उत्तराखंड में मौसम का बदला मिजाज वन विभाग की चिंता की लकीरें हुई कम
बारिश से शांत होगी जंगलों की आग
देहरादून। उत्तराखंड में शनिवार को मौसम ने करवट बदली तो प्रदेश के वन विभाग ने भी राहत की सांस ली। राजधानी देहरादून सहित कई स्थानों पर बारिश के साथ ओले गिरे जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी भी देखने को मिली। जिसके कारण प्रदेश के जंगलों में लग रही आग की घटनाओं में कमी आने की संभावना है। हालांकि कई जगह छिटपुट बारिश ही देखने को मिली, लेकिन आसमान में बदल छाए रहने के चलते तापमान में गिरावट महसूस की गई। कई स्थानों पर झमाझम बारिश भी देखने को मिली।
उत्तराखंड में इन दिनों वनों की आग न केवल वन विभाग के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी मुसीबत बन रही है। हालांकि शनिवार को मौसम के करवट बदलने के बाद जंगलों में लग रही आज को लेकर कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में राजधानी देहरादून समेत कई पर्वतीय जिलों में भी बारिश देखने को मिली, जिसके कारण वातावरण में नमी आई है।
इसके अलावा आसमान में बादल छाए रहने के चलते तापमान में भी गिरावट रिकॉर्ड की गई है। यह स्थिति अब वनाग्नि को लेकर राहत देने वाली रही है। मौसम विभाग ने पहले ही प्रदेश में कई जगहों पर आकाशीय बिजली चमकने ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलने की संभावना व्यक्त की थी। इसके अलावा गढ़वाल के कई जिले और कुमाऊं क्षेत्र में भी हल्की बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में रुक-रुक कर बारिश होने का अनुमान भी लगाया गया है। शनिवार सुबह से ही मौसम कुछ बदला बदला सा दिखाई दिया। सुबह आसमान में बादल छाए रहे और इसके बाद हल्की बूंदाबांदी का दौर शुरू हो गया। हालांकि बारिश बहुत ज्यादा नहीं हुआ है, लेकिन बारिश के बाद तापमान में जरूर कमी आई है। वहीं जंगलों में लगी आग पर भी इसका सीधा असर पडे़गा।
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक एक दिन पहले यानी 26 अप्रैल को प्रदेश में वनाग्नि के 31 मामले सामने आए थे। इस वनाग्नि में दो लोगों के झुलसने की खबर है। प्रदेश में गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक के जंगलों में आग की घटनाएं रिकॉर्ड की जा रही है।
वायू सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर लगा जंगलों की आ बुझाने में
देहरादून। देहरादून, टिहरी और पौड़ी समेत रुद्रप्रयाग और चमोली जिले की पहाड़ियों पर मौजूद जंगल भी आग की लपटों में दिखाई दे रहे हैं। इसी तरह कुमाऊं में नैनीताल जिले में बड़े वन क्षेत्र में आग लगी है, जिसे बुझाने के लिए सेना को आगे आना पड़ा। इतना ही नहीं वायु सेना एमआई-17 हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है। वन विभाग की माने तो जिस तरह मौसम बदला है उसके बाद आग लगने की घटनाओं में कुछ कमी आने की संभावना है और यदि मौसम इसी तरह सुहावना बना रहता है तो जंगलों की आग को लेकर वन विभाग की चिंता कुछ कम हो सकती है।
29 अप्रैल को फिर बरस सकते हैं बादल
देहरादून। उत्तराखंड के गढ़वाल रीजन में आज हल्की बारिश के साथ ही थंडरस्टॉर्म एक्टिविटी का मौसम बना हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक 29 अप्रैल को एक बार फिर प्रदेश का मौसम बदलने जा रहा है। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार आज लोअर कुमाऊं रीजन में बारिश की कोई खास एक्टिविटी देखने को नहीं मिलेगी। उन्होंने बताया मौसम बदलने से बीते 24 घंटे में मैदानी जिलों में अधिकतम तापमान 37 से लेकर 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने कहा शनिवार हुई बारिश की एक्टिविटी की वजह से तापमान कम होने के आसार हैं। इसी तरह मौसम बदलने से प्रदेश के पर्वतीय जिलों में तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान हैं। विक्रम सिंह के अनुसार 29 अप्रैल को प्रदेश में मौसम बदलेगा। जिसके बाद गढ़वाल रीजन के कुछ स्थानों पर बारिश के साथ ही ओलावृष्टि, थंडरस्टॉर्म एक्टिविटी का अनुमान है। 