देहरादून। भारत सरकार की साल 2017 में शुरू की गई औद्योगिक विकास योजना के तहत हिमालयी राज्यों, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में औद्योगीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी का प्रावधान किया है। लिहाजा, इस योजना के तहत स्थापित होने वाली विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की इकाइयों को संयंत्र और मशीनरी में किए गए निवेश पर 30 फीसदी (अधिकतम 5 करोड़ रुपए) तक की सब्सिडी दी जा रही है। जिसके तहत 40 इकाइयों के लिए सब्सिडी के रूप में 90 करोड़ रुपए भारत सरकार ने भेज दिये थे।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य में उद्योगों के विकास के लिए औद्योगिक विकास योजना के जरिए राज्य को सहयोग दिया जा रहा है। राज्य में उद्योगों के प्रोत्साहन, संवंर्द्धन और विस्तारीकरण के लिए यह योजना काफी महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत लंदन, बर्मिंघम, दिल्ली, दुबई और अबू धाबी में तमाम निवेशक समूहों के साथ बैठक की गई। इन बैठकों में राज्य में निवेश के लिए करीब 55 हजार करोड़ रुपए के करार हुए हैं।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर बोले सीएम धामी
सीएम ने कहा कि अभी तक जो एमओयू साइन हुए हैं, उनको लेकर सरकार का प्रयास है कि आगामी 8 और 9 दिसंबर को देहरादून में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले इसे धरातल पर उतारने का काम पूरा हो सके। तमाम बैठकों के दौरान, सरकार को जो सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, उन सभी सुझावों पर अमल किया जा रहा है। निवेश के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार देने और प्राथमिक सेक्टर को मजबूत बनाने वाले इन तमाम प्रस्तावों और करारों को प्रमुखता के आधार पर प्रोत्साहित किया जायेगा। सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने जो भी नीतियां बनाई हैं, वो सभी नीतियां निवेशकों, उद्योगों और उत्तराखंड के स्थानीय लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं।