देहरादून। राज्य का सबसे बड़ा सरकारी दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल लापरवाह कार्यप्रणाली के चलते चर्चाओं में रहता है। शनिवार को बिहार के रहने वाले विशेषर ने अपनी गर्भवती पत्नी को सुबह 4:30 बजे दून अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन दून अस्पताल में भर्ती गर्भवती ने अस्पताल के लिफ्ट के पास ही शिशु को जन्म दे दिया। बताया जा रहा है अस्पताल में भर्ती होने के बाद महिला अपने पति के साथ चाय पीने वार्ड से बाहर आई। महिला लिफ्ट के पास चाय पी ही रही थी कि इस दौरान डिलीवरी हो गई।
इसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया । अस्पताल प्रशासन को सूचना दी गई। प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, सूचना के 15 मिनट बाद अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी महिला के पास पहुंचे और महिला व शिशु को ओटी में ले गए. फिलहाल अस्पताल के मेडिकल स्टाफ और महिला के पति के मुताबिक, जच्चा-बच्चा दोनों की स्थिति सामान्य है. इस पूरे मामले पर दून अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. धनंजय डोभाल का कहना है कि 33 वर्षीय कांति देवी नाम की महिला का प्रसव हुआ है। महिला सुबह डॉ. प्रज्ञा की देखरेख में महिला अस्पताल में एडमिट हुई थी। इस दौरान महिला चाय पीने के लिए लिफ्ट से जा रही थी, तभी महिला की डिलीवरी हो गई। उन्होंने बताया कि पेशेंट का अटेंडेंट ने अपनी गलती स्वीकार की है. अभी महिला और नवजात की स्थिति सामान्य है।
महिलाओं को नहीं मिल रही हैं उचित व्यवस्थाएं
ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून।
देहरादून। व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के दावे अधिकारी कर देते हैं लेकिन उन व्यवस्थाओं का धरातल पर निरीक्षण किया जाए तो पता चलता है कि हालात कितने खराब होते चले जा रहे हैं। दून अस्पताल में प्रसव के लिए आ रही महिलाओं को उचित व्यवस्थाएं तक नहीं मिल रही हैं जिसके चलते उन्हें प्राइवेट अस्पतालों तक जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। आलम यह है कि एक बेड पर दो-दो महिलाएं उपचार कराने के लिए मजबूर होती हैं लेकिन अधिकारी हैं जो हिला हवाली अपनाते हुए तमाम अव्यवस्थाओं को नजर अंदाज कर देते हैं।। राज्य के सरकारी अस्पतालों में महिलाओं के प्रसव कभी लिफ्ट के पास तो कभी शौचालय में हो रहे हैं जो बताता है कि व्यवस्थाओं के नाम पर उत्तराखंड का हेल्थ सिस्टम कितना मजबूत है। आज भी दून अस्पताल मे एक महिला का प्रसव लिफ्ट के बाहर हुआ है जो सिस्टम की पोल खोल रहा है।