उत्तराखंडदेहरादूनस्वास्थ्य

अनियमितताओं पर चार नामी अस्पतालों को दिया नोटिस

डेंगू के मरीजों की प्लेटलेट्स जांच में पाया गया भारी अंतर

देहरादून। जिलाधिकारी के निर्देशों पर जिला स्तरीय टीम ने शुक्रवार को जनपद में सविता गोयल पैथोलॉजी लैब, पेनिसिया हॉस्पिटल, सिनर्जी, कैलाश चिकित्सालय में अनियमितता पाए जाने पर मुख्य चिकित्साधिकारी की ओर से संबंधित चिकित्सा अधीक्षकों एवं प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
जिला स्तरीय टीम ने पाया कि सविता गोयल पैथोलॉजी लैब ने एक डेंगू के भर्ती मरीज की प्लेटलेट्स काउंट की रिपोर्ट दी थी किन्तु लैब से क्रास चैक करने पर प्लेटलेट्स सही पाई गई है। पैनिशिया अस्पताल एवं पैथोलॉजी लैब में प्लेटलेट्स काउंट का क्रास चेक किया गया है। चिकित्सालय की पैथोलॉजी लैब की ओर से एक डेंगू के भर्ती मरीज की 10 हजार प्लेटलेट्स काउंट की रिपोर्ट दी गई थी किन्तु सरकारी लैब से कास चेक करने पर 32 हजार पाई गई है। सिनर्जी अस्पताल, चिकित्सालय की पैथोलॉजी लैब द्वारा एक डेंगू के भर्ती मरीज की 19 हजार प्लेटलेट्स काउंट की रिपोर्ट दी गई थी किन्तु सरकारी लैब से क्रास चेक करने पर 30 हजार पाई गई है। कैलाश अस्पताल एवं पैथोलॉजी लैब में प्लेटलेट्स काउंट का क्रास चेक किया गया है। चिकित्सालय की पैथोलॉजी द्वारा एक डेंगू के भर्ती मरीज की 14 हजार प्लेटलेट्स काउंट की रिपोर्ट दी गई थी किन्तु सरकारी लैब से क्रास चेक करने पर 80 हजार पाई गई है। टीम की ओर से निरीक्षण जांच में पाया गया कि लैब्स रिपोर्ट में अनियमिताएं पाई गई, इस प्रकार की रिपोर्ट से मरीजों के तीमारदारों में घबराहट स्थिति उत्पन्न हो रही है। निर्देशों एवं मानकों का सही प्रकार से पालन नहीं किया जा रहा हैं जो कि डेंगू जैसे संवेदनशील प्रकरण को गंम्भीरता से न लेना परिलक्षित होता है। जिस पर मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा चिकित्सालयों एवं लैब्स को नोटिस देते हुए तीन दिवस के भीतर लिखित प्रतिउत्तर साक्ष्यों सहित उपलब्ध कराने तथा संतोषजनक प्रतिउत्तर प्राप्त न होने की स्थिति में उनके विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।

आयुर्वेदिक चिकित्सक दे रहा था ऐलोपैथिक दवाइयां

देहरादून। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा शुक्रवार को बीएएमएस चिकित्सक डॉ एसएस रावत निवासी अजबपुर चौक का औचक निरीक्षण किया गया जिसमें पाया गया की डॉ एसएस रावत आयुर्वेदिक चिकित्सक होते हुए ऐलोपैथिक की प्रैक्टिस कर रहे हैं। साथ ही इनके द्वारा प्रचुर मात्रा में ऐलोपैथिक दवाईयों का भंडारण बिना औषधि लाइसेंस लिए हुए किया जा रहा है व इन औषधियों का विक्रय भी मरीजों को किया जा रहा है। जिस पर उनको नोटिस देते हुए औषधि निरीक्षक, मेडिकल पोल्यूसन बोर्ड को संस्थान का निरीक्षण करते हुए अपने स्तर से उचित कार्यावाही करने को लिखा गया है।

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