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दून में जबरन धर्म परिवर्तन का मामला आया सामने

पुलिस को तहरीर देकर की कार्यवाही की मांग

देहरादून। सूबे में धर्म परिवर्तन का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। धर्म कारोबारी आसपास के गरीब, परेशान, मजबूर लोगों को टारगेट कर उनका माइंड वाश कर ईसाई धर्म को जबरन कबूल करने का कार्य कर रहे हैं। गरीब, परेशान लोगों को ऐसे धर्म कारोबारी आसानी से अपने जाल में फंसा लेते हैं। धर्मांतरण कानून आने के पश्चात भी प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध करने में नाकाम ही साबित हो रहा है। ऐसा ही एक मामला चंद्रबनी चोइला का सामने आया है जहां एक व्यक्ति द्वारा पुलिस को जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित एक तहरीर सौंप कार्यवाही की मांग की गई है । कोमल सिंह निवासी चंद्रमणि चोइला ने पुलिस में तहरीर देते हुए कहा कि पड़ोस में ही रहने वाले सुरेश कुमार, सूरज, उर्मिला देवी द्वारा बिना अनुमति अवैध तरीके से एक कमरे में इसाई धर्म की गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है। आसपास रहने वाले हिंदू धर्म व अन्य धर्म के लोगों का माइंड वाश कर उनको ईसाई धर्म में परिवर्तन कर रहे हैं। मेरी माता वह बहन को भी इनके द्वारा बार-बार मेरे घर में आकर उनको भ्रमित कर ईसाई धर्म की गतिविधियों में शामिल किया जा रहा है। आज सुबह जबकि हिंदू धर्म का मुख्य पर्व “होली” का उत्सव पूरे देश में मनाया जा रहा है ऐसे में उनके द्वारा हिंदू रीति रिवाज से दूर करने के उद्देश्य से अपने घर पर बिना शासन- प्रशासन की अनुमति लिए उनके द्वारा आयोजन किया गया, जिसमें घर-घर गाड़ी भेज कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को इकट्ठा कर हिंदू पर्व होली मनाने से रोका गया और ईसाई धर्म के अनुसार ही कार्यक्रम किया गया। कमल सिंह का कहना है कि जब उनके द्वारा हिंदू धर्म से जबरन ईसाई धर्म के अनुसार कार्यक्रम व गतिविधियों में पारिवारिक व अन्य लोगो को शामिल करने व प्रशासन से अनुमति होने की बात पूछी गई तो वह लोग भाग खड़े हुए । पुलिस में तहरीर देने के बाद कोमल सिंह पर तहरीर वापस लेने और कार्यवाही न करने का दबाव भी ईसाई धर्म के लोगो द्वारा लगातार बनाया जा रहा है ।

वहीं जब इस संबंध में आरोपियों से उनका पक्ष जानना चाहा तो निडरता से उन्होंने कहा कि “कल तक इस मामले को मैनेज कर लिया जाएगा”

  •  उनके मुख से ऐसी बात सुनकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी नजरों में ना तो नियम कानून ही कोई मायने रखता है और ना ही शासन प्रशासन की कोई कार्यवाही। और हो भी कैसे प्रशासन अपनी आंखें मूंदे जो बैठा है। हिंदू धर्म संगठनों का भी ऐसे मौकों पर शांत रहना सवालियां निशान लगाता है । आखिर क्यों हिंदू धर्म संगठन ऐसे धर्म कारोबारी जो गरीब, मजबूर लोगों को हिंदू धर्म के विरुद्ध भड़का कर उनका मन बदलाव कर धर्मांतरण करने वालों के विरुद्ध चुप्पी साधे हैं। “वीकली आई” समाचार पत्र के आगामी अंक में धर्मांतरण के इस पूरे खेल को प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।

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