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पीएम मोदी आपदा से हुए नुकसान को लेकर बनाए हुए नज़र  

कुमाऊं मंडल में बागेश्वर व नैनीताल जिले भी बारिश का येलो अलर्ट जारी

प्रदेश के कई जिलों में मिली भूस्खलन की जानकारी
देहरादून। उत्तराखंड में कई जिलों में पिछले कई घंटे से बारिश का सिलसिला जारी है और इसके चलते भूस्खलन की भी घटनाएं देखने को मिली हैं। भारी बारिश और आपदा से उत्पन्न स्थिति का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संज्ञान लिया है और पीएम कार्यालय ने राज्य में मौजूदा स्थिति की भी जानकारी ली है। खुद प्रधानमंत्री भी इन हालातों पर नजर रखे हुए हैं। उधर सीएम पुष्कर सिंह धामी भी स्थिति पर खुद नजर रखे हुए हैं।
प्रदेश में शुक्रवार को भी बारिश का सिलसिला जारी रहा। मौसम विभाग की मानें तो उत्तरकाशी जिले में कई जगह भारी बारिश हो सकती है। जिले में मौसम विभाग ने भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है। हालांकि उत्तरकाशी के अलावा गढ़वाल मंडल में देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है और इन जिलों में कई जगहों पर तेज बारिश की बौछारें होने की संभावना जताई गई है। इसी तरह कुमाऊं मंडल में बागेश्वर और नैनीताल जिले भी येलो अलर्ट जारी किया है।
राज्य में भारी बारिश और आपदा से उत्पन्न स्थिति का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संज्ञान लिया है और पीएम कार्यालय ने राज्य में मौजूदा स्थिति की भी जानकारी ली है। खुद प्रधानमंत्री भी इन हालातों पर नजर रखे हुए हैं। रेस्क्यू के लिए एयर फोर्स का चिनूक, एमआई 17 रवाना, तीन टैंकर एटीएफ की मदद भी भेजी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर पीएमओ ने हर आवश्यक सहायता के प्रति आश्वस्त किया है।उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है। लगातार हो रही तेज बारिश के कारण टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग चंपावत, बागेश्वर में कई जगह से भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही है।
मौजूदा स्थिति को देखते हुए उत्तरकाशी जिला प्रशासन को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्थितियों पर खुद नजर रख रहे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के साथ एसडीआरएफ को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है। जबकि सभी जिला प्रशासन से भी इन स्थितियों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि मौसम विभाग के भारी बारिश के अलर्ट के बाद केदारनाथ यात्रा सस्पेंड कर दी गई है। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर कई जगह भूस्खलन होने से यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ यात्रा फिलहाल रोक दी गई है। बीते दिन भूस्खलन के कई यात्री फंस गए थे। केदारनाथ रेस्क्यू अभियान के लिए पीएमओ ने भी हाथ बढ़ाया है। केदारघाटी में भारी बारिश के बाद प्रशासन द्वारा रेस्क्यू कर यात्रियों को लगातार सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। बुधवार देर शाम से गुरुवार रात तक हेलीकॉप्टर से यात्रियों का मैनुअल रेस्क्यू किया गया। वहीं उत्तराखंड में भारी बारिश से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।


लिंचोली एवं भीमबली से 480 यात्रियों को एयर लिफ्ट कर किया रेस्क्यू
रुद्रप्रयाग। केदारघाटी में अत्यधिक बारिश के कारण जगह -जगह अवरूद्ध हुए केदारनाथ यात्रा मार्ग में फंसे तीर्थयात्रियों को जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में रेस्क्यू टीमों एवं जिला प्रशासन द्वारा पूरी मुस्तैदी के साथ दूसरे दिन शुक्रवार को रेस्क्यू कार्य कर शुरू कर दिया गया है। बीती देर रात तक रेस्क्यू अभियान जारी रहा। शुक्रवार दोपहर साढ़े 12 बजे तक लिंचोली एवं भीमबली से एयर लिफ्ट कर लगभग 480 यात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया है। वहीं गौरीकुंड- सोनप्रयाग के बीच लगभग 1500 यात्रियों को सफल रेस्क्यू किया जा चुका है। अपर मुख्य अधिकारी केदारनाथ विकास प्राधिकरण योगेंद्र सिंह ने अवगत कराया कि केदारनाथ धाम में मौजूद तीर्थ यात्रियों को सुबह मुख्य हेलीपैड पर पहुंचा दिया गया है। यहीं से एमआई 17 से 15 तीर्थ यात्रियों को गौचर हैलीपैड रेस्क्यू किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मौसम खराब होने के कारण एमआई एवं चिनूक विमान अभी उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। केदारनाथ में मौजूद करीब 450 तीर्थ यात्रियों को जिला प्रशासन की ओर से लगातार राहत सामाग्री, फूड पैकेट्स एवं भोजन उपलब्ध करवाया गया। वहीं बीकेटीसी द्वारा तीर्थ यात्रियों को फल वितरित किए गए।
बताया कि मौसम ठीक होते ही केदारनाथ में मौजूद यात्रियों को रेस्क्यू किया जाएगा। उधर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती सहित अन्य संबंधित अधिकारी सोनप्रयाग- गौरीकुंड मार्ग सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों में स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान जिलाधिकारी ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा बलों की हौसला अफजाई करते हुए सभी तीर्थ यात्रियों का कुशलता के साथ सुरक्षित रेस्क्यू करने के निर्देश दिए। साथ ही आपदा के चलते क्षेत्र में हुई क्षति का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।इसके साथ ही एनडीआरएफ एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा घायल तीर्थ यात्रियों का उपचार किया जा रहा है।

उत्तराखंड में आपदा से अभी तक 11 लोगों की मौत
देहरादून। बता दें कि उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते जान-माल के साथ अन्य नुकसान हुआ है। आपदा प्रबंधन सचिव के अनुसार अब तक कुल 11 लोगों की मौत हो चुकी है। भीमबली और लिनचोली में 300 लोग फंसे हुए थे। पूरे केदारनाथ धाम के विभिन्न पड़ावों पर 1000 से 1500 लोग फंसे हुए थे। यात्रियों का रेस्क्यू करने के लिए वायुसेना के एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। विजिबिलिटी कम होने की वजह से एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे थे, लेकिन सभी बाधाओं को पार करते हुए लिनचोली में सभी यात्रियों का रेस्क्यू सफलता पूर्वक कर लिया गया।

सीएम धामी ने पीएम और सेना का जताया आभार
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक्स आकाउंट (ट्विटर) पर कहा कि राज्य के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में भारतीय वायु सेना द्वारा ऑपरेशन शुरू करने के लिए पीएम मोदी का आभार है। हमारे जवानों द्वारा युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अभी तक 5000 से अधिक लोगों को सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है।

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