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उत्तराखंड पर मौसम के चलते अगले 48 घंटे भारी

मौसम विभाग ने जारी किया बारिश का अलर्ट

नदियों किनारे रहने वाले लोगों को दिया सर्तक रहने का सुझाव
देहरादूनरू उत्तराखंड में मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटे के दौरान भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। खास तौर पर कुमाऊं मंडल के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका व्यक्त की है। पर्वतीय जनपदों में लैंडस्लाइड की घटनाओं को लेकर और नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को खास तौर पर सतर्क रहने के सुझाव दिए गए।
प्रदेश में आगामी 48 घंटे के दौरान कई क्षेत्रों में भारी बारिश लोगों के लिए बड़ी समस्या बन सकती है। हालांकि मौसम विभाग ने शनिवार यानी आज भी कई जनपदों में तेज बारिश होने के आसार जताए है, लेकिन 21 और 22 जुलाई को भी विभिन्न जनपदों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
मौसम विभाग की माने तो शनिवार को जहां देहरादून, नैनीताल और चंपावत जनपद में तेज बारिश हो सकती है तो वहीं 21 और 22 जुलाई को कुमाऊं के जनपदों में बेहद ज्यादा बारिश होने की उम्मीद है। आने वाले 48 घंटे में कुमाऊं मंडल के नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जनपद में तेज बारिश होने का अनुमान लगाया गया है।
इसके अलावा गढ़वाल के जिलों में पौड़ी जनपद में भी तेज बारिश की आशंका व्यक्त की गई है। मौसम विभाग के अनुसार रात के समय लोगों को ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है। इस दौरान लैंडस्लाइड संभावित क्षेत्रों और नदियों के किनारे रहने वाले लोग ज्यादा सावधानी बरते। हालांकि 23 जुलाई से कुमाऊं मंडल के जिलों में बारिश कम होने की उम्मीद लगाई जा रही है।
राज्य में मौसम विभाग 23 जुलाई के बाद गढ़वाल के जनपदों में भी इसी तरह तेज बारिश होने की आशंका व्यक्त कर रहा है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के साथ ही जिला प्रशासन भी अलर्ट हो रका है।
प्रदेश में चारधाम यात्रा को लेकर भी विशेष तौर पर जिला प्रशासन को नजर रखने के लिए सुझाव दिए गए हैं। हालांकि अधिकतर कुमाऊं मंडल के जनपदों में ही भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है, वहीं कुमाऊं मंडल से लगे हुए गढ़वाल के जनपदों में भी इसका असर दिखाई देगा।

बारिश से बेहाल हुआ उत्तराखंड
बॉर्डर रोड और नेशनल हाईवे समेत 177 सड़कें
मौसम विभाग का अलर्ट जारी
देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों मॉनसून सीजन अपने चरम पर है। प्रदेश के कई इलाकों में एक बार फिर से अगले 48 घंटों के लिए मौसम विभाग का अलर्ट जारी है। शनिवार को भी कई इलाकों में लगातार बारिश दर्ज की गई है। बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं भी बढ़ी हैं। जिससे छोटे-बड़े कई मार्ग और नेशनल हाईवे भी बंद हो रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा असर उत्तराखंड चारधाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर पड़ रहा है।
प्रदेश में सड़कों की मौजूदा स्थिति की बात की जाए तो 20 जुलाई 2024 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अब तक 177 सड़कें बंद हैं जिन्हें खोलने की कार्रवाई चल रही है। जिलावार बंद सड़कों की अगर बात की जाए तो रुद्रप्रयाग में 8 ग्रामीण मार्ग, उत्तरकाशी जिले में 3 सड़कें बंद हैं। नैनीताल जिले में 5 मोटर मार्ग और बागेश्वर जिले में 11 सड़कें अवरुद्ध हैं।
वहीं राजधानी देहरादून में 18 सड़कें, पिथौरागढ़ में 1 बॉर्डर और 1 नेशनल हाईवे समेत कुल 33 सड़कें बंद हैं। अल्मोड़ा जिले में 3 मोटर मार्ग, चंपावत जिले में 17 सड़कें, पौड़ी गढ़वाल में 8 सड़कें, चमोली जिले में 20 सड़कें, टिहरी जिले में भी 12 सड़के बंद हैं। जबकि उधम सिंह नगर में 5 सड़कें बाधित हैं। जिन्हें खोलन की कार्रवाई जारी है। इन सड़कों में 1 बॉर्डर रोड और नेशनल हाईवे समेत कई ग्रामीण सड़क, राज्य मार्ग, जिला मार्ग शामिल है। आपदा प्रबंधन विभाग के कोऑर्डिनेशन से लगातार इन सड़कों को खोलने का काम किया जा रहा है।
आपदा प्रबंधन के मुताबिक मॉनसून सीजन में दैवीय आपदा के कारण 23 और सड़क दुर्घटनाओं में 38 लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों की संख्या में लोग घायल भी हुए हैं और कई घरों को नुकसान भी पहुंचा है।
हालांकि, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि फिलहाल पिछले 48 घंटे में किसी तरह की कोई बड़ी घटना की सूचना नहीं मिली है। लगातार जिला प्रशासन के साथ आपदा प्रबंधन बैठक कर बंद मार्गों को खोलने की कार्रवाई कर रहा है। आपदा प्रबंधन और समस्त जिला प्रशासन पूरे प्रदेश के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं।


भयानक लैंडस्लाइड में ढहा मसूरी कोतवाली का बड़ा हिस्सा
मसूरी। पहाड़ों की रानी मसूरी में भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बारिश से मसूरी कोतवाली का एक बड़ा भाग भूस्खलन की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गया है। मसूरी कोतवाली में बना मां दुर्गा का मंदिर भी भूस्खलन की चपेट में आकर धराशाई हो गया।
कोतवाली के निचले हिस्से में खड़ी पुलिस कर्मियों की दो मोटर बाइक और सड़क पर खड़े 7 रिक्शे भी मलबे की चपेट में आकर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। मसूरी कोतवाली के एक भाग और एलआईयू का कार्यालय का भी खतरा पैदा हो गया है। मसूरी कोतवाल अरविंद चौधरी ने बताया कि देर रात को भारी बारिश के चलते मसूरी कोतवाली का एक बड़ा भाग भूस्खलन की चपेट में आ गया। इससे कोतवाली में बना मां दुर्गा का मंदिर और दो मोटर बाइक और 7 रिक्शे क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने कहा कि घटना की सूचना उच्च अधिकारियों के साथ ही एसडीएम मसूरी को दे दी गई है। सुरक्षा के इंतजाम किये जा रहे हैं। मसूरी मजदूर संघ के अध्यक्ष रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि देर रात को कोतवाली मसूरी में हुए भूस्खलन की चपेट में काफी नुकसान हुआ है। रिक्शे क्षतिग्रस्त होने से रिक्शा चालकों को भारी नुकसान हो गया है। उन्होंने कहा कि एक विधवा महिला जिसकी रोजी रोटी का साधन ही रिक्शा था, उसका रिक्शा पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और सरकार से जल्द रिक्शा चालकों को मुआवजा देने के साथ नए रिक्शा देने की मांग की है।

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