उत्तराखंडक्राइमदेहरादून

थाईलेंड में निवेश कराने के नाम पर 3 करोड़ 38 लाख ठगने वाले गिरोह का सदस्य गिरफ्तार

गैंग के विरूद्ध अलग-अलग राज्यों में लोगों से निवेश के नाम पर धोखाधडी के कई केस है दर्ज

आरोपी ने परिजनो के अलग-अलग नामों के आधार कार्ड व पासपोर्ट किये थे तैयार।
आरोपी के भाई व पत्नी सहित कुल 3 की हो चुकी है गिरफ्तारी

देहरादून। थाईलेंड में प्रोपर्टी व रेस्टोरेंट के कारोबार में निवेश करने के नाम पर 3 करोड़ 38 लाख की ठगी करने वाले गिरोह के फरार तीसरे सदस्य को डालनवाला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया जहां से पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
गत अगस्त माह में थाना डालनवाला पर वादी रमेश मनोचा ने अनिल उपाध्याय, विजय उपाध्याय, राजीव कुमार, सोनिया पत्नी राजीव कुमार व अन्य आरोपियों के थाईलैंड में प्रापर्टी व अन्य व्यवसायों में निवेश के नाम पर उनसे 03 करोड 38 लाख रूपये की धोखाधडी करने से सम्बन्धित तहरीर दी। प्रार्थना पत्र के आधार पर थाना डालनवाला में आरोपियों के विरूद्ध धोखाधड़ी व 12 पासपोर्ट अधिनियम मुकदमा दर्ज किया गया। संगठित गैंग बनाकर लोगों से धोखाधडी करने वाले आरोपियों के विरूद्ध प्रभावी करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सभी थाना प्रभारियो को निर्देशित किया है। आदेशों के अनुपालन में थाना डालनवाला पर गठित पुलिस टीम ने दर्ज मुकदमें में कार्रवाई करते हुए पूर्व में 2 आरोपी राजीव कुमार पुत्र सोमप्रकाश, सोनिया पत्नी राजीव कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था तथा मुख्य अभियुक्त विजय उपाध्याय के विरूद्ध साक्ष्य संकलन करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। मुकदमें में नामजद अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार सभी सम्भावित स्थलों पर दबिश दे रही थी। पुलिस के लगातार किये जा रहे प्रयासों के परिणामस्वरूप पुलिस टीम को मुखबिर के माध्यम से धोखाधड़ी में फरार चल रहे आरोपी अनिल उपाध्याय पुत्र ओमप्रकाश उपाध्याय निवासी आर्यनगर डालनवाला के देहरादून आने की जानकारी प्राप्त हुई जिस पर पुलिस ने अनिल उपाध्याय को कालीदास मार्ग हाथीबडकला से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपी बताया कि उसने अपने भाई विजय उपाध्याय, साथी राजीव कुमार व अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर अलग-अलग राज्यों में कम्पनियां खोली थींत्र जिनके माध्यम से वह अपने साथियों के साथ मिलकर लोगो को भारत तथा विदेश में प्रापर्टी, रेस्टोरेंट व अन्य व्यवसायो में निवेश करने के लिये प्रेरित कर उनके साथ धोखाधडी करते थे। आरोपी अपनी पहचान छिपाने के लिये अपना तथा अपने परिजनो का नाम बदलकर अलग-अलग पासपोर्ट व आधार कार्ड तैयार किये गये थे, जिनसे वह विदेश भागने की फिराक में था।

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