देहरादून: शहर में रेड अलर्ट होने के बावजूद बदमाश दिनदहाड़े लूट की घटनाओं को अंजाम दे ही रहे हैं, लेकिन जो भूमाफिया फर्जी दस्तावेज बनाकर करोड़ों की जमीन बेचकर बैठे हैं, उनके दिलों में भी पुलिस का खौफ खत्म हो चुका है। शहर में दो एक मामले सामने आए हैं, जिनमें पुलिस की ओर से नोटिस भेजने के बावजूद भूमाफिया अपने बयान दर्ज कराने नहीं आ रहे।
एसएसपी के पास एक शिकायत पहुंची थी जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि मौजा धोरणखास व सहस्त्रधारा में करीब 35 बीघा जमीन को नगर निगम में सेटिंग गेटिंग कर एसेसमेंट चढ़वा लिया गया। जबकि यह भूमि नगर निगम व ग्राम सभा के नाम फर्द में दर्ज है। इस गिरोह में सहारनपुर के कई लोग शामिल हैं। गिरोह का मुखिया अरुण है जोकि संपतियों में धनराशि लगाने का काम करता है वहीं रिजवान पुलिस प्रशासन, तहसील व नगर निगम में सेटिंग करवाता है। इन व्यक्तियों ने षड़यंत्र के तहत शहर कोतवाली क्षेत्र में करीब नौ बीघा जमीन को अपने नाम चढ़ाया और खुद जमीन के मालिक बन गए।
जमीन के असली मालिक अनूप कुमार ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर आरोपितों के खिलाफ सहारनपुर व दिल्ली के नौ आरोपितों के विरुद्ध मार्च 2021 में मुकदमा दर्ज किया था। मामले की विवेचना शहर कोतवाली पुलिस ने की और गिरफ्तारी के वारंट जारी कर सहारनपुर के जनकपुरी थाने में तामिल करवाए, लेकिन आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई। करीब एक साल बीत जाने के बावजूद भी जब आरोपितों की गिरफतारी नहीं हुई तो मामला एसएसआइ को ट्रांसफर किया गया।
एसएसआइ ने मामले की जांच करने के बाद इस पर अंतिम रिपोर्ट लगा दी। इस मामले में एक व्यक्ति ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए एसएसपी को शिकायत दी। एसएसपी ने मामले की फाइल दोबारा खोलने के निर्देश जारी करते हुए जांच शहर कोतवाली को दी है। मामले की जांच कर रहे सीओ सिटी नीरज सेमवाल ने आरोपितों को नोटिस भेजकर 10 नवंबर को बुलाया था, लेकिन कोई भी आरोपित अपने बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा।
डांडा नूरीवाला में जमीन बेचने वाला भूमाफिया भी नहीं हुआ पेश
रायपुर थाना क्षेत्र में डांडा नूरीवाला में फर्जी बुजुर्ग महिला खड़ी कर पांच रजिस्ट्री करने के मामले में भी भूमाफिया पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुआ। पुलिस की ओर से आरोपितों को छह नवंबर को पेश होने के लिए नोटिस जारी किए थे। प्रकरण की जांच कर रहे सीओ रायपुर अभिनव चौधरी ने बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन बेचने वाले मुख्य आरोपित का आधार कार्ड फर्जी पाया गया है। उसे नोटिस देकर बयान देने के लिए बुलाया था, लेकिन वह पेश नहीं हुआ। जल्द ही आरोपित के खिलाफ दूसरा नोटिस जारी किया जाएगा। यहां भूमाफिया ने बुजुर्ग महिला की जगह दूसरी महिला को खड़ा कर दिया। दस्तावेज में महिला का नाम कहीं देवी तो कहीं देई दर्शाया गया है। पहले महिला की ओर से किसी अभिषेक के नाम पावर आफ अटार्नी करवाई गई। इसके बाद व्यक्ति ने जमीन की पांच रजिस्ट्रियां करके जमीन बेच डाली। मुख्तारनामा में जिस बुजुर्ग महिला को जमीन का मालिक बताया गया है, उसकी व दो गवाहों की फोटो लगी है जबकि जिस अभिषेक के नाम से मुख्तारनामा किया गया है, उसकी फोटो व हस्ताक्षर तक नहीं हैं।