रामनगर। हल्द्वानी में शिफ्ट हो रहे हाईकोर्ट पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की आपत्ति के बाद रामनगर के सामाजिक लोगों के साथ ही अधिवक्ताओं ने कहा कि हाईकोर्ट रामनगर में बनाना चाहिए। हाईकोर्ट के लिए हर दृष्टिकोण से रामनगर को लोगों ने उचित बताया है। अधिवक्ताओं ने कहा कि काशीपुर बार एसोसिएशन, देहरादून बार एसोसिएशन, जसपुर बार एसोसिएशन, हरिद्वार और कोटद्वार सभी का इसको लेकर समर्थन है। हल्द्वानी स्थित गौलापार में प्रस्तावित उच्च न्यायालय का प्रस्ताव अस्वीकृत हो जाने के बाद अब रामनगर में हाईकोर्ट की सम्भावनाएं बढ़ गयी हैं। स्थानीय अधिवक्ताओं के अलावा आम जनमानस का मानना है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के लिए रामनगर से बेहतर कोई और स्थान नहीं हो सकता है। गौलापार में भूमि हस्तांतरण में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दिलचस्पी न दिखाने के बाद अब हाईकोर्ट के लिए बहुमंजिल निर्माण का सुझाव दिए जाने के बाद कुमाऊं और जहां तक उपयुक्त भूमि का सवाल है, रामनगर में आमपोखरा, सावल्दे आदि स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में राजस्व विभाग की भूमि उपलब्ध है। रामनगर के बेलवाल स्पिनिंग मिल की भूमि भी एक अच्छा स्थान हो सकता है। इसका स्वामित्व सिडकुल के पास है। रामनगर में हाईकोर्ट स्थापित करने के लिए अधिवक्ता और स्थानीय नागरिक अपने अपने तरह से तर्क देते हैं। गढ़वाल का प्रवेश द्वार रामनगर का दावा भी नैनीताल उच्च न्यायालय के लिए विकल्प के रूप में आ सकता है।
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