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उत्तराखण्ड का अब तक का सबसे बड़ा बजट

धामी सरकार ने पेश किया 89,230.07 करोड़ रुपये का बजट

88,597.11 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का अनुमान
युवाओं को समर्पित है धामी सरकार का बजट
राष्ट्रीय खेलों के लिए 250 करोड़
सरकारी डिग्री कॉलेजों की शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए 10 करोड़ रुपये

देहरादून। उत्तराखंड की धामी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 89 हजार 230 करोड़ 7 लाख का बजट पेश कर दिया है। सरकार को 88,597.11 करोड़ के राजस्व प्राप्ति का अनुमान है। इसमें 60,552.90 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति और 28,044.21 करोड़ की पूंजीगत प्राप्तियों का अनुमान लगाया गया है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल छिहत्तर हजार पांच सौ बयानबे करोड़ चैवन लाख रुपये (76592.54 करोड रुपये ़) का बजट पेश किया गया था। इसमें सत्तावन हजार सत्तावन करोड़ छब्बीस लाख (57057.26 करोड रुपये़) राजस्व प्राप्तियां व उन्नीस हजार पांच सौ पैंतीस करोड़ अठ्ठाइस लाख (19535.28 करोड रुपये़) पूंजीगत प्राप्तियां अनुमानित थीं।
धामी सरकार ने अपने 2024-25 के बजट में राष्ट्रीय खेलों के लिए 250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। दरअसल 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखंड को मिली है। 38वें राष्ट्रीय खेल इसी साल होने हैं। ऐसे में राज्य सरकार के 250 करोड़ के बजट से अब नेशनल गेम्स की तैयारियों को पंख लगेंगे। खेलो इंडिया के लिए दो करोड़ का बजट रखा गया है।
युवा शक्ति को तोहफा देते हुए धामी सरकार ने बजट में सरकारी डिग्री कॉलेजों की शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने हेतु 10 करोड़ रुपए दिए हैं। इसके साथ ही एनईपी के तहत चल रही अनुसंधान योजना को के लिए 2 करोड़ की व्यवस्था की गई है। दरअसल आरटीई के तहत 94 हजार से ज्यादा बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है। बजट में विज्ञान केंद्र चंपावत को तीन करोड़ का प्रावधान किया गया है।
इसके साथ ही उदीयमान खिलाड़ियों की छात्रवृत्ति के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य और राष्ट्रीय युवा महोत्सव के लिए 10 करोड़ रुपए दिए गए हैं। प्रशिक्षण शिविर के लिए 5 करोड़ की व्यवस्था की गई है। पिथौरागढ़ स्पोर्ट्स कॉलेज भवन के लिए दो करोड़ का बजट रखा गया है।

फ्री गैस सिलिंडर के लिए 54 करोड़
देहरादून। धामी सरकार ने बजट में गरीबों का भी ध्यान रखा है। 1,83,419 अंत्योदय कार्ड धारकों के निशुल्क गैस रिफिल के लिए साल में तीन सिलिंडर के लिए 54 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। खाद्यान्न योजना के लिए 20 करोड़ का बजट रखा गया है। इसके साथ ही पीएम आवास योजना ग्रामीण के लिए 390 करोड़ का बजट दिया गया है। राज्य आंदोलकारियों के कल्याण और कोर्प्स फंड के लिए 44 करोड़ की व्यवस्था की गई है।

सब्सिडी के लिए 679 करोड़
देहरादून। विभिन्न विभागों की योजनाओं में सब्सिडी के लिए 679 करोड़ 34 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड के सभी जिलों में हवाई संपर्क के लिए कदम उठाया जा रहा है। सड़क और पैदल यात्रा मार्गों के असुरक्षित पुलों से छुटकारा दिलाने की भी सरकार की योजना है। सभी जिलों में स्वरोजगार केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही जिला मुख्यालयों में ऑडिटोरियम और संस्कृति केंद्रों की स्थापना भी होगी। सबसे खास बात ये होगी कि अनुभव बढ़ाने के लिए छात्रों को राज्य से बाहर शैक्षिक भ्रमण पर ले जाया जाएगा।


विपक्ष ने बजट सत्र में सरकार को घेरा
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है। सरकार ने सदन में बजट पेश करने से पहले विपक्ष ने उसे जमकर घेरा। उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कानून व्यवस्था के मुद्दे को सदन में उठाया।
दूसरे दिन की कार्रवाई शुरू होते ही सदन में विपक्ष लगातार प्रश्नकाल में सरकार के ऊपर एक के बाद एक सवाल दागे। वहीं सदन में जाने से पहले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विपक्ष की पूरी कोशिश है कि वह सदन को सुचारू संसदीय कार्य प्रणालियों के अनुसार चलाने में अपना सहयोग दे। साथ ही यशपाल आर्य ने यह भी कहा कि उनकी हर एक कोशिश होती है कि सदन में किसी भी तरह का व्यवधान विपक्ष खड़ा ना करे। सदन में जाने से पहले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। जिस तरह से एक के बाद एक लॉ एंड ऑर्डर के मामले प्रदेश भर में चले आ रहे हैं, उनको लेकर विपक्ष नियम 310 के तहत सदन में सवाल खड़ा कर रहा है।

सिंचाई नहर निर्माण का मामला उठा
देहरादून। विधायक रवि बहादुर ने सदन में ज्वालापुर सुभाषगढ़ सिंचाई नहर निर्माण योजना का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र पोषित एआईबीपी मद से कार्य हुआ है। नहर निर्माण में 7 करोड़ खर्च होने के बावजूद निर्माण कार्य अधूरा है। इस पर विपक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के नाम सरकार सार्वजनिक करे। वहीं प्रीतम सिंह ने कहा कि 2021 से जांच चल रही है, लेकिन ये आज तक पूरी नहीं हुई। इस पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि घोटालेबाज अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। महाराज ने ये भी कहा कि काश्तकारों से एनओसी के बाद निर्माण कार्य पूरा करेंगे।


विपक्ष के चक्रव्यूह में फंसे सतपाल महाराज
देहरादून। दरअसल आज सदन में पर्यटन, सिचाईं, लोक निर्माण और पंचायतीराज से जुड़े अधिकतर सवाल उठाए गए हैं। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ही इन सभी विभागों के मंत्री हैं। विपक्ष का कहना है कि वो सतपाल महाराज के जवाब से सन्तुष्ट नहीं हैं। सदन में ऐसा लगा कि विपक्ष के सवालों पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज घिरते जा रहे थे। सतपाल महाराज को विपक्ष के चक्रव्यूह में फंसते देख संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मोर्चा संभाला। इस पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने प्रेमचंद अग्रवाल को संसदीय परंपराओं की याद दिलाते हुए निशाना साधा।


भाजपा विधायकों ने अपने ही मंत्री को घेरा
देहरादून। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की मुसीबत यहीं खत्म नहीं हुई। भाजपा विधायक विनोद चमोली और मुन्ना सिंह चैहान ने भी लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज से नीतिगत सवाल पूछ लिए। विनोद चमोली और मुन्ना सिंह चैहान ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की कार्रवाई पर सवाल उठाए। दोनों विधायकों ने पूछा कि सतपाल महाराज के विभाग के लिए क्या हैं सड़कों के गड्डों के मानक? किस सड़क को गड्ढे वाली मानें और किसे पुनर्निर्माण के लायक माना जाए।

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