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जमीन घोटाले में एसआईटी जांच में दोषी पाएं गए केपी गैंग के गुर्गे को कैसे मिली क्लीन चिट

-सहारनपुर जेल में कंवरपाल उर्फ केपी की मौत के बाद पुलिस पर उठे सवाल

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून से इस पूरे मामले की नए सिरे से जांच कराने की मांग उठी

देहरादून। राजधानी के रजिस्ट्री घोटाले के सिरमौर रहे कंवरपाल उर्फ केपी की सहारनपुर जेल में मौत के बाद पुलिस कार्यशैली पर सवाल उठ रहे है। इससे पहले हुए बड़े जमीन घोटाले में एसआईटी द्वारा दोषी पाए गए केपी गैंग को आखिर में क्लीन चिट कैसे मिल गई, जबकि पुलिस इस मामले में कुर्की के नोटिस तक आरोपियों के घरों पर चस्पा कर आई थी। एसएसपी अजय सिंह से इस पूरे मामले की नए सिरे से जांच कराकर कारवाही की मांग की गई है।

देहरादून में करोड़ों के रजिस्ट्री घोटाले में सहारनपुर के कंवरपाल उर्फ केपी सिंह को पुलिस ने मास्टर माइंड बताया था। पुलिस से बचने के लिए आरोपी पुराने मामले में जमानत तुड़वाकर जेल चला गया था। एसआईटी ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो कई चेहरे बेनकाब हुए थे। दून पुलिस इस घोटाले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। कई दिन पहले सहारनपुर जेल में गिरोह के सरगना केपी सिंह की मौत हो गई।
केपी की मौत के बाद एक पुराने घोटाले को लेकर पुलिस पर सवाल उठने लगे है। एसएसपी अजय सिंह को दिए गए शिकायती पत्र में बताया गया है कि डिस्पेंसरी रोड देहरादून में पुराना खसरा नंबर 426, खसरा नंबर 472 हाल खसरा नंबर 262 की संपति शेख हबीब अहमद रमजानी पुत्र फजल हक काम शेख सहारनपुर के नाम से थी। पूर्ण दस्तावेज जैसे पुराने बेनामों से लेकर सभी प्रतिया उपलब्ध है। आरोप है कि कंवरपाल उर्फ केपी सिंह ने कई वर्षों पहले संपत्ति के कुछ फर्जी कागजात बनाकर यह जमीन शाहनवाज पुत्र मोहम्मद इकराम निवासी खान आलमपुरा जनक नगर सहारनपुर, मोहम्मद इकराम निवासी खान आलमपुरा जनक नगर सहारनपुर, मोहम्मद इकराम खान आलमपुरा जनक नगर सहारनपुर, श्रीमती शबाना पत्नी मोहम्मद अकरम खान आलमपुरा जनक नगर सहारनपुर, श्रीमती शगुफ्ता पत्नी सिराज अहमद निवासी खान आलमपुरा जनक नगर सहारनपुर, शाइस्ता पत्नी मोहम्मद फुरकान निवासी खान आलमपुरा जनक नगर सहारनपुर, शाह आलम पुत्र मोहम्मद इकराम निवासी खान आलमपुरा जनक नगर सहारनपुर, राशिद खान पुत्र सुलेमान खान निवासी खिड़की एक्सटेंशन मालवीय नगर दक्षिण दिल्ली, एवं कागजात में खर्च करने वाला इन्वेस्टर भाटिया ने मिलकर एक षड्यंत्र के तहत अपने नाम कर लिया था। कई वर्षों से भूमि पर अनूप मित्तल पुत्र स्वर्गीय लालचंद मित्तल कब्जा था। अनूप कुमार मित्तल को जब यह पता चला तो उन्होंने कोतवाली नगर में इन लोगों के खिलाफ अपराध सख्या 0089 धारा 420,467,468,471,447, 506,120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया। इन लोगों के खिलाफ एसआईटी जांच भी हुई, जिसमें उन्हें दोषी बताया गया, मगर साठगांठ के चलते इनका कुछ नहीं हुआ। बाद में इसकी जांच एसआईएस शाखा ने भी की। सूत्रों से पता चला है कि कुछ समय पहले इस मुकदमे मे पुलिस ने सांठगाठ कर अन्तिम रिर्पोट लगा दी है । सवाल उठने लाजिमी है कि केपी सिंह गैंग को पहले किस आधार पर दोषी और किस आधार पर बेकसूर बताया गया है। एसएसपी से पूरे मामले की जांच फिर से कराने की मांग की गई है, ताकि पूरा सच सामने आ सके।

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