देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी विभागों के लिए काम करने वाली कार्यविधि एजेंसियों की ओर से करोड़ों रुपए का बजट लेकर अपने अकाउंट में रखने और ब्याज का हिसाब न देने का मामला सुर्खियों में है। जिसके बाद उत्तराखंड शासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए इन एजेंसियों को अपना हिसाब किताब देने के सख्त निर्देश दिए हैं। वित्त विभाग ने दिसंबर महीने तक इन सभी को इस पैसे का पूरा हिसाब देने के लिए पत्र लिखा है।
पूरे मामले में उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साफ निर्देश हैं कि पैसे का हेर फेर करने वाली हर एक एजेंसी पर नजर रखी जाएगी। उसी का यह परिणाम है कि पिछले कई सालों से इन एजेंसियों की कारगुजारी को अब आगे और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सरकारी पैसे का इस तरह से दुरुपयोग करने वाली हर एक एजेंसी पर सरकार की नजर है और अभी प्राथमिक तौर से एजेंसियों से हिसाब किताब मांगा जा रहा है। यदि कहीं पर टैक्स चोरी या फिर सरकारी पैसे का गलत खर्च पाया जाता है तो उस पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।
वहीं, वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड में वित्तीय प्रणाली को सुदृढ़ बनाने और पारदर्शी टैक्स रिकवरी की ओर आगे बढ़ते हुए सरकार हर एक स्तर पर वित्तीय लेन देन को मजबूत करेगी। साथ ही टैक्स में अपनी बेहतर भूमिका निभाने वाले व्यापारियों को प्रोत्साहित करेगी। जो लोग टैक्स चोरी का काम कर रहे हैं, उन पर लगाम भी कसी जाएगी।