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भारी बारिश के चलते मलबा आने से मां व बेटी की दबकर  मौत

टिहरी के घनसाली में भूस्खलन की चपेट में आया मकान

गंगा सिंह व राजेन्द्र सिंह की 2 गौशाला में 6 मवेशी दबे
घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल
देहरादून। उत्तराखंड के टिहरी जिले में बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही है। जिले में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश ने घनसाली के तौली गांव में जमकर कहर बरपाया है। जहां एक घर पर मलबा गिरने से मां और बेटी की मौत हो गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने दोनों शवों को निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
गौर हो कि आपदा कंट्रोल रूम में रात 3 बजे घनसाली के ग्राम तौली में करीब 1ः30 बजे एक मकान के भूस्खलन की चपेट में आने की सूचना मिली। मकान में महिला सरिता देवी और उसकी बेटी अंकिता (15) के दबने से मौत हो गई। सूचना मिलते ही तहसील प्रशासन और एसडीआरएफ, पीडब्ल्यूडी, नगर पालिका और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर रवाना हुई। मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने दोनों शवों को निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है।
टिहरी में बीते दिन से लगातार भारी बारिश हो रही है। भारी बारिश से बालगंगा नदी रौद्र रूप में बह रही है। वहीं भारी बारिश से तिनगढ़ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भी मलबे की चपेट में आ गया। बूढ़ा केदार- कोट विशन मोटरमार्ग का काफी हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गया है। गंगा सिंह व राजेन्द्र सिंह की 2 गौशाला में 6 मवेशी अंदर दब गए। वहीं विधायक शक्ति लाल शाह आपदाग्रस्त क्षेत्रों जायजा लेने रवाना हो गए हैं।
बता दें कि बीते दिन टिहरी जिले के बालगंगा तहसील के विनयखाल क्षेत्र में बारिश ने तबाही मचाई। भारी बारिश के चलते क्षेत्र के तोली, तिंगढ़, जखाना के ग्रामीणों की कई एकड़ कृषि भूमि आपदा की चपेट में आ गई। वहीं विनयखाल जखाना मोटर मार्ग के सड़क मार्ग का कई हिस्सा वॉश आउट होकर नदी में समा गया था। वहीं लोगों का जिला और मुख्य बाजारों से संपर्क कट गया था।


चमोली में बादल फटा बादल, हाईवे व विद्युत सब स्टेशन मलबे से पटा
देहरादून। जिले में मूसलाधार बारिश से खासा नुकसान पहुंचा है। वहीं कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर नलगांव और पंतीगांव में बादल फटने से तबाही मच गई। नलगांव में बादल फटने से करीब 200 मीटर में मलबा हाईवे पर आ गया। वहीं पंतीगांव में बादल फटने से मलबा विद्युत विभाग के सब स्टेशन में घुस गया। भले ही बादल फटने से कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन नलगांव, आमसौड़, पंतीगांव, हरमनी सभी स्थानों पर हाईवे बंद हो गया। वहीं भूस्खलन से गोपेश्वर के सुभाष नगर में दो गाड़ियां मलबे में दब गई।
जनपद में भारी बारिश से हाईवे अवरुद्ध होने से आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है। जिला मुख्यालय गोपेश्वर में भूस्खलन से गोपेश्वर के सुभाष नगर में दो गाड़ियां मलबे में दब गई। नारायणबगड़ के पंती विधुत सब स्टेशन के समीप बादल फटने से मलबा विद्युत विभाग के सब स्टेशन में घुस गया और वहां रखे ट्रांसफॉर्म हाईवे पर पहुंचे गए। जिस तरह से बारिश कहर बरपा रही है, उससे लोगों में दहशत का माहौल है। जिले में भारी बारिश से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।


