विगत 10 वर्षों में आकांक्षी भारत का हुआ निर्माण
बीते 5 वर्षों में 13.5 करोड लोग गरीबी से बाहर आए
देहरादून। प्रदेश राजधानी के एफआरआई में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की उत्तराखंड में निवेशकों के लिए अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। जो उत्तराखंड की तकदीर बदलकर रख देगा। पर्यटन से लेकर कई अन्य दूसरे क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें निवेश समृद्धि लेकर आएगा। इसमें कल्चर, नेचर, एडवेंचर स्पोर्ट्स और योग आदि क्षेत्र शामिल हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि देश भर के उद्योगपतियों को यह समझना होगा की अपने देश में निवेश से भारत के लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा और चहुंओर समृद्धि होगी, हमें परिस्थितियों को अवसरों में बदलना पड़ेगा तभी हम सफलता के नित नए कीर्तिमान स्थापित करते जाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बेहद खूबसूरत दर्शनीय स्थल हैं, जो दुनिया के किसी भी देश के पर्यटक स्थलों से कमतर नहीं हैं। ऐसे में उत्तराखंड डेस्टिनेशन वेडिंग का एक हब बन सकता है। शादियों पर बेशुमार धन खर्च करने वालों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि अगर वह परिवार की कम से कम एक शादी उत्तराखंड में करेंगे तो राज्य डेस्टिनेशन वेडिंग का केंद्र बन जाएगा। विदेश में शादियों के स्थान पर देश में विवाह को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विगत 10 वर्षों में आकांक्षी भारत का निर्माण हुआ है। बड़ी आबादी नए अवसरों से स्वयं को निरंतर जोड़ रही है और देश की प्रगति में योगदान दे रही है। विगत 5 वर्षों में 13.5 करोड लोग गरीबी से बाहर आए हैं और उन्होंने अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के मध्य वर्ग को अपनी क्षमताओं का आकलन करना होगा और उस पर विश्वास जताना होगा तभी एक नया और शक्तिशाली भारत विश्व के पटल पर उभरेगा। उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को विदेशी बाजारों में स्थापित करने से राज्य व यहां के निवासियों को आर्थिक रूप में काफी मदद मिलेगी। उत्तराखंड के कई उत्पाद ऐसे हैं जिनमें लोकल से ग्लोबल बनने की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार इस दिशा में सतत प्रयासरत है।उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र हर संभव मदद प्रदान करेगा ताकि उत्तराखंड उन्नति के नए सोपान स्थापित कर सके।
पीएम ने किया हाउस ऑफ हिमालयाज की लांचिंग
उत्तराखण्ड के सभी उत्पादांे को मिली एक पहचान
देहरादून। उत्तराखण्ड के सभी उत्पादों को अब एक पहचान मिल गयी है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान हाउस ऑफ हिमालयाज की लांचिंग की। अभी तक हिमाद्री, हिलांस, ग्राम्यश्री जैसे तमाम उत्पाद अलग-अलग नाम से बाजार में जाते हैं, लेकिन अब सभी हाउस ऑफ हिमालयाज के नाम से पहचाने जाएंगे। बीते फरवरी के महीने में धामी कैबिनेट ने एक निर्णय लिया था कि प्रदेश के सभी उत्पादों की क्वालिटी, मार्केटिंग व ब्रांडिंग के लिए समिति का गठन किया जाए। इस आधार पर एक समिति का गठन किया गया है। इस गठित समिति ने हाउस ऑफ हिमालयाज नाम पर मुहर लगाई। इस नाम का रजिस्ट्रेशन करा दिया गया है। ट्रेडमार्क के लिए आवेदन भी किया जा चुका है।
इस संबध में सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा ने बताया कि अब हाउस ऑफ हिमालयाज उत्तराखंड का ब्रांड होगा। हिमाद्री, हिलांस समेत तमाम समितियों, स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को इसी ब्रांड नाम के साथ बाजार में उतारा जाएगा। इससे न केवल राष्ट्रीय, बल्कि भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उत्पादों को बेहतर बाजार मिलेगा।अपर सचिव ग्राम्य विकास नितिका खंडेलवाल ने बताया, हाउस ऑफ हिमालयाज उत्तराखंड का ब्रांड नाम हो गया है। जैसे टाटा या अन्य कंपनियों का एक नाम चलता है और विभिन्न उत्पाद बाजार में आते हैं। उसी तरह यह ब्रांड नाम चलेगा। उन्होंने कहा, सभी उत्पादों की अपनी पहचान के साथ हाउस ऑफ हिमालयाज का टैग उनके साथ रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे उत्पाद निर्माताओं की कमाई में भी इजाफा होगा। बाहरी उपभोक्ताओं के सामने भी एक स्थापित पहचान बनेगी। उत्पादों को संबंधित विभागों से मदद पूर्व की भांति जारी रहेगी, लेकिन नाम एक ही रहेगा।
दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का शुभारंभ
देहरादून। उत्तराखंड में शुक्रवार से दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का शुभारंभ हो गया। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देहरादून पहुंचे। पीएम मोदी ने निवेशक सम्मेलन का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सीएम धामी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदीए राज्यपाल समेत अन्य अतिथियों व उद्यमियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि देश की अनेक विभूतियों ने दिशा दिखाने का कार्य किया है। उनका अंश प्रधानमंत्री मोदी में दिखाई देता है। इस दौरान पीएम मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पारंपरिक गीत का आनंद लिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों के साथ 2.5 लाख करोड़ रुपए के डवन् पर हस्ताक्षर का लक्ष्य रखा था। मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि हम अपने लक्ष्य से अधिक निवेश के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। अभी तक 44.000 करोड़ रुपए का निवेश धरातल पर उतार दिया है। इससे लाखों रोजगारों का सृजन होगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आर्थिकी व पारिस्थितिकी में समन्वय के राज्य को अग्रणी राज्य बनाना है। वे हर दो साल में ऐसे सम्मेलन करेंगे। कार्यक्रम में तीन लाख करोड़ के एमओयू और 44 हजार करोड़ की ग्राउंडिंग शुरू हो गयी।
इन्वेस्टर्स समिट में वित्त मंत्री अग्रवाल ने गिनाये फायदे
देहरादून। उत्तराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आगाज हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर सबसे पहले प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इसके साथ ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ किया। हालांकि, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश से तमाम उद्योग जगत से जुड़े उद्योगपति शामिल हुए हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से उत्तराखंड सरकार को बड़ी उम्मीदें हैं। यही वजह है कि इस समिट को सफल बनाने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है।
उत्तराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में जितने भी निवेशक आ रहे हैं, सरकार उनका स्वागत कर रही है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड राज्य के समिट के लिए अपना कीमती समय दिया, इसके लिए वो पीएम मोदी का धन्यवाद देते हैं। यह समिट उत्तराखंड राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है और यह मील का पत्थर साबित होगा। जिसके चलते भव्य रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, ताकि अधिक से अधिक उद्योग उत्तराखंड में लगे, जिससे युवाओं को यहीं पर रोजगार मिल सके।
इन्वेस्टर्स समिट को उत्तराखंड कांग्रेस ने बताया पैसों की बर्बादी
देहरादून। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने देहरादून में आयोजित हो रहे इन्वेस्टर्स समिट को धन की बर्बादी बताया है। करन माहरा ने देहरादून में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट को 2018 में हुए इन्वेस्टर्स समिट की रैप्लिका बताया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा 2017 में जब भाजपा की सरकार बनी थी तब केंद्र सरकार आईडीएस यानी औद्योगिक विकास योजना लेकर आई थी, इसकी कार्य अवधि 2022 तक थी। इस योजना में तय किया गया था कि जो इन्वेस्टर्स हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर या फिर उत्तराखंड में निवेश करने आएंगे, उन निवेशकों को 30 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। उत्तराखंड में इस योजना को 2022 में बंद कर दिया गया। इस योजना के तहत उत्तराखंड के हिस्से में मात्र 1100 करोड़ रुपए आए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा जिन निवेशकों ने वादों के मुताबिक प्रदेश में निवेश किया था, उन निवेशकों का करीब 5 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार पर बकाया है। ऐसे में केंद्र सरकार की इस योजना का यह खुलासा है।