जंगलों की आग को लेकर कल करेंगे हाईलेवल मीटिंग
देहरादून। उत्तराखंड में वनाग्नि का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है। जंगलों की आग को शांत करने के वन विभाग के सारे प्रयास विफल साबित हो रहे है। वहीं, सरकार की चिंता ये है कि दो दिन बाद यानी दस मई से चारधाम यात्रा भी शुरू हो रही है। ऐसे में वनाग्नि पर काबू पाया जाना बहुत जरूरी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द करते हुए देहरादून आने का निर्णय लिया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों चुनावी कार्यक्रमों में राज्य से बाहर है। इन दिनों सीएम धामी का तेलंगाना में चुनाव कार्यक्रम तय था, जिसे सीएम धामी ने रद्द कर दिया है और वो आज ही तेलंगाना से देहरादून के लिए वापसी कर रहे है। बताया जा रहा है कि बुधवार को सीएम धामी देहरादून में वनाग्नि, पेयजल संकट और चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार सीएम धामी बुधवार को सचिवालय में प्रदेश के तमाम क्षेत्रों के जंगलों में लगी आग पर प्रभावी रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करेंगे। साथ ही वनाग्नि की रोकथाम को लेकर तमाम जरूरी दिशा-निर्देश भी अधिकारियों को देंगे।
गौरतलब हो कि बीते दिनों भी सीएम धामी ने वनाग्नि को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की थी और निर्देश दिए थे कि सात दिनों के अंदर हर हाल में वनाग्नि पर काबू पा लिया जाए, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। सोमवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में भी सभी विभागों की बैठक हुई थी, जिसमें वनाग्नि की रोकथाम को लेकर कई निर्णय लिए गए थे।
गर्मियों का सीजन शुरू होने के बाद प्रदेश के तमाम हिस्सों में पेयजल की किल्लत शुरू हो गई है। राजधानी देहरादून के आसपास के इलाकों में भी पानी का संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी कुछ इसी तरह के हालात बने हुए है। मुख्यमंत्री धामी बैठक में भी पेयजल संकट की समीक्षा करेगे। दस मई को गंगोत्री-यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 की शुरुआत हो रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को बैठक में चारधाम यात्रा 2024 की व्यवस्थाओं की समीक्षा भी करेंगे। देहरादून में समीक्षा बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुद्रप्रयाग के लिए रवाना हो जाएंगे। रुद्रप्रयाग में सीएम धामी केदारनाथ धाम और पैदल यात्रा मार्गाे पर किए जा रहे तमाम व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे। इसकी के साथ यातायात प्रबंधन के लिए की जा रही तमाम तैयारी की भी समीक्षा करेंगे।
वनाग्नि के घुएं से वायू सेना के ऑपरेशन अग्निपथ पर लगा ब्रेक
श्रीनगर। पौड़ी जिले के जंगल आग से सुलग रहे हैं। आग पर काबू पाने में वन विभाग के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में आग बुझाने के लिए वायु सेना की मदद ली जा रही है। लेकिन चारों तरफ धुआं होने के कारण वायु सेना का ऑपरेशन ‘अग्निपथ’ दूसरे दिन शुरू नहीं हो सका है। मंगलवार सुबह 6 बजे वायुसेना को हेलीकॉप्टर एमआई 17 से आग बुझाने का ऑपरेशन शुरू करना था, लेकिन लो विजिबिलिटी के कारण पांच घंटे तक हेलीकॉप्टर डप्-17 हेलीपैड पर ही खड़ा रहा। बता दें कि आज सुबह 11 बजे के आसपास वायु सेना के हेलीकॉप्टर एमआई 17 ने उड़ान भरी, लेकिन लो विजिबिलिटी के कारण श्रीनगर की एक बार टोह लेने के बाद ऑपरेशन को फिर बंद करना पड़ा। अब वायु सेना धुआं हटने का इंतजार कर रही है। वायु सेना के सामने धुआं और बड़े-बड़े बिजली के