
बरखा देवी को खड़ा कर कौन भूमाफिया हड़प रहा रुपए
फर्जी साबित होने के बावजूद क्यों फैसला करा रही पुलिस
फर्जी दस्तावेजों से प्लॉट बेचने के नाम पर 11 लाख रुपए राजपुर तो लाखों थाना प्रेम नगर क्षेत्र से ठगे
देहरादून। राजपुर थाना क्षेत्र एवं थाना प्रेम नगर क्षेत्र में फर्जी दस्तावेजों के जरिए प्लॉट बेचने और लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। बेचने वालों ने फर्जी दस्तावेज के जरिए किसी अन्य व्यक्ति को जमीन मालिक दर्शा दिया।
राजपुर थाना क्षेत्र निवासी आशीष अग्रवाल ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया कि बरखा निवासी ठाकुरपुर, प्रेमनगर ने राजपुर रोड निकट मसूरी डायवर्जन पर खसरा नंबर 358 मि, रकबा 490 वर्ग मीटर का प्लॉट दिखाया। बरखा ने दावा किया कि वह राजेंद्र कुमार की पावर ऑफ अटॉर्नी धारक हैं और रजिस्टर्ड दस्तावेज उसके पास हैं। आरोप है कि बरखा ने मूल बिक्री विलेख (सेल डीड), पावर ऑफ अटॉर्नी और राजेंद्र कुमार के पैन व आधार कार्ड दिखाकर सौदा पक्का किया और आशीष अग्रवाल से 11 लाख रुपये नकद और आरटीजीएस के माध्यम से ले लिए। प्लॉट का सौदा होने के बाद आशीष अग्रवाल ने जब दस्तावेजों की जांच कराई तो कागज संदेहास्पद पाए गए। मौके पर प्लॉट का नक्शा भी कागजों से मेल नहीं खा रहा था। कागजों में एक कमरे का जिक्र था, जो मौके पर नहीं मिला। इसके अलावा राजेंद्र कुमार का पता भी दस्तावेजों में अलग-अलग पाया मिला। तब पीड़ित को समय आया कि फर्जी राजेंद्र कुमार खड़ाकर किसी दूसरे की जमीन बेचने की कोशिश की जा रही है। आशीष अग्रवाल ने बरखा से पैसे लौटाने को कहा तो वह टालमटोल करने लगी। आरोप है कि बरखा ने प्लॉट किसी और को भी सौंप दिया। थाना राजपुर पुलिस ने आशीष अग्रवाल की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने जांच में बरखा का नाम निकालते हुए समझौता करा दिया। ऐसा ही प्रकरण थाना प्रेम नगर में हुआ जहां डोईवाला निवासी प्रीतम कुमार से 43 लाख रुपए हड़प लिए गए प्रीतम कुमार ने पुलिस को तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की मगर पुलिस न मास्टरमाइंड तक पहुंची और न मामले की जड़ तक उल्टा इतने बड़े फर्जीवाड़े का जहा पुलिस को खुलासा करना चाहिए था वहां पुलिस द्वारा फैसला करा दिया गया