साह के दर्शन भी हुए। कार्यक्रम में कई बार मोदी-मोदी के नारे गूंजे। इस पर प्रधानमंत्री कई बार मुस्कराए। कई बार उन्होंने विनम्रता से हाथ जोड़ लिए। पारंपरिक परिधान और टोपी पहने प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई आंचलिक शब्दों का इस्तेमाल भी किया।

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