देहरादून। वर्तमान साल उत्तराखंड के जंगलों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं रहा है। इस फायर सीजन में रिकॉर्ड वनाग्नि की घटनाएं सामने आई है वही जंगल की लाल लपटे अब तक 10 लोगों की जिंदगी लील चुकी है जबकि चार लोग जो गंभीर रूप से झुलसे हुए हैं उन्हें अब एयरलिफ्ट कर दिल्ली एम्स ले जाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर अल्मोड़ा जिले के बिनसर अभ्यारण क्षेत्र में लगी आग की समीक्षा की तथा इस घटना में कल घायल हुए चार वनकर्मियों को तुरंत दो एयर एंबुलेंस से दिल्ली एम्स भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं। बीते रोज आग बुझाने के प्रयास में आठ वनकर्मी बुरी तरह झुलस गए थे जिनमें से चार लोगों की कल ही मौत हो गई है जबकि अन्य चार जो गंभीर रूप से घायल थे हल्द्वानी इलाज के लिए भेजा गया था। इन घायलों में एक घायल तो 90 फीसदी तक झुलसा हुआ है जबकि अन्य तीन 60 से 65 फीसदी तक जले हुए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब इन्हें दिल्ली एम्स ले जाने की तैयारी की जा रही है।
इस अत्यंत ही दुखद घटना में दीवान राम, करन आर्य, पूरन माहरा तथा त्रिलोक मेहता की मौत हो चुकी है जिनके परिजनों को सरकार द्वारा 10कृ10 लाख मुआवजा दिया जा रहा है वहीं कृष्ण कुमार, भगवत सिंह, कुंदन सिंह नेगी व कैलाश भटृ गंभीर रूप से झुलस गए थे जिन्हें हल्द्वानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अकेले अल्मोड़ा की बात की जाए तो इस फायर सीजन में अब तक यहां नौ लोगों की मौत हो चुकी है जानकारी यह भी मिली है कि इन कर्मचारियों का बीमा तक नहीं कराया गया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सर्वाधिक प्रभावित इस क्षेत्र में आग को बुझाने के लिए सेना की मदद लेने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। आज सुबह से ही सेना का एमआईकृ17 नैनीताल के भीमताल झील से पानी ले जाकर आग बुझाने के काम में जुटा हुआ है तथा भीमताल में फिलहाल वोटिंग को रोक दिया गया है। यही नहीं बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी व फायर सर्विस की गाड़ियां आग बुझाने के काम में लगी हुई है लेकिन यह आग इतने बड़े क्षेत्र में फैली हुई है कि उसे पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है।