उत्तराखंडक्राइमदेहरादून

गैंगस्टर अतीक व उसकी पुत्री पर हुआ ठगी का मुकदमा

फर्जी दस्तावेज बनाकर ठगे एक करोड़ पैसठ लाख

देहरादून। कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी तरीके के रजिस्ट्री कराकर एक करोड़ पैसठ लाख रुपये हड़पने वाले पिता, पुत्री व उसने साथियों के नाम धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू का दी है। आरोपी अतीक अहमद पहले भी जेल जा चुका है।

राकेश चन्द्र ने थाना पटलेनगर मे तहरीर देते हुए बताया कि वर्ष 2021 में मौहम्मद शादिक पुत्र मौहम्मद शफीक नाम के व्यक्ति से परिचय हुआ था, उसने बोला कि भूमि क्रय-विक्रय करने का कार्य करता है । शादिक ने उनकी मुलाकात अतीक अहमद पुत्र मौहम्मद मोबीन से करवायी तथा कहा कि अतीक अपनी भूमि विक्रय कर रहा है तथा अतीक अहमद के पास 25 बीघा भूमि है। भूमि को मौहम्मद शादिक, अतीक अहमद, अतीक अहमद की पुत्री आयशा, अतीक अहमद की पत्नी व उसके दो पुत्रों ने अपनी भूमि बताई। भूमि का सौदा 40 लाख रूपये प्रति बीघा की दर से तय कर दिया गया, जिसकी एवज में एक करोड़ पैंसठ रूपये प्राप्त कर लिये। धनराशि देने के पश्चात भी अतीक अहमद रजिस्ट्र ने कर झूठा झांसा देता रहा। जब कई बार बैनामा करवाने का को कहा गया तो आरोपियों ने 19 फरवरी .2022 को सुमिता चौधरी पत्नी रणबीर सिंह चौधरी से भूमि खाता खतौनी संख्या 275 खसरा नंम्बर 1010ग रकबा 0.0303 हैक्टेयर में से 0.0182 हेक्टर व खसरा नम्बर 1020ग रकबा 0.3825 हैक्टेयर में से 0.1548 हैक्टेयर व खसरा नम्बर 1011ग रकबा 0.0405 हैक्टेयर में से 0.0243 हैक्टेयर व खसरा नम्बर 1020ग रकबा 0.3825 हैक्टेयर में से 0.0767 हैक्टेयर कुल रकबा 0.2740 हैक्टेयर अर्थात 2740 वर्गमीटर, स्थित मौजा शीशमबाडा, परगना पछवादून, तहसील विकासनगर, जिला देहरादून का स्वामी बताते हुए लगभग 3.50 बीघा भूमि का बैनामा राकेश चन्द्र के नाम करवाया। उस समय भी अतीक अहमद ने भूमि का कब्जा व दाखिल खारिज कराने की जिम्मेदारी ली। विक्रय बैनामा सम्पादित होने के पश्चात अतीक अहमद, उसके परिवारजनों व शादिक खान ने अन्य भूमि का विक्रय बैनामा तथा क्रय की गयी भूमि का दाखिल खारिज जल्द ही कराने का आश्वासन दिया। परन्तु अभी तक भूमि का दाखिल खारिज राकेश चद्र ने नाम नही कराया गया। बार-बार यह कहकर टाल-मटोल करते रहे है हम दाखिला खारिज करवा देगे। जांच करने पर ज्ञात हुआ कि अतीक अहमद और अतीक अहमद की पुत्री आयशा ने जिस भूमि का बैनामा मूल स्वामी सुमिता चौधरी के माध्यम से करवाया गया है उसकी वह मालिक नहीं है और आरोपियों ने धोखाधडी, छल-कपट करते हुए कूट रचित दस्तावेज बनाकर का बैनामा निष्पादित करवाकर ठगी की है। जब अतीक अहमद को दाखिल खारिज कराने को कहा गया तो अतीक अहमद ने 15-20 दिन का समय मांगा गया, परन्तु निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद अतीक अहमद और अतीक अहमद की पुत्री आयशा ने कहा गया कि आप जमीन के पैसे मय ब्याज वापस ले लो और अतीक अहमद से पैसा वापस लौटाने के लिये कहा गया तो अतीक अहमद ने काफी दबाव बनाने के बाद मुश्किल से मात्र 8 लाख रूपये वापस किये। शेष धनराशि आज तक वापस नहीं कर रहा है। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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