देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार अपनी कटिबद्धता जाहिर करती रही है। ऐसे में विजिलेंस भी इस मामले में तमाम शिकायतों के आधार पर जांच के बाद कार्रवाई में जुटी हुई है। खास बात यह है कि विजिलेंस के रडार पर अब 20 से ज्यादा ऐसे अधिकारी और कर्मचारी आ चुके हैं, जो भ्रष्टाचार के मामलों में शिकायतों में घिरे हुए हैं।
बड़ी बात यह है कि विजिलेंस ने भ्रष्टाचार की शिकायतों के मामले में इन अधिकारियों के खिलाफ जांच करने को लेकर शासन से अनुमति भी मांग ली है। जाहिर है कि अब विजिलेंस को शासन की अनुमति का इंतजार है, जिसके बाद प्रदेश के 20 से ज्यादा इन अधिकारियों- कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू हो सकेगी।
इससे पहले विजिलेंस राज्य के कई बड़े और महत्वपूर्ण मामलों की भी जांच कर रही है। इनमें कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध रूप से पेड़ काटने और अवैध निर्माण का मामला शामिल है। हालांकि अब इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है। इसके अलावा नियुक्तियों में गड़बड़ी मामले पर भी विजिलेंस जांच कर रही है।
राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस को विशेष अधिकार दिए गए हैं। लेकिन बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से पहले शासन की मंजूरी लेना जरूरी होता है। ऐसे में जिन अधिकारियों की शिकायतें विजिलेंस को मिल रही हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई से पहले विजिलेंस ने शासन से अनुमति की औपचारिकताओं को पूरा किया है। अब विजिलेंस को शासन से हरी झंडी का इंतजार है। विजिलेंस के निदेशक वी मुरुगेशन ने ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में 20 से ज्यादा अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के लिए शासन की अनुमति मांगने की पुष्टि की है।