उत्तराखंडक्राइमनैनीताल

वनभूलपूरा हिंसा के 50 आरोपियों को मिली जमानत

मुख्य आरोपी और उसके बेटे को राहत नहीं

अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई थी हिंसा
नैनीताल। बहुचर्चित वनभूलपूरा हिंसा मामले में बुधवार को आरोपियों को नैनीताल हाईकोर्ट से उस समय बड़ी राहत मिल गई जब इस मामले के 50 आरोपियों की जमानत को मंजूर कर लिया गया। उल्लेखनीय है कि इस मामले में एक आरोपी तस्लीम कुरैशी और मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की पत्नी सोफिया मलिक को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
बीते साल 8 फरवरी को अतिक्रमण अभियान हटाने के दौरान हल्द्वानी के बनभूलपुरा में व्यापक स्तर पर हिंसा और आगजनी की घटना हुई थी जिसमें दंगाइयों ने थाने तक को फूंक डाला था तथा इस हिंसा में छह लोगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। हिंसा, आगजनी और पथराव की इस घटना ने प्रदेश के शासन-प्रशासन तक को हिला कर रख दिया था तथा दर्जनों पुलिसकर्मी भी इसमें घायल हुए थे। राज्य गठन के बाद हिंसा की यह सबसे बड़ी वारदात के रूप में सामने आने वाली घटना थी।
पुलिस द्वारा मौके से 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जबकि नौ लोगों के पोस्टर तक छापे गए थे। इस मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक व उसकी पत्नी सहित कुल 107 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। इन आरोपियों द्वारा निचली अदालतों में अपनी जमानत के लिए याचिका दी गई थी जो खारिज हो गई थी। एक आरोपी तस्लीम कुरैशी को अभी 16 जून को गंभीर रूप से बीमारी के आधार पर तथा मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की पत्नी सोफिया मलिक को बीती 4 जून को जमानत दी जा चुकी है।
अन्य 50 आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए 5 दिन पूर्व वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की पीठ ने इनकी बेल पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर आज फैसला सुनाते हुए 50 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का फैसला सुनाया गया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस मामले में अभी मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक और उसके बेटे को जमानत नहीं मिल सकी है। इस मामले में गिरफ्तार कुल 107 लोगों में से 52 लोगों की जमानत ही मंजूर हुई है लेकिन अन्य आरोपियों को भी जमानत मिलने की संभावना जरूर की जा रही है। आरोपियों का कहना था कि 90 दिन बाद भी पुलिस ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया जा सका हैं और न ही रिमांड बढ़ाने का कोई ठोस कारण पेश किया गया है इसलिए उनकी जमानत मंजूर की जानी चाहिए।

बनभूलपुरा हिंसाः मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की संपत्ति की जांच करेगी ईडी
ह़ल्द्वानी। 8 फरवरी  को नैनीताल जिले के हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के दौरान उपद्रवियों ने हिंसा कर दी थी। उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने को आग लगाकर पुलिसकर्मियों को जलाकर मारने की कोशिश हुई थी। अनेक वाहनों को आग लगाकर नष्ट कर दिया गया था। इस हिंसा में कई लोगों की मौत हुई थी, बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। पुलिस ने 107 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया था। अब्दुल मलिक को हिंसा का मुख्य आरोपी बनाया गया था। अब अब्दुल मलिक की संपत्ति की जांच ईडी को सौंप दी गई है।  बनभूलपुरा हिंसा का मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक अभी नैनीताल जिला कारागार में बंद है। अब्दुल मलिक की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। राज्य सरकार ने भी मलिक शिकंजा और कसना शुरू कर दिया है। अब्दुल मालिक की संपत्ति की जांच अब ईडी करेगी। पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार से मलिक के खिलाफ जांच करने की संस्तुति की गई है। बताया जा रहा है कि अब्दुल मलिक ने (कंपनी बाग) मलिक का बगीचा वाली सरकारी भूमि को अवैध रूप से कब्जा कर लोगों को 10 और 100 रुपये के स्टांप पेपर पर लाखों और करोड़ों रुपए में बेचकर संपत्ति को अर्जित। सूत्रों के अनुसार जांच पड़ताल में सामने आया कि 2017 के बाद से अब्दुल मलिक ने बड़े पैमाने पर सरकारी भूमि को बेचने का काम किया। जमीन खरीदने वालों के पास इतने पैसे कहां से आए और उन पैसों को अब्दुल मलिक ने कहां ठिकाना लगाया, इसकी पूरी जांच अब ईडी करेगी। यही नहीं जांच पड़ताल में यह भी सामने आया है कि जिन लोगों को जमीन बेची गयी, उनको बिना कागजात के ही बिजली पानी के कनेक्शन दिए गए. जांच के बाद कई अधिकारियों के ऊपर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं, जिन्होंने इस तरह की लापरवाही बरती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button