टावरों में झूलते हुए तार भी समस्या बनकर उभर रहे हैं। एमआई 17 से लटकी बेबी बास्केट को भी वायु सेना को संभालकर उड़ाना पड़ रहा है। ये बेबी बास्केट हेलीकॉप्टर से 20 मीटर लंबी तारों से लटकी हुई रहती है। श्रीनगर के वन क्षेत्राधिकारी आरपी कुकरेती ने बताया कि आज क्षेत्र की तरफ आग की सूचना मिली थी, जिसको लेकर वन विभाग की टीम आग बुझाने का प्रयास कर रही है, जबकि कल देर शाम स्वीत की तरफ भड़की आग पर वनकर्मियों ने काबू पा लिया है। उन्होंने बताया कि आज श्रीनगर के आसपास किसी भी तरफ की वनाग्नि की सूचना नहीं मिली है।
वनाग्नि की चुनौतियों के बीच गायब हैं वन मंत्रीः कांग्रेस
देहरादून। उत्तराखंड के जंगल इन दिनों आग से धधक रहे हैं और चारधाम यात्रा भी सिर पर है। इसी बीच लोकसभा चुनाव 2024 में प्रदेश के मुखिया समेत कई नेता व्यस्त हैं। ऐसे में इन दो बड़ी चुनौतियों से निपटना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकती है। हालांकि मुख्यमंत्री धामी समय-समय पर इन मामलों को लेकर अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं, लेकिन इन निर्देशों का अधिकारी कितना पालन कर रहे हैं और व्यवस्थाओं पर कितना फर्क पड़ रहा है, ये तो वक्त ही बताएगा। उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाएं विकराल रूप लेती जा रही हैं। वर्तमान स्थिति ये है कि पिछले 24 घंटे के भीतर 20 जगहों पर वनाग्नि की घटनाएं घटित हुई हैं। साथ ही एक नवंबर 2023 से अभी तक वनाग्नि के 930 मामले सामने आ चुके हैं। जिसके चलते 1196. 418 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। साथ ही 5 लोगों की मौत और चार लोग घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तेलंगाना, वन मंत्री सुबोध उनियाल असम, और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को देखने की बजाय अन्य राज्यों के चुनावी प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं। इसी बीच विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, वन मंत्री सुबोध उनियाल और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि यह प्रदेश के लिए बड़ा ही दुर्भाग्य कि जब प्रदेश में मंत्रियों की जरूरत है, तो मंत्री चुनाव प्रचार-प्रसार में व्यस्त हैं। वनों की आग लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे वन्य जीवों के साथ ही अब लोगों को भी दिक्कतें होनी शुरू हो गई हैं, क्योंकि जंगलों की आग अब सड़कों तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड चारधाम की यात्रा 10 मई से शुरू हो रही है, लेकिन अभी तक चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं मुकम्मल नहीं हो पाई हैं। ऐसे में सरकार ने इन चुनौतियों से पार पाने के लिए, जिसके भरोसे प्रदेश को छोड़ा है वो भी मस्त नजर आ रहे हैं।
भाजपा बोली सभी मंत्री कर रहे अपना काम
देहरादून। भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा कि जंगलों में लगी आग एक चिंता का विषय है। इस पर काबू पाने के लिए इसके मूल कारणों को जानना पड़ेगा, और स्थाई समाधान पर विचार करना पड़ेगा। वनाग्नि के लिए चीड़ की पत्तियां एक प्रमुख कारण हैं। लिहाजा राज्य सरकार ने चीड़ के उन्मूलन को लेकर केंद्र सरकार को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि नेताओं के गायब होने वाला कोई विषय नहीं है, बल्कि सभी अपने-अपने काम पर लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री की ओर से लगातार अधिकारियों के साथ बैठकें की जा रही हैं और वनाग्नि को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।