उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप सशक्त भू-कानून लाएंगे: धामी
अगल बजट सत्र में लागू किया जाएगा भू-कानून
एक परिवार नगर निगम क्षेत्र से बाहर केवल खरीद सकता है 250 मीटर भूमि
बिना अनुमति बाहरी लोगों की खरीदी गई जमीन होगी राज्य सरकार में निहित
बिना अनुमति के खरीदी गई जमीनों की जांच कर तैयार होगी सूची
बाहरी व्यक्ति ने जिस प्रयोग के लिए भूमि खरीदी है उसके अलग इस्तेमाल करता है तो वह जमीन भी राज्य सरकार में होगी निहित
देहरादून। उत्तराखंड में लंबे समय से सख्त भू-कानून की मांग की जा रही है, जिसको लेकर अब उत्तराखंड की धामी सरकार भी हरकत में आ गई है। शुक्रवार 27 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में भू-कानून को लेकर सचिवालय में प्रेस वार्ता की और कहीं अहम जानकारियां दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में एक कानून प्रचलित है, जिसमें नगर निकाय क्षेत्र से बाहर क्षेत्र में 250 वर्ग मीटर भूमि कोई भी बाहरी व्यक्ति बिना अनुमति के खरीद सकता है। प्रदेश में पहले से ही इस तरह का प्रावधान बना हुआ है, लेकिन संज्ञान में आया है कि इस कानून के बनने के बाद तमाम लोगों ने अपने ही परिवार के सदस्यों के अलग-अलग नाम से जमीन खरीद ली है। ऐसे जिन उद्देश्यों से नगर निगम क्षेत्र से बाहर 250 मीटर जमीन खरीदने का प्रावधान किया गया था, वो उसके अंतर्गत नहीं आता है। लिहाजा इस तरह से जितनी भी जमीन है, नगर निगम क्षेत्र से बाहर खरीदी गई है, उन सभी जमीनों का विवरण तैयार कराया जा रहा है। लिहाजा ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही सीएम ने कहा कि जितनी भी जमीन इस तरह से खरीदी हुई निकलेगी, उन सभी जमीनों को राज्य सरकार में निहित की जाएगी। ये भी संज्ञान में आया है कि साल 2017 में भू- कानून में जो बदलाव किए गए थे, उसके परिणाम सकारात्मक नहीं आए हैं। क्योंकि साल 2017 में किए गए बदलाव के अनुसार जो अनुमति शासन स्तर पर दी जानी थी, उसको बदलकर जिला स्तर पर कर दिया गया था।
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड का मूल स्वरूप बनाने के उद्देश्य से उठाए जा रहे इन सभी कदमों से किसी भी ऐसे व्यक्ति को परेशान होने की जरूरत नहीं है, जो प्रदेश में निवेश करना चाहते हैं और उद्योग लगाना चाहते हैं। क्योंकि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश में तमाम क्षेत्रों में निवेश किया जाए।
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार भू-कानून और मूल निवास जैसे मुद्दे को लेकर बेहद संवेदनशील है। लिहाजा अगले बजट सत्र के दौरान प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप प्रदेश में भू-कानून लागू किया जाएगा। प्रदेश में सख्त भू कानून लागू किए जाने को लेकर भू कानून का प्रारूप तैयार करने के लिए कमेटी का गठन पहले ही किया जा चुका है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी भू-कानून का प्रारूप तैयार कर रही है।
इसके अनुरूप एक भू-कानून लाने को लेकर काम किया जा रहा है। साथ ही कहा कि मार्च 2021 और इसे लंबे समय से चले आ रहे तमाम मामले ऐसे थे, जिन मामलों पर फैसला नहीं हो पा रहे थे। उन सभी मामलों पर फैसले लिए गए हैं। इसी तरह भू कानून के मुद्दे का समाधान भी भाजपा सरकार ही करेगी। सबकी भावनाओं और सभी पक्षों से बातचीत करने, अनेक विषयों के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने के साथ निर्णय लिया जाएगा।
12.5 एकड़ भूमि की अधिकतम सीमा खत्म करने के प्राविधान की होगी समीक्षा
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 12.5 एकड़ जो इसकी अधिकतम सीमा थी, उसको खत्म कर दी गई थी। लिहाजा इन प्रावधानों की भी समीक्षा की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो साल 2017 में भू कानून में किए गए नए प्रावधानों को समाप्त भी किया जा सकता है। ताकि इन प्रावधानों के माध्यम से बेरोकटोक जमीनों की खरीद फरोख्त और दुरुपयोग किया गया है और उसको रोका जाए।
साथ ही प्रदेश के भीतर जिन लोगों ने जिस उद्देश्य से भूमि खरीदी है, अगर वह उसे उद्देश्य के आधार पर उपयोग नहीं कर रहे हैं, ऐसी जमीनों का भी विवरण तैयार किया जा रहा है। लिहाजा, ऐसे लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की जाएगी। साथ ही ऐसी जमीन ने भी राज्य सरकार में निहित की जाएगी।