देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव से मिलकर जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए वन भूमि हस्तांतरण का अनुरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि गैर वानिकी परियोजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण के प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया जाए।सीएम धामी ने केंद्रीय वन मंत्री को बताया कि वर्तमान में जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का काम चल रहा है। इसके लिए 87.0815 हेक्टेयर वन भूमि का हस्तांतरण किया जाना है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए जौलीग्रांट के आसपास के क्षेत्रों की कुल 96.2182 हेक्टेयर भूमि में से 87.0815 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की अधिग्रहण की जानी है। इस मसले पर हाईकोर्ट से सरकार के पक्ष में फैसला आ चुका है। जिसके बाद भूमि हस्तांतरण में किसी तरह की कठिनाई नहीं है।सीएम ने यह भी कहा कि वर्तमान में जौलीग्रांट एयरपोर्ट से काठमांडू (नेपाल) के लिए वायुयान सेवा संचालित किए जाने के लिए निविदा की कार्यवाही पूरी की जा चुकी है। जिसे देखते हुए जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा देने की कार्यवाही की जानी है। भूमि अधिग्रहण एवं कब्जे की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का काम शुरू कर देगा। सीएम ने यह भी कहा कि रुद्रप्रयाग जिले के विधानसभा क्षेत्र केदारनाथ के तहत चोपता (तल्लानागपुर) में वर्ष 2014 से राजकीय पॉलिटेक्निक चोपता का संचालन किराए के भवन में किया जा रहा है। इसके भवन के निर्माण के लिए राजस्व ग्राम कुंडा दानकोट में चयनित 2 हेक्टेयर वन भूमि का हस्तांतरण किया जाए।
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