30 अप्रैल को बारिश की एक्टिविटी कम हो जाएगी। आने वाले मौसम को देखते हुए अगले तीन से चार दिन तापमान बढ़ने के आसार कम हैं। मौसम विभाग के मुताबिक आज हुई बारिश की वजह से फॉरेस्ट फायर में कुछ खास राहत नहीं मिलने वाली है। गढ़वाल के क्षेत्र में मौसम की लाइट एक्टिविटी के कारण वनों में लगी आग पर थोड़ी बहुत राहत मिल सकती है।मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने कहा आने वाले दिनों में होने वाली बारिश से लोगों को कुछ राहत मिल सकती है।
चमोली के दूरस्थ गांव द्रोणागिरी में भारी बर्फबारी, बर्फीली हवाओं से उड़ी घरों की छतें
चमोली। देशभर में इन दिनों गर्मी का प्रकोप है। कई राज्यों में हीट वेव से हालात खराब हो रहे हैं। बढ़ा हुआ तापमान लोगों की परेशानी के साथ साथ मुसीबतें भी बढ़ा रहा है। इसके उलट उत्तराखंड के सीमात जिले चमोली में बर्फबारी हो रही है। सीमांत जनपद चमोली की नीती घाटी के दूरस्थ गांव द्रोणागिरी में भारी बर्फबारी व बर्फीली तूफान की सूचना है। बताया जा रहा है कि इससे कई ग्रामीणों के घरों को भी भारी नुकसान हुआ है।
चमोली के उच्च हिमालय क्षेत्रों में तीन चार दिनों से लगातार बर्फबारी व तेज हवाएं चल रही हैं। जिससे विकास खंड जोशीमठ के सबसे दूरस्थ गांव द्रोणागिरी में कई मकानों के छते बर्फीली हवा से उड़ गई हैं। जिससे गांव के कई घरों को नुकसान पहुंचा है। कल शाम से भी यहां पर लगातार बर्फबारी हो रही थी। सुबह तक लगभग एक से दो फीट के बीच बर्फ जम गई थी। बता दें आजकल इस क्षेत्र के लोग अपने शीतकालीन प्रवास जनपद चमोली के मैदानी भागों में निवास करते हैं। पिछले तीन चार दिन से लगातार खराब मौसम के कारण गांव वाले अपने मूल गांव के घरों का जायजा लेने। वहां उन्होंने देखा कि घरों के छते बर्फीली हवाएं से उड़ी हुई हैं। साथ ही साथ द्रोणागिरी पहुंचने का एक मात्र पैदल मार्ग भी कई जगह पर अत्यधिक बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है।
ग्रामीण एवं कागा प्रधान व जिला महामंत्री प्रधान संघ चमोली पुष्कर सिंह राणा ने जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना को दूरभाष के माध्यम से इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया मई प्रथम सप्ताह के आसपास गांव वाले शीतकालीन प्रवास से अपने मूल गांव की ओर लौटने वाले हैं। बर्फबारी के कारण जहां पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें संबंधित विभाग से ठीक करवाया जाये। जिन परिवारों के घरों को नुकसान पहुंचा है उनके मुआवजे का प्रावधान किया जाये।
प्रदेश में अब तक हुई वनाग्नि की 544 घटनाः उनियाल
देहरादून। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने पत्रकार वार्ता में प्रदेश में बढ़ रही वन अग्नि की घटनाओं पर जानकारी देते। वन अग्नि की प्रदेश में कुल 544 घटना अभी तक हुई है। प्रदेश में कुल 656 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है वनाग्नि की घटना में अब तक एक वन कर्मी घायल व एक की मौत हुई है। वनाग्नि की घटनाओं से बचने के लिए तुरंत रिलीफ टीम का गठन किया गया है। केंपा के अंतर्गत 10 करोड़ रुपए का वनाग्नि के लिए प्रावधान है।
वन पंचायती अधिनियम में बड़े फैसले लिए गए हैँ जिस में 2 लाख लोगों को एको टूरिज्म से जोड़ने का कार्य किया गया है। फॉरेस्ट फायर मैनेजमेंट कमेटी में अब ग्राम विकास अधिकारी को भी जोड़ा गया है वही वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सेना की मदद ली जा रही है। अग्नि सुरक्षा में कार्य करने वाली 39 समितियों को राज्यस्तर पर किया जाएगा सम्मानित वन अग्नि की घटनाओं में कुल 196 केस दर्ज जिसमें 29 केस नामजद दर्ज और 23 ज्ञात मामले, 173 अज्ञात मामले दर्ज हुए हैं। घटना स्थल पर डीएफओ को जाने के निर्देश दिए गए है, कार्य में लापरवाही बरतने पर तलब किया जाएगा और वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।