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आज का युवा देश के प्रति जिम्मेदार व कर्तव्य परायण हैः धामी

धर्म संसद के जरिए युवाओं की ऊर्जा को मिल सकती है सही दिशा

धामी बोले आने वाला युग युवाओं का
हरिद्वार में दो दिवसीय युवा धर्म संसद शुरू
युवा धर्म संसद में देश भर के 24 राज्यों से युवा हुए शामिल
हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धानी शुक्रवार को हरिद्वार पहुंचे। उन्होंने पतंजलि में आयोजित दो दिवसीय युवा धर्म संसद में भाग लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाला युग युवाओं का है। आने वाली चुनौतियों से निपटने और भारत को विकसित देश बनाने में जो भविष्य में विभिन्न कार्यं होने हैं, उसमें युवाओं की विशेष भूमिका रहने वाली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पतंजलि ऑडिटोरिम पहुॅचकर युवा धर्म संसद कार्यक्रम का दीप जलाकर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या महासचिव चम्पत राय, सिद्धपीठ श्री हनुमन्निवास अयोध्या आचार्य मिथिलेश ननिदनी शरण महाराज व बाबा रामदेव भी उपस्थित थे।
सीएम धामी ने कहा कि इस प्रकार की धर्म संसद के माध्यम से युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा मिल सकती है। वहीं प्रदेश में वर्षा के कारण हुई क्षति पर बोलते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्षा का समय उत्तराखंड के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। कई जगह भूस्खलन के कारण मार्ग अवरुद्ध हुए हैं। कई जगह अन्य आपदाओं के सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए सभी विभागों को अलर्ट किया गया है। हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचा जाए, ताकि वहां रेस्क्यू अभियान चलाए जा सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सेवाज्ञ संस्थानम की आयोजित चतुर्थ युवा धर्म संसद में राष्ट्र निर्माण का लक्ष्य लेकर देश की युवा पीढ़ी को सही दिशा देने के उद्देश्य से कार्यक्रम में पहुॅचे सभी महानुभावों तथा युवा शक्ति का देवभूमि उत्तराखण्ड पहुॅचने पर हार्दिक स्वागत तथा अभिनन्दन करते हुए कहा कि 11 सितम्बर 1893 में स्वामी विवेकानन्द द्वारा अमेरीका के शिकागों शहर में दिए गए उद्बोधन को आधार मानकर आयोजित यह कार्यक्रम देश की युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए अवश्य ही प्रेरित करेगा क्योंकि यह संसद निष्ठावान और जागरूक नागरिकों के निर्माण का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि आज का युवा देश के प्रति जिम्मेदार भी है और कर्तव्य परायण भी, यह धर्म संसद विकसित राष्ट्र के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार इंजन को चालू करने के लिए ईंधन की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करने हेतु युवा शक्ति की ताकत, उनकी इनोवेटिव सोच और प्रतिभा की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि देश को विश्व गुरू बनाने तथा वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को अपने कन्धों पर जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने युवाओं का मार्ग-दर्शन करते हुए कहा कि हमारा विकल्प रहित सकल्प होना चाहिए क्योंकि संकल्प में विकल्प ले आते हैं तो संकल्प वहीं पर समाप्त हो जाता है, हमारे रास्ते बदल जाते हैं, मंजिल हमसे दूर हो जाती है और सपने हम से रूठ जाते हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म की धरती रही है। सरकार उत्तराखंड के अंदर धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। कार्यक्रम में विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण , जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल, सीडीओ आकांक्षा कोण्डे, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की आशीष मिश्रा, पूर्व विधायक सुरेश राठौर, बजरंग दल के राजेन्द्र पंकज सहित प्रोफेसर रामनाथ झा, ऋषिकेश उपाध्याय, बजरंग देव, बीजेपी जिलाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति, सन्दीप गोयल सहित बड़ी संख्या में युवक-युवतियां आदि उपस्थित थे।
युवा धर्म संसद स्वामी विवेकानन्द के शिकागो धर्म सम्मेलन में दिये गये उद्बोधन की याद में की जाती है। हरिद्वार में आयोजित युवा धर्म संसद में देश भर के 24 राज्यों से शिक्षार्थी, शिक्षक, शिक्षाविद, मनीषी, संत, सामाजिक चिंतक आए हुए हैं। यह दो दिवसीय युवा धर्म संसद हरिद्वार स्थित पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित की गई है। इस दौरान हरिद्वार आयोजन स्थल पर लघु भारत का स्वरूप देखने को मिल रहा है।

युवाओं के करियर से साथ चरित्र निर्माण पर जोर
हरिद्वार। युवा धर्म संसद के दौरान स्वामी रामदेव ने कहा कि इस युवा धर्म संसद का उद्देश्य युवाओं का करियर के साथ चरित्र निर्माण करना है। साथ ही समाज निर्माण करने वाली भारत की युवा पीढ़ी संस्कारी हो। सब भारत के युवा इस एहसास के साथ भारत को विश्व में बढ़ाने में लगें कि वह राम और कृष्ण के वंशज हैं। यदि यह सब विचार हमारे युवाओं में आ जाएंगे, तो मुझे यकीन है कि 2047 से पहले ही भारत विश्व गुरु बन जाएगा। मुझे यकीन है कि इस धर्म संसद से युवा जागृत होंगे।

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