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उत्तराखंड में 24 घंटे से जोरदार बारिश जारी

राज्य के कई हिस्से पानी में डूबे

मौसम विभाग की चेतावनी अगले पूरे सप्ताह बरसेंगे बादल
चंपावत, नैनीताल, उधमसिंह नगर जिलों के लिए रेड अलर्ट
कई स्थानों पर बने बाढ़ जैसे हालात
देहरादून। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक कुमाऊं और गढ़वाल के अधिकतर जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने कुमाऊं मंडल के कुछ जिलों में भारी से भारी बारिश की संभावना व्यक्त की थी। चंपावत, नैनीताल, उधमसिंह नगर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया था। जैसा अनुमान मौसम विभाग ने लगाया था वैसी ही भारी से भारी बारिश हो रही है।
बीते 24 घंटे में प्रदेश के कुमाऊं और गढ़वाल के अधिकतर जिलों में भारी बारिश देखने को मिल रही है। इधर देहरादून जिले के मोहकमपुर में सबसे तेज बारिश हुई है। कुमाऊं के ज्यादातर क्षेत्रों में 125 एमएम बारिश दर्ज की गई है। कुमाऊं रीजन के बनबसा में आज भारी बारिश की वजह से 98 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई है।
उत्तराखंड के अमूमन जिलों में सुबह से ही तेज बारिश लगी हुई है। मैदानी इलाकों का हाल इस वक्त सबसे बुरा है। राजधानी देहरादून के माजरा क्षेत्र में सुबह हुई मूसलाधार बारिश के कारण सड़कों तक पानी आ जाने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सड़कों के किनारे नालियां चोक होने पर निगम के कर्मचारियों ने चोक हुई नालियों को खुलवाया। यही हाल हरिद्वार का भी है, जहां बारिश ने सुबह से कांवड़ यात्रा पर असर डाला है।
मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने आज भी उत्तराखंड के अधिकतर जिलों में वर्षा होने के आसार जताए थे। ये आसार सही साबित हुए हैं। मौसम विभाग ने बारिश की एक्टिविटी कम होने के कारण कुमाऊं रीजन के नैनीताल, चंपावत, उधमसिंह नगर, पिथौरागढ़ और बागेश्वर के लिए रेड अलर्ट की जगह ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 23 तारीख को भी इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विक्रम सिंह के अनुसार गढ़वाल क्षेत्र के ज्यादातर जिलों में कई दौर की हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। लेकिन देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी जिलों के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका है।
डॉ विक्रम सिंह ने बताया कि अगले 5 से 7 दिन प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश की एक्टिविटी बनी रहेगी। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि मानसून सिस्टम ऊपर की ओर शिफ्ट हो रहा है। इसलिए उत्तराखंड में आने वाले दिनों में बारिश की लाइट टू मॉडरेट एक्टिविटी बनी रह सकती है। इस दौरान मौसम वैज्ञानिकों ने तेज बारिश के बीच दिन और रात के समय अधिक सतर्क रहने की सलाह भी दी है।

उत्तराखण्ड में भारी बारिश,कई सड़कें बंद तो कहीं सड़कें पानी में डूबी
देहरादून। उत्तराखंड के अमूमन जिलों में सुबह से ही तेज बारिश लगी रही। जिसके चलते पहाड़ी क्षेत्र में भूस्खलन की आशंका बढ गयी है। प्रदेश की राजधानी देहरादून के माजरा क्षेत्र में सुबह हुई मूसलाधार बारिश के कारण सड़कों तक पानी आ जाने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सड़कों के किनारे नालियां चोक होने पर निगम के कर्मचारियों ने चोक हुई नालियों को खुलवाया।
मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने  23 तारीख को भी कुछ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विक्रम सिंह के अनुसार गढ़वाल क्षेत्र के ज्यादातर जिलों में कई दौर की हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। लेकिन देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी जिलों के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका है।
डॉ विक्रम सिंह ने बताया कि अगले 5 से 7 दिन प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश की एक्टिविटी बनी रहेगी। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि मानसून सिस्टम ऊपर की ओर शिफ्ट हो रहा है। इसलिए उत्तराखंड में आने वाले दिनों में बारिश की लाइट टू मॉडरेट एक्टिविटी बनी रह सकती है। इस दौरान मौसम वैज्ञानिकों ने तेज बारिश के बीच दिन और रात के समय अधिक सतर्क रहने की सलाह भी दी है।


