केदारनाथ उपचुनाव कांग्रेस व भाजपा के लिए साख का सवाल
उपचुनाव कांग्रेस के लिए संजीवनी तो भाजपा के लिए खुद का साबित करने का मौका
दोनों ही पार्टियों में दावेदारों की लिस्ट होती लम्बी
दो उपचुनाव में भाजपा की हुई हार से सबकी इस चुनाव पर नज़र
देहरादून। उत्तराखंड में केदारनाथ उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। 20 नवंबर को केदारनाथ उपचुनाव के लिए मतदान होना है। बीते दो उपचुनाव में हार का सामना कर चुकी बीजेपी के लिए ये उपचुनाव साख का सवाल बना हुआ है, तो केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस की जीत पार्टी के लिए संजीवनी का काम करेगी। केदारनाथ उपचुनाव की तारीख की घोषणा होने के साथ ही, बीजेपी और कांग्रेस के पास टिकट के दावेदारों की लिस्ट भी पहुंचनी शुरू हो गई है।
केदारनाथ उपचुनाव में बीजेपी की बात करें तो सबसे मजबूत दावेदारी भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष आशा नौटियाल के रूप में देखी जा रही है। इसके बाद दूसरे नंबर पर दिवंगत विधायक शैला रानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। वहीं केदारनाथ विधानसभा सीट से दो बार चुनाव लड़ चुके और दूसरे नंबर पर रहे कुलदीप रावत ने बीजेपी प्रदेश हाईकमान के सामने अपनी दावेदारी पेश की है।
बीजेपी नेता रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल भी खुद को दावेदार बता रहे हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अजय कोठियाल को आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव में उतारा था, लेकिन वो अपनी ही सीट नहीं निकाल पाए थे। बाद में अजय कोठियाल बीजेपी में शामिल हो गए थे।
बीते दो उपचुनाव में मात खा चुकी बीजेपी के लिए केदारनाथ उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि इस सीट से न सिर्फ पीएम मोदी का सीधा नाता जुड़ा है, बल्कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खुद को फिर से साबित भी करना होगा। बीजेपी नेताओं का कहना है कि वो केदरानाथ उपचुनाव में केदारनाथ बदरीनाथ धाम के पुनर्निर्माण और क्षेत्र के विकास के लिए राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं को जनता के बीच लेकर जाएंगे। इन विकास कार्यों को बीजेपी अपना चुनावी मुद्दा बनाएगी। बता दें कि केदारनाथ उपचुनाव की तारीख की घोषणा से एक दिन पहले ही सीएम धामी ने क्षेत्र के विकास के लिए अच्छा खासा बजट दिया था।
बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड की दो विधानसभा सीटों हरिद्वार जिले की मंगलौर और चमोली जिले की बदरीनाथ विधानसभा सीट पर चुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस ने अपनी जीत दर्ज कराई थी। इस दोनों उपचुनाव को जीतने के बाद कांग्रेस का कॉन्फिडेंस लेवल काफी हाई है। कांग्रेस ने दावा किया है कि बदरीनाथ और मंगलौर उपचुनाव के बाद उनकी पार्टी केदारनाथ उपचुनाव में भी अपना परचम लहराएगी।
भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस के पास केदारनाथ में कई मुद्दे
देहरादून। केदारनाथ उपचुनाव में बीजेपी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस के तरकश में कई तीर हैं। कांग्रेस इस उपचुनाव में केदारनाथ धाम मंदिर सोना विवाद का मुद्दा पूरे जोरशोर से उठाएगी। इसके अलावा दिल्ली में केदारनाथ धाम के निर्माण का मसला भी कांग्रेस जनता के सामने रखेगी। हालांकि सीएम धामी के एक फैसले से कांग्रेस के हाथ से ये मुद्दा निकल गया, लेकिन फिर भी कांग्रेस इस मुद्दे को भी हथियार की तरह इस्तेमाल करेंगी। केदार घाटी में बीती 31 जुलाई को आई आपदा के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन और विकास कार्यों पर कांग्रेस, बीजेपी सरकार को जरूर घेरेगी।
केदारनाथ उप चुनाव में बीजेपी ने उम्मीदवारों की लिस्ट भेजी केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड को
देहरादून। भाजपा ने बुधवार को केदारनाथ उपचुनाव को लेकर उमीदवारों के नामों का पैनल सर्वसमिति से केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड को भेज दिया है। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट की मौजूदगी में आज राज्य पार्लियामेंटरी बोर्ड की वर्चुअल बैठक आयोजित हुई।
इस वर्चुअली बैठक में रुद्रप्रयाग में संगठन के माध्यम से केदारनाथ विधानसभा को लेकर सामने आए उम्मीदवारों के पैनल पर चर्चा की गई। पैनल में आए सभी नामों पर क्षेत्रीय, सामाजिक एवं सांगठनिक पहलुओं पर विस्तार से विचार विमर्श हुआ। तदोपरांत पार्लियामेंट्री बोर्ड के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से सभी नामों को केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड को भेजने का निर्णय लिया गया । बोर्ड ने प्रदेश अध्यक्ष श्री भट्ट को संभावित उम्मीदवारों के नामों के इस पेनल को केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए अधिकृत किया।
इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा, पार्टी संगठन बूथ एवं पन्ना स्तर तक चुनाव लड़ने और रिकॉर्ड जीत दर्ज करने के लिए पूरी तरह तैयार है। साथ ही उम्मीद जताई कि शीघ्र ही पैनल के नामों पर विचार कर केंद्रीय नेतृत्व पार्टी के अधिकृत उमीदवार का नाम घोषित करे देगा। जिसके बाद हम अपनी चुनावी रणनीति के अगले चरण को अंतिम रूप देने आरम्भ कर देंगे। बैठक में पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्यों के तौर पर पूर्व सीएम, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश के सांसदो एवं पार्टी पदाधिकारियों ने वर्चुअली प्रतिभाग किया।