जलमग्न हुई कोटेश्वर महादेव गुफा, मसूरी में गिरा पुश्ता, थत्यूड़ बिजली घर में घुसा मलबा
देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों आसमान से आफत बरस रही है। जिसके कारण प्रदेश में आपदा जैसे हालात हैं। ये हालात ऐसे समय पर हैं जब राज्य में चारधाम और कांवड़ यात्रा चल रही है। जिसके कारण पुलिस प्रशासन की परेशानियां और भी ज्यादा बढ़ गई हैं। मौसम विभाग ने बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। जिसके चलते कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी की गई है। शनिवार को टिहरी जिले से नुकसान की खबरें आई। यहां बालगंगा नदी विकराल हो कर आगे बढ़ रही है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग जिले में भी बारिश, लैंडस्लाइड के कारण नुकसान की खबरें सामने आई हैं।अब तक बारिश के कारण 3 बॉर्डर और 2 नेशनल हाइवे के साथ ही 205 सड़के बंद हैं।
पूरे प्रदेश में इस वक्त 205 सड़के बंद हैं। जिसमें से लोक निर्माण विभाग की 130 सड़कें, राष्ट्रीय राजमार्ग 2 और पीएमजीएसवाई की 73 सड़के मौजूद हैं। मानसून सीजन से हुए नुकसान की बात की जाये तो अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। 16 लोग घायल हो चुके हैं। संपत्तियों के नुकसान की बात की जाए तो अब तक कुल मिलाकर 648 घरों को नुकसान हुआ है। जिसमें से 10 घर पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं। सड़क दुर्घटनाओं में भी काफी नुकसान हुआ है। 15 जून से अब तक 39 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है। इसके अलावा चार धाम यात्रा में अब तक 173 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारी बारिश के चलते टिहरी जनपद के जौनपुर विकास खण्ड मुख्यालय थत्यूड़ में 33 केवी विद्युत सब स्टेशन में चट्टानी मलवा आने से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। जिससे जौनपुर के कई गांवों में विद्युत आपूर्ति ठप्प हो गई। मलबा सड़क पर आ जाने के कारण थत्यूड़ देहरादून चम्बा मसुरी मोटर मार्ग भी बन्द हो गया।
बारिश के कारण रुद्रप्रयाग में प्रसिद्ध कोटेश्वर महादेव की गुफा भी जलमग्न हो गई है। यहां स्वयं मां अलकनंदा भगवान कोटेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर रही है। दूर-दराज से भक्त कोटेश्वर भगवान की गुफा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं, लेकिन गुफा के जलमग्न होने से भक्त गुफा में नहीं जा रहे हैं। मान्यता है कि गौत्र हत्या से मुक्ति को लेकर पांडव जब स्वर्गारोहिणी की ओर जा रहे थे, तो उन्होंने इस गुफा में कुछ समय तक विश्राम किया। साथ ही साथ भगवान शंकर की आराधना की, लेकिन भगवान ने उन्हें यहां भी दर्शन नहीं दिए।


देर रात खाई में अटकी कार,पत्नी सुरक्षित पति का पता नही
चमोली। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बिरही कस्बे के पास एक कार अनियंत्रित होकर खाई की तरफ लटक गई। बताया जा रहा है कि कार चालक दरवाजा खुलने से जा गिरा और जबकि अनूप की पत्नी तृप्ति गाड़ी में ही सुरक्षित थी। मौके पर पहुंची पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों द्वारा खाई में सर्च अभियान चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिली । बताया जा रहा है कि दोनों दंपति बदरीनाथ धाम के दर्शन कर वापस लौट रहे थे।
मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के रहने वाले पति-पत्नी बदरीनाथ धाम की दर्शन कर वापस अपनी कार से लौट रहे थे। वहीं बिरही कस्बे के पास अचानक उनकी कार अनियंत्रित हो गई और खाई की तरफ लटक गई। इसी बीच चालक अनूप की तरफ से गाड़ी का दरवाजा खुलने से वह अंधेरा होने की वजह से अलकनंदा नदी में जा गिरा और जबकि अनूप की पत्नी तृप्ति गाड़ी में ही सुरक्षित थी। घटना की सूचना मिलने पर चमोली कोतवाली से पुलिस व एसडीआरएफ द्वारा मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान चलाया गया। टीम ने चालक की पत्नी तृप्ति को गाड़ी से बाहर निकाला और वाहन चालक अनूप का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। चमोली पुलिस और एसडीआरएफ की टीम द्वारा रेस्क्यू अभियान जारी है। वहीं घटना बीते रात करीब दो बजे की बताई जा रही है।

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