उत्तराखंडकानूनदेहरादून

बिना इजाजत खरीदी संपत्ति तो होगी कार्रवाईः आनंद बर्धन

बिना इजाजत खरीदी संपत्ति तो होगी कार्रवाईः आनंद बर्धन

मुख्य सचिव ने अफसरों को याद दिलाई नियमावली

देहरादून। उत्तराखंड में जीरो टॉलरेंस का धामी सरकार संदेश देती रही है। लेकिन अक्सर लोक सेवकों के भ्रष्टाचार के मामले भी चर्चाओं में आते रहे हैं। जाहिर है कि सरकार के लिए ये स्थिति मुफीद नहीं रही है। शायद यही कारण है कि अब मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने एक आदेश जारी कर लोक सेवकों को राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 की याद दिलाई है।

उत्तराखंड के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि वह यदि किसी भी नई संपत्ति को खरीदते हैं तो उसकी जानकारी शासन को देनी होगी। यही नहीं इस दौरान उन्हें यह भी बताना होगा कि जिस संपत्ति को खरीदने के लिए उन्होंने जितना भी पैसा खर्च किया है, उसका सोर्स ऑफ इनकम क्या था। मुख्य सचिव आनंद वर्धन के इस पत्र से यह स्पष्ट है कि कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का पालन किसी न किसी स्तर पर नहीं हो रहा था और इसलिए मुख्य सचिव को सभी अधिकारियों के लिए ऐसा पत्र लिखना पड़ा।

मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने सोमवार को लिखे इस पत्र में स्पष्ट किया कि दिए गए नियमों का पालन सभी को करना होगा और ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ नियम का कार्रवाई भी होगी। आदेश में यह भी स्पष्ट है कि अधिकारियों को समय-समय पर अपनी वार्षिक चल अचल संपत्ति का ब्यौरा भी देना होगा। हालांकि यह पहले से ही नियम में है कि सभी अधिकारियों को वार्षिक रूप से अपनी चला चल संपत्ति की घोषणा करनी होती है।

पहली नियुक्ति के समय और उसके बाद हर 5 साल की अवधि बेचने पर सभी अधिकारियों को सामान्य रूप से नियुक्ति करने वाले प्राधिकारी को अपनी चल चल संपत्ति की घोषणा करनी होती है। इसके अलावा अपने परिवार की संपत्ति का भी स्पष्ट ब्यौरा देना होता है। खास बात यह है कि राज्य में लगातार कुछ अधिकारियों की संपत्ति को लेकर चर्चाएं रही है और कई बार तो विभिन्न अधिकारियों की विजिलेंस जांच के लिए भी राज्य सतर्कता समिति में भी ऐसे नाम भेजे गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button