केदारनाथ हाईवे पर लगातार गिर रहा मलबा, भूधंसाव से खाट गांव खतरे की जद में
रूद्रप्रयाग।  उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला जारी है। बारिश के चलते केदारनाथ हाईवे फाटा के पास खाट में बार-बार बाधित हो रहा है। हाईवे पर पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं। बंद होने के कारण दोनों छोरों पर यात्री और स्थानीय लोग फंसे रहे हैं। बीते देर रात बंद हुए राजमार्ग को सोमवार सुबह दसे बजे यातायात के लिए बहाल किया गया। हालांकि यहां पर लगातार पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरने का सिलसिला जारी है।
केदारनाथ आपदा के बाद से केदारनाथ हाईवे के फाटा के पास खाट गांव के नीचे लगातार भूधंसाव जारी है। कुछ दिन पूर्व हुए राजमार्ग चौड़ीकरण से गांव और भी खतरे की जद में आ गया है। वर्तमान में गांव में 85 परिवार निवास करते हैं, जबकि जिस स्थान पर भूस्खलन हो रहा है, उसके ठीक ऊपर एक प्राइमरी स्कूल के साथ ही मोबाइल टावर भी हैं। ग्रामीण लंबे समय से विस्थापन की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें विस्थापित नहीं किया जा रहा है। ऐसे में हर मानसून सीजन में ग्रामीणों को खतरा बना रहता है। प्रधान योगेंद्र तिवारी, ग्रामीण भरत कुर्माचली, लक्ष्मीकांत, योगम्बर प्रसाद ने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद से ही खाट गांव को खतरा बना हुआ है। शासन-प्रशासन ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ले रहा है। वहीं दूसरी ओर केदारनाथ धाम में भी बीते कई दिनों से मौसम खराब है। धाम में लगातार रूक-रूक कर बारिश हो रही है। इसके अलावा धाम पूरी तरह घने कोहरे की चपेट में है।

धामी ने किया राज्य आपदा परिचालन केन्द्र का किया औचक निरीक्षण
देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आईटी पार्क देहरादून स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही बारिश की स्थिति का जायजा लेते हुए अधिकारियों को हर समय अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये कि वे निरन्तर जिलाधिकारियों से समन्वय बना कर रखें। नदियों के जल स्तर पर नियमित निगरानी बनाए रखें।
मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से जिलाधिकारी नैनीताल, बागेश्वर, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, देहरादून से फोन के माध्यम से वार्ता कर बारिश की स्थिति, सड़कों की स्थिति, विद्युत और पेयजल की उपलब्धता तथा जलभराव के बारे में जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अतिवृष्टि के कारण यातायात बाधित न हो, सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में उन्हें शीघ्र खुलवाया जाए। जल भराव की स्थिति में निकासी की उचित व्यवस्था रखी जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि नदियों के जल स्तर बढ़ने की  स्थिति में नदी किनारे एवं अन्य संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को जागरूक किया जाए। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये कि हर जिले की अतिवृष्टि की स्तिथि पर निरन्तर नज़र बनाए रखें। जिलों के साथ परस्पर समन्वय स्थापित करें, ताकि किसी भी आपातकाल स्थिति से निपटा जा सके। राज्य के विभिन्न संवेदनशील इलाकों, अत्यधिक बारिश एवं आपदा ग्रस्त वाले इलाकों को लेकर भी विशेष नज़र बनाए रखें। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आपदा को लेकर किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही की जाए। रिस्पांस टाईम कम से कम रखने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। इस अवसर सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव आनन्द स्वरूप एवं संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बारिश के कारण पानी-पानी हुई राजधानी दून में बने बाढ़ जैसे हालत
देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश का दौरा जारी है। राजधानी देहरादून से लेकर प्रदेश में अन्य जिलों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है। सबसे बुरा हाल इस वक्त प्रदेश की राजधानी देहरादून में हो रखा है। बारिश के बाद यहां की तमाम सड़कें जलमग्न हो रखी है। सावन की पहली बारिश ने ही नगर निगम और जिला प्रशासन के सारे दावों की पोल खोल कर दी है। देहरादून में कुछ इलाकों का हाल देखकर तो ऐसा लग रहा है कि जैसे शहर में बाढ़ आ रखी हो।
भारी बारिश के बाद पूरा देहरादून पानी-पानी हो गया है। सड़कें नदियों में तब्दील हो गई है। देहरादून की सड़कों पर लोगों पर लोगों का पैदल तो छोड़िए गाड़ियों से चलना भी मुश्किल हो गया है। राजधानी देहरादून में बने इन हालात को कुदरत मार कहे या फिर नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही।
मॉनसून की दस्तक देने से पहले देहरादून नगर निगम और प्रशासन ने दावा किया था कि इस बार लोगों को जलभराव का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि शहर के सभी नदी-नाले को साफ कर दिए गए है। लेकिन सोमवार 22 जुलाई को जैसे ही देहरादून में मूसलाधार बारिश हुई, पूरा शहर जलमग्न हो गया। बता दें कि मौसम विभाग ने पहले ही 21 और 22 जुलाई को प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था, जिसके देखते हुए प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग सतर्क हो रखा है। मौसम विभाग की तरफ से लोगों से अपील की गई है कि भारी बारिश के दौरान जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले। पहाड़ों पर सफर करते समय खासतौर पर ध्यान रखे।

भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए विशेष सतर्कता बरतें श्रद्धालु,प्रशासन ने दिए निर्देश
रुद्रप्रयाग। मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश को लेकर जारी अलर्ट को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने श्री केदारनाथ धाम में आ रहे श्रद्धालुओं से विशेष सतर्कता बरतने के साथ ही अत्यधिक बारिश में यात्रा न करने की अपील की है।
उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला ने श्री केदारनाथ धाम के दर्शनों को पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों से स्थानीय प्रशासन व मौसम विभाग से मौसम की जानकारी लेने के बाद ही यात्रा शुरू करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि श्रावण मास में हो रही अत्यधिक बारिश के कारण जगहकृजगह यात्रा मार्गों में पत्थर गिर रहे हैं जिससे सुरक्षा की दृष्टि से यात्रा करना उचित नहीं है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग के चीरबासा, गौरीकुंड व लिनचोली आदि स्थानों में पत्थर गिरने की संभावना बनी रहती है। इसके अलावा रुद्रप्रयागकृगौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग के फाटा के डोलिया देवी मंदिर के समीप पत्थर गिरने की संभावना रहती है। ऐसी स्थिति में उन्होंने सभी से सतर्कता के साथ यात्रा करने की अपील की है। साथ ही जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से संपर्क कर ही यात्रा शुरू करने की अपील की है।

भारी बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें,कई मार्ग बंद,आवाजाही प्रभावित
देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश ने मुश्किल बढ़ा दी है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग मलबा आने से बाधित है। जिस कारण आवाजाही मुश्किल हो गई है। बीआरओ द्वारा मार्ग खोलने के काम जारी है। वहीं कर्णप्रयाग पंचपुलिया के पास बाईपास रोड पर पहाड़ी से पत्थर आने से बंद हो गया। जिससे आवगमन पूरी तरह से ठप हो गया है।
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग मनेरी झरने के पास नेताला, बिशनपुर, के पास मालवा व पत्थर आने के कारण मार्ग बाधित है। बीआरओ यातायात सुचारु करने के काम जारी है। डाबरकोट में बारिश के कारण लगातार मलबा और बोल्डर गिर रहे है। एनएच बड़कोट द्वारा उक्त स्थान पर मशीनरी तैनात हैं। बारिश व मलवा रुकने पर कार्य शुरू किया जाएगा।
दूसरी तरफ कर्णप्रयाग पंचपुलिया के पास बाईपास रोड पर पहाड़ी से पत्थर आने से बंद हो गया। जिससे आवगमन पूरी तरह से ठप हो गया है। कल रविवार रात से कर्णप्रयाग सहित आसपास के इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। सड़क के दोनों ओर वाहन फंसे हैं। लोग सड़क खुलने का इंतजार कर रहे हैं।यमुनोत्री धाम सहित आसपास मध्य रात्रि से लगातार बारिश हो रही है जबकि बड़कोट तहसील क्षेत्र के आसपास बारिश का मौसम बना हुआ है। यमुनोत्री क्षेत्र में बारिश के चलते यमुनोत्री हाईवे ओजरी डाबरकोट के पास मलवा बोल्डर पत्थरों के आने से हाईवे बंद है।

सावन के पहले दिन पानी में डूबी सड़के,परेशानियां बढ़ी

हरिद्वार। सोमवार से सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है। सावन का महीना शुरू होते ही धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ियों के पहुंचने का सिलसिला हो गया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी हरिद्वार पहुंच रहे हैं। हरिद्वार पहुंच रहे श्रद्धालुओं और कांवड़ियों की परेशानी बारिश बढ़ा रही है। आज सुबह से ही हरिद्वार में मूसलाधार बारिश हो रही है। मूसलाधार बारिश के कारण हरिद्वार में जगह-जगह जल भराव हो गया है। हरिद्वार के व्यस्ततम चौराहे रानीपुर मोड और भगत सिंह चौक पर कई कई फीट पानी भर गया।
हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के लिए दूर दूर से कांवड़िये पहुंच रहे हैं। उन्हें भी जलभराव के कारण परेशानी हो रही है। जगह जगह जलभराव होने के कारण कांवड़ियों को पैदल चलने के साथ ही दूसरी दिक्कतों से दो चार होना पड़ रहा है। इसके अलावा गाड़ियों को निकालने में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आम आदमी को भी पैदल चलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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