
नैनीताल और चंपावत जिले में हालात खराब
देहरादून। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 15 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में अब तक 31 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 71 लोगों की जान गई है। वहीं दैवीय आपदाओं के चलते अब तक 9 लोगों की जान जा चुकी है और कई घरों का भी नुकसान पहुंचा है। वहीं यात्रा सीजन के दौरान यात्रियों की मौत के आंकड़ों की बात की जाए तो अब तक 169 लोगों हो मौत चुकी है। प्रदेश में 245 सड़कें अवरुद्ध है, कुमाऊं के नैनीताल और चंपावत जिले में सबसे बुरा हाल है।
प्रदेश में अगर सड़कों की मौजूदा स्थिति की बात की जाए तो आज 8 जुलाई यानि आज 12 बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 245 सड़कें बंद हैं। जिन्हें खोलने की कार्रवाई चल रही है। जिलेवार बंद सड़कों की अगर बात की जाए तो रुद्रप्रयाग में 14 ग्रामीण मार्ग, उत्तरकाशी जिले में 3 ग्रामीण मोटर मार्ग, बागेश्वर जिले में 19 सड़कें, देहरादून जिले में 14 सड़कें, पिथौरागढ़ में 6 बॉर्डर रोड समेत 28 सड़कें, अल्मोड़ा में 19 सड़कें, नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा 38 सड़कें, चंपावत जिले में एनएच 09 समेत 35 सड़कें, पौड़ी गढ़वाल जिले में 16 सड़कें, चमोली जिले एनएच-58 समेत 35 सड़कें और टिहरी जिले में भी 1एनएच सहित 24 सड़कें बंद है।
इन सड़कों में 6 बॉर्डर रोड, तीन नेशनल हाईवे समेत कुल 245 सड़कें प्रदेश में अवरुद्ध है। जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है। सबसे ज्यादा बुरा हाल नैनीताल जिले में है, जहां 38 सड़कें बंद है।वहीं चंपावत जिले में भी 34 सड़कें बंद हैं। गढ़वाल में बात करें तो चमोली जिले में सबसे ज्यादा 35 सड़कें बंद हैं।आपदा प्रबंधन विभाग के कोआर्डिनेशन से लगातार इन सड़कों को खोलने का काम किया जा रहा है। विगत पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और बाजारों में रौनक गायब है। जिले के स्कूलों को बंद कर दिया गया है। वर्षा के कारण सड़कों में बोल्डर और मलबा गिर रहा है। जिसके कारण अल्मोड़ा जिले की दो स्टेट हाईवे और 17 अन्य सड़कें बंद है। जिन्हें जेसीबी लगाकर खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
भारी बारिश से लालकुआं में रेलवे ट्रैक डूबा, कई ट्रेनें रद्द
हल्द्वानी। कुमाऊं मंडल में पिछले तीन दिनों से भारी बरसात हो रही है। बरसात के चलते जन जीवन अस्त व्यस्त है। लोगों को भी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। बारिश इतनी ज्यादा है कि कुमाऊं के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन लालकुआं के रेलवे ट्रैक जगमग्न हो चुके हैं। लालकुआं रेलवे स्टेशन पर भारी मात्रा में पानी आ जाने से प्लेटफार्म नंबर 1 से लेकर चार तक पूरी तरह से डूब चुके हैं। रेलवे ट्रैक डूब जाने से प्लेटफार्म नंबर 1 से लेकर चार तक संचालित होने वाली सभी ट्रेनों को रोक दिया गया है। रेलवे प्रशासन रेलवे ट्रैक से पानी निकालने में जुटा हुआ है। लेकिन भारी बरसात के चलते लगातार रेलवे ट्रैक पर पानी बढ़ रहा है।
रेलवे ट्रैक पर पानी आ जाने से सबसे अधिक असर काशीपुर बरेली रेलमार्ग पर पड़ा है। यहां कई ट्रेनों को दूसरे स्टेशनों पर रोका गया है। भारी बारिश के चलते रेल यातायात बाधित हो गया है। लालकुआं रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पानी में डूब चुका है। इस कारण यहां के ट्रेनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है। काशीपुर-कासगंज पैसेंजर ट्रेन रद्द कर दी गई है। काठगोदाम से लखनऊ जाने वाली लखनऊ एक्सप्रेस शॉर्ट टर्म होकर आज पंतनगर से चलेगी। संपर्क क्रांति एक्सप्रेस काठगोदाम से दिल्ली चलने वाली ट्रेन 2 घंटे लेट से चलेगी। इसके अलावा कई ट्रेनों को शॉर्ट टर्म किया गया है। काठगोदाम से मुरादाबाद के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन रद्द हुई है। मुरादाबाद से काठगोदाम आने वाली पैसेंजर ट्रेन शॉर्ट टर्म होकर बाजपुर से वापस जाएगी। लालकुआं से काशीपुर के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन 05383 निरस्त हुई।
भारी बारिश से बागेश्वर में मकान पर गिरा बोल्डर, बाल-बाल बचे लो
बागेश्वर। जिले में बारिश का सिलसिला जारी है। बागेश्वर के कांडा क्षेत्र में सबसे अधिक 73 एमएम बारिश दर्ज की गई गई है। वहीं तेज बारिश के बीच कांडा क्षेत्र में एक मकान पर पूरा बोल्डर भरभरा कर गिर गया। इससे मकान क्षत्रिग्रस्त हो गया है। बागेश्वर ताकुला छभ् में पेड़ गिरने से यात्रायात बाधित हो गया। साथ ही अन्य सड़कों में भी पेड़ गिरने और मलबा आने की घटनाएं हुई हैं। इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कांडा में बोल्डर गिरने से घर का एक हिस्सा ढह गया है। घर के आगे के हिस्से में स्थित एक रेस्टोरेंट भी उसकी चपेट में आकर ध्वस्त हो गया। मकान और रेस्टोरेंट स्वामी मोहन कांडपाल ने बताया कि हादसा रात में हुआ। दिन के समय हुआ होता, तो यहां हर वक्त 20 से 25 लोगों की मौजूदगी रहती है। इससे बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि जिले में लगातार हो रही बारिश से 16 से अधिक सड़कें बाधित हो गई हैं। करीब 15 से अधिक मकान आंशिक और ज्यादा क्षत्रिग्रस्त हो गए हैं। जगह जगह घरों में मलबा भी घुस गया है। उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित परिवारों तक आवश्यक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।