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फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने का खुलासा करने से हड़कंप

फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने का खुलासा करने से हड़कंप

देहरादून। विधानसभा और सचिवालय में बैकडोर भर्तियों के बाद अब फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने के एक मामले का खुलासा बेरोजगार संघ के अध्यक्ष के किए जाने के बाद हड़कम्प मचा हुआ है। विधानसभा के सामने बीते रोज किए गए प्रदर्शन के बाद स्पीकर ऋितु खंडूरी ने अब इस मामले की जांच कराने की बात कही है।

उल्लेखनीय है कि बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने विधानसभा अध्यक्ष और सचिव को एक लिखित शिकायती पत्र में एक सप्ताह पूर्व डीडीओ पद पर तैनात एक अधिकारी के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों को फर्जी बताते हुए उनकी नियुक्ति को चुनौती दी गई। पत्र में खुलासा किया गया था कि इस अधिकारी ने अपने जो हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के शैक्षिक प्रमाण पत्र मथुरा वृंदावन के गुरुकुल से दर्शाए गए हैं उस गुरुकुल ने कोई प्राइवेट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है। उनका कहना है कि इस आधार पर एक शिक्षक को पहले भी नौकरी से निकाला जा चुका है। उनका कहना है कि उनकी ग्रेजुएशन के सर्टिफिकेट भी जिस संपूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय का है वह भी फर्जी है।

संघ के अध्यक्ष का कहना है कि 66 सौ के ग्रेड पे में नौकरी करने वाले अधिकारी अब तक करोड़ से ऊपर वेतन सरकार से ले चुके हैं उनकी नियुक्ति कैसे हुई किसने कराई इसकी भी जांच होनी चाहिए। उनका साफ कहना है कि बैकडोर भर्तियोें को लेकर कार्रवाई करने वाली स्पीकर खंडूरी अगर इस मामले में कार्यवाही नहीं करेगी तो वह विधानसभा पर अनिश्चितकालीन धरना देने पर मजबूर होंगे। यही नहीं उन्होंने कहा है कि राज्य में नौकरियों में हुए फर्जीवाडे़ का कोई और छोर नहीं है आने वाले दिनों में कुछ और बड़े खुलासे करने वाले हैं।

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