देहरादून। जिलाधिकारी को झूठे शपथ पत्र देकर अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन सैकड़ों जमीन बेचने वाले रतिराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि हर हथकंडा अपनाकर रतिराम बचता चला आ रहा है। कोर्ट के आदेश पर रतिराम के खिलाफ थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज हो गया है लेकिन यहां भी वह मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है। रतिराम तो केवल मुखौटा है इसके पीछे बड़े भूमाफियाओं को हाथ है। जिनके साथ मिलकर इन्कम टैक्स की चोरी कर सरकार को मोटा चूना लगाया जा रहा है।
रतिराम अनुसूचित जाति का है। राजस्व विभाग के अनुसार कोई भी अनुसूचित जाति का व्यक्ति तथी अपनी जमीन बेच सकता है जब उसके पास 18 बिघा जमीन हो या फिर अगर 18 बिघा से कम जमीन है तो वह अपने पुत्र या पुत्री के विवाह के लिए या किसी बीमारी के लिए बेच सकता है लेकिन रजिराम ने इस कानून का भी तोड निकाल लिया और उसने अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन खरीदकर जिलाधिकारी के सामने अपने पुत्र व पुत्री के विवाह के लिए 40 बार शपथ पत्र दिया। उसने इस प्रकार 200 बिघा से अनुसूचित जाति के लोगों ज्यादा जमीन बेच दी। झूठे शपथ पत्र के बारे में राजस्व विभाग के अधिकारियों को भी पता था लेकिन वह भी इस पर अनुमति देते गए। अधिकतर जमीने विकासनगर तहसील क्षेत्र में बेची गई है।