उत्तराखंडक्राइमदेहरादून

फर्जी दस्तावेज और रजिस्ट्री से छेड़छाड़ मामलें में फरार आरोपी गिरफ्तार

खेल में शामिल अन्य आरोपी दून पुलिस के रडार पर

देहरादून। फर्जी दस्तावेज और रजिस्ट्री से छेड़छाड़ मामलें में फरार आरोपी अधिवक्ता इमरान सहित 2 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं फर्जी रजिस्ट्री के खेल में शामिल अन्य आरोपी दून पुलिस के रडार पर हैं।
वादी सहायक महानिरीक्षक निबंधन संदीप श्रीवास्तव व जिलाधिकारी द्वारा 3 गठित समिति की जांच रिपोर्ट जिसमें आरोपियों की मिली भगत से धोखाधडी की नियत से आपराधिक षडयन्त्र रचकर उप निबंधक कार्यालय भूमि विक्रय विलेख के साथ छेडछाड कर अभिलेखो की कूटरचना करना के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज कराया गया था। डीआईजी की ओर से एसआईटी का गठन किया गया। टीम द्वारा रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी करते हुए रिंग रोड से संबंधित 30 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर सभी लोगों से पूछताछ की तथा पूछताछ में कुछ प्रोप्रटी डीलर के नाम प्रकाश में आये जिनसे गहन पूछताछ में फर्जीवाडे में कई लोगों के नाम प्रकाश में आये गठित टीम द्वारा कई संदिग्धों के विभिन्न बैंक अकाउण्ट का भी अवलोकन किया गया जिसमें करोड़ो रूपयो का लेन-देन होना पाया गया। इन लोगो द्वारा बनाये गये दस्तावेजों को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त करने पर कई फर्जीवाड़े का होना भी पाया गया।
पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर प्रकाश मे आये आरोपियों के सम्भावित ठिकानों पर गठित टीम द्वारा बराबर दबिश दी जा रही है। मुखबिरों की सहायता से आरोपियों सन्तोष अग्रवाल, दीप चन्द अग्रवाल व रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त डालचन्द को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी क्रम में फरार चल रहे आरोपी इमरान अहमद को नेहरू कॉलोनी क्षेत्र से गिरफ्तार किया। पूछताछ में यह बात प्रकाश में आयी कि आरोपी इमरान का अन्य सहयोगियों के माध्यम से सहारनपुर निवासी केपी (कुंवर पाल ) से हुआ था तथा इनके द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त अजय क्षेत्री के साथ मिलकर ऐसी जमीने जो कई वर्षों से विवादित हो और खाली पड़ी हो उन जमीनो के कागजात जिल्द फाइलो से निकालकर केपी को दिये जाते थे तथा केपी द्वारा अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर उन कागजातों की फर्जी रजिस्ट्रियां बनाकर कर पुनः उनकी प्रतियां उन्ही जिल्द फाइलों में अजय क्षेत्री के माध्यम से लगवा दिये जाते थे।
इमरान के बयानों के आधार पर रजिस्ट्रार कार्यालय में बाइडिंग का कार्य करने वाले अजय क्षेत्री को भी बल्लूपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया पूछताछ केपी के अलावा अन्य कई आरोपियों का इस अपराध में शामिल होना प्रकाश में आया है जिनकी तलाश की जा रही है साथ ही विवेचना में रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त अन्य कर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। पूछताछ में प्रकाश में आये तथ्य अब तक की विवेचना से एवं गिरफ्तारशुदा आरोपियों के बयानों तथा प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर यह बात प्रकाश में आयी कि रजिस्ट्रार ऑफिस में नियुक्त बाइन्डर अजय क्षेत्री ने लालच में आकर वर्ष 1984-85 व वर्ष 1980 की जिल्द फाइलो में से ऐसे कागजात जो लोन, लीज, तितम्बा, किरायेनामा आदि से सम्बन्धित हो उन कागजातों को फाइलों से निकालकर अभियुक्त केपी को दिया जिसके पश्चात आरोपियों ने रिंग रोड, रानी पोखरी, नवादा आदि जमीनो के भूस्वामियों के नाम से अपने आदमियो के नाम की फर्जी रजिस्ट्रियां करना दिखाते हुये उन कागजो को वापस अजय क्षेत्री के माध्यम से पुनः उसी क्रम में उसी वर्ष की जिल्द फाइलो में चिपका दिया जाता था। इसके पश्चात आरोपी रजिस्ट्रार कार्यालय से प्रमाणित प्रति प्राप्त कर उन जमींनो की दाखिल खारिज करवाकर प्रॉपर्टी डीलरो के माध्यम से जमीने बेचा करते थे। आरोपियों ने इन कूटरचित रजिस्ट्रियों के माध्यम से जमीने बेचकर लगभग 15 करोड़ से अधिक का मुनाफा कमाया जिसका बंटवारा आरोपियों एवं अन्य प्रकाश में आये आरोपियों ने आपस में तय किये प्रतिशत अनुसार बांट लिये तथा केपी द्वारा बाइन्डर अजय क्षेत्री को भी काम के एवज में करीब 45 लाख का 166 गज का एक प्लॉट रिंग रोड पर रजिस्ट्री कर दिया गया साथ ही लगभग 10-15 लाख रूपये की आर्थिक मदद विभिन्न तरीके से की। आरोपी अजय क्षेत्री के कब्जे से आरोपियों केपी व संतोष अग्रवाल व अन्य प्रकाश में आये आरोपियों द्वारा रिंग रोड पर खसरा नं0 1584 रकबा 166 गज भूमि प्लॉट की रजिस्ट्री व आरोपी अजय क्षेत्री के बैंक अकाउण्ट की पासबुक, जिसमें लाखों रूपये की एन्ट्री है, को बरामद किया गया।

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