उत्तराखंडक्राइमदेहरादून

दबंग दिखा रहे न्याय व्यवस्था को ठेंगा

निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने को तैयार नहीं

बिजेन्द्र ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस से की शिकायत
देहरादून। कोर्ट के आदेश के बाद कोर्ट के कर्लक ने रजिस्ट्री कर दी, जिसके बाद भी पीड़ित पक्ष भूमि पर जाता है तो आरोपी स्थानीय होने के कारण गाली गलौच करते है और मारपीट पर उतारू हो जाते है। इसमें से एक अपने आप को केन्द्रीय विद्यालया प्रेमनगर को प्रधानाचार्य व एक ऑडिनेंस फैक्ट्री में कार्यरत बताता है और कहता है कि हमारी ऊंची पहुंच है। जिसकी शिकायत के बाद थाना नेहरू कालोनी ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपियों ने पीड़ित की भूमि की दीवार तोड़ते हुए जान से मारने की धमकी दी।
शिकायतकर्ता बिजेन्द्र गुसांई ने बताया कि उनके पिता स्व. राजेन्द्र सिंह भूमि खसरा नंम्बर 376 में 0.25 एकड़, खसरा नंम्बर 378 रकबा 1.0 एकड़ कुल रकबा 1.25 एकड़ के मालिक, थे। स्व. राजेन्द्र सिंह के पक्ष में दीवान सिंह पुत्र शंकर लाल की ओर से सिविल जज सीनियर डिविजन देहरादून के कर्लक रामकरण ने मूल वाद संख्या 181 वर्ष 1997 राजेन्द्र सिंह बनाम दीवान चंद में पारित आदेश 19 अगस्त 2006 में बैनामा निष्पादित किया था। इस प्रकरण सर्वाेच्च न्यायालय तक प्रतिवाद किया गया था जिसमें स्व. राजेन्द्र सिंह के पक्ष में बैनामा किया जाना पुष्ट किया गया था, तभी सिविल जज सीनियर डिविजन देहरादून के अधिकृत लिपिक ने शिकायतकर्ता पिता स्व. राजेन्द्र सिंह के पक्ष में बैनामा 24 जुलाई.2014 किया था तथा जिसके बाद राजेन्द्र सिंह का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज हो गया था स्व. रोजेन्द्र सिंह की मृत्यु के पश्चात् उनके वारिसों बिजेन्द्र गुसांई, शैलेन्द्र गुसाई, हितेन्द्र गुसाई पुत्र स्व. राजेन्द्र सिंह व मनोहरी देवी पत्नी स्व. राजेन्द्र सिंह का नाम बतौर वारिस राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। शिकायतकर्ता ने अपनी भूमि पर तार-बाड कर तथा तद्उपरान्त पक्की चार दीवारी का निर्माण किया हुआ था। परन्तु स्व. दीवान सिंह के पुत्र राम कुमार विनोद कुमार व इन्द्र प्रकाश, हुक्म सिंह व माम चंद पुत्र स्व नंद लाल निवासी नवादा व इनके साथ कुछ लोग और भी थे जो अपने आप को विनोद कुमार का साला बता रहे थे, व एक इनके भांजा भी साथ में था इन सभी लोगो ने भूमि पर जबरदस्ती अवैध रूप से अन्दर घुसकर चार दीवारी को ध्वस्त कर दिया है। जिसको शिकायतकर्ताव उसके भाईयों ने इन सभी को रोकने का प्रयास किया परन्तु वह इन लोगो का सामना नहीं कर सके। आरोपियों ने उनके धक्का-मुक्की और गाली-गलौज भी की है और इन लोगो ने भूमि में निर्मित बाउण्ड्री वॉल को तोड दिया, शोर मचाने पर गाँव के कुछ लोग मौके पर आये तो ये लोग मौके से यह धमकी देते हुए भागने लगे कि हम फिर आयेगे और मौके पर जो तुम्हारी तार-बाड है उसे तोडकर जमीन पर कब्जा कर लेगें या फिर में यह जमीन बेच दो। जिसमें राम कुमार विनोद कुमार व इन्द्र प्रकाश, हुक्म सिंह व माम चंद शमिल है।

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