उत्तराखंडक्राइमदेहरादून

एटीएम में नए तरीके से चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार आरोपी गिरफ्तार

2 लाख 70 हजार नगदी रूपए, मास्टर चॉबियां तथा एटीएम कार्ड बरामद

देहरादून। कोतवाली डोईवाला पुलिस ने योजना बनाकर एटीएम में नए तरीके से जालसाजी कर चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार आरोपियों को एटीएम से चोरी की गई 2 लाख 70 हजार नगदी रूपए, मास्टर चॉबियां तथा एटीएम कार्ड के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
डीआईजी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि प्रभारी निरीक्षक डोईवाला को निजी सूचना तंत्र के माध्यम से जानकारी हुई कि 2 कार, जिसमे एक कार हरियाणा तथा दूसरी कार दिल्ली नंबर की है, उसमे कुछ लडके है, जो एटीएम में जालसाजी कर रूपयो की चोरी कर रहे है। सूचना पर पुलिस टीम को चौकिंग के दौरान वाहन हुंडई एसेंट डीएल 4Cएपी 0171 दिखाई दी, जिसको रोककर चेक किया तो कार में अमित कुमार निवासी चाणक्य पैलेस पार्ट 2- थाना डाबडी जिला जनकपुरी दिल्ली, सुनील कुमार निवासी श्यामबिहार कालोनी थाना छावला जिला नजफगंढ दिल्ली, शिवम सिंह निवासी भगवती गार्डन एक्सटैंशन उत्तम नगर थाना उत्तम नगर नई दिल्ली और हनी निवासी द्धारिका मोड थाना मोहनगढ जिला मोहनगढ दिल्ली सवार थे। मौके पर वाहन की तलाशी लेने पर कार के डैशबोर्ड से 2 लाख 70 हजार रूपए मिले। रूपयो के संबंध में इन लोगो से गहनता से पूछताछ की गई तो कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। जब व्यक्तियो से सख्ती से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा बताया कि उन्होने डोईवाला क्षेत्र में 5 एटीएम में जालसाजी कर धनराशि चोरी की है। आरोपियों से एटीएम में लगाई गई काली पट्टी, एटीएम खोलने के लिए 4 चॉबी व 5 एटीएम कार्ड तथा नगदी बरामद हुई।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उत्तराखंड मे घूमने के बहाने आकर एकांत में स्थित गार्ड रहित एटीएम में जाकर पहले रैकी करते है तथा मौका देखकर एटीएम में रूपये निकासी वाले स्थान पर एक काले रंग की फाईबर की पट्टी लगा देते हैं, जिससे कोई व्यक्ति जब एटीएम से रूपये निकालता है तो रूपये उसके खाते से तो कट जाते है पर एटीएम से बाहर नही आ पाते तथा एटीएम मे ही फंस जाते है। आरोपियों में से एक व्यक्ति एटीएम के अन्दर बने केबिन में पहले से ही छुपा रहता है तथा रूपये निकालने वाले व्यक्ति के बाहर जाते ही अपने पास उपलब्ध मास्टर-की (नकली चॉबी) से एटीएम खोलकर एटीएम में फंसे रूपये निकाल लेता है तथा उसके बाद पुनः काली पट्टी एटीएम के रूपये निकासी वाले स्थान पर लगा देता है। शेष आरोपी एटीएम के बाहर रहकर आने-जाने वालो पर नजर रखते है।
गैंगलीडर अमित कुमार ने बताया कि मैं 10वी पास हूं तथा मेरा दिल्ली में सीएससी सेंटर है। वर्ष 2010-11 में मैं दिल्ली में एटीएम में कैश डालने वाली कंपनी ब्रिगंस आर्या में काम करता था जिस कारण मुझे एटीएम मशीन खोलने व बंद करने की जानकारी है। मेरे दिमाग मे आया कि यदि एटीएम मशीन में जहां स्थान से रूपये मशीन से बाहर आते है, उसे किसी चीज से बंद किया जाए तो जैसे ही कोई व्यक्ति पैसे निकालने एटीएम में आएगा तो उसके पैसे बाहर नही आएंगे तथा वह मशीन के अंदर ही रह जाएंगे और तब हम उन्हे ले सकते है। एक बार मैं राजस्थान गया था तो वहां मुझे एटीएम में एक चाबी मिली, जिसे मैने ले लिया। उसके बाद उसी कंपनी की एटीएम मशीन मैने ढूंढी और उस पर मैने वो चाबी लगाई तो वह खुल गया। उसके बाद मैने चॉबिया तैयार कर ली और पैसे निकालने शुरू किए। शुरू मे मैने दिल्ली से पैसे निकाले, और उसके बाद मैने सोचा की यदि मै लगातार दिल्ली में पैसे निकालूगा तो पकड़ा जाऊंगा, तो मैने अपना एक गैंग बनाया और मैंने यह काम अपने गैंग के सुनील कुमार झा और अन्य साथियों को भी सिखाया। हमने अब तक दिल्ली, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा तथा उत्तराखंड में इस तरह की घटनाएं की हैं

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