देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति मंत्री एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय उपलब्धियों के बारे में शनिवार को विस्तृत जानकारी दी।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में मीडिया से रूबरू होते हुए मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि विगत माह 19 जुलाई को उन्होने हरिद्वार के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया था। आपदा से हरिद्वार जनपद को काफी नुकसान हुआ है। स्थलीय निरीक्षण कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गए हैं। आपदा प्रभावित कुल छह हजार तीन सौ छत्तीस लाभार्थियों को प्रत्येक लाभार्थी को 5-5 हजार रूपए की धनराशि के चेक वितरित किए गए हैं।
प्रदेश में यात्रियों की सुरक्षा, सुगमता के दृष्टिगत राज्य में प्रथम बार यात्री सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली का क्रियान्वयन किया गया। चारधाम यात्रा के लिए वर्ष 2023 ऑनलाईन पंजीकरण व्यवस्था के अन्तर्गत मोबाईल एप, टोल फ्री नं. के साथ ही कंट्रोल रूम में फोन के माध्यम से पंजीकरण किए जाने की व्यवस्था की गई है। चारधाम यात्रा के लिए पर्यटकों की सहायता व सुरक्षा के दृष्टिगत आउटसोर्स के माध्यम से यात्राकाल में धामों में पुरूष व महिला पर्यटन सहायता व सुरक्षा मित्र की तैनाती की गई है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में विभिन्न सर्किटों का निर्माण किया गया है। प्रदेश में बाढ़ एवं वर्षा से 406 सड़कें अवरुद्ध हैं। जबकि 119 सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि अवरुद्ध सड़कों को खोलने के लिए 246 मशीनें लगी हुई हैं। प्रदेश में अधिकांश नेशनल हाइवे खुले हैं। प्रदेश में बाढ़ एवं वर्षा से 83 सेतु क्षतिग्रस्त हुए हैं। विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कुल 1425 किमी लंबाई में मार्गों का पुननिर्माण एवं 32 पुलों का निर्माण किया गया। पंचायतों को सुदृढ़ एवं अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए संविधान में वर्णित 29 विषयों को पंचायतों को सौंपे जाने के लिए पंचायती राज विभाग में एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है जिसकी रिपोर्ट आ चुकी है। इन विषय को पंचायतों को क्रमबद्ध तरीके से हस्तांतरित किए जाने की कार्यवाही की जा रही है। मुख्य विकास अधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी की वार्षिक प्रविष्ठि पर जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख को अपना मंतव्य अंकित करने का अधिकार दिया गया है। पंचायत चुनाव में धन-बल व भ्रष्टाचार समाप्ति के लिए क्षेत्र पंचायत प्रमुखों एवं जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से किए जाने को संविधान में संशोधन को भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया।