दो पीसीएस अधिकारी समेत 28 लोगों के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज
शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द पर सरकार की बड़ी कार्रवाई

फर्जी तरीके से 10 से अधिक रजिस्ट्रियां करवा दी गईं
पीसीएस के नाम सामने आने पर शासन और प्रशासन में मचा हड़कंप
हरिद्वार। हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने का मामला सामने आया है। शिकायत के बाद विजिलेंस तत्कालीन दो पीसीएस अधिकारी सहित 28 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई है, इनमें 10 लोकसेवक हैं। जानकारी के मुताबिक, हरिद्वार जिले के ज्वालापुर क्षेत्र में 21 बीघा शत्रु संपत्ति थी, जिसे सरकार में निहित किया जाना था। लेकिन, कुछ तत्कालीन पीसीएस अफसरों ने भू-माफिया से उस संपत्ति को सरकार में निहित करने के बाद खुर्द-बुर्द करने के लिए गठजोड़ कर लिया। बताया जा रहा है मामले में फर्जी तरीके से 10 से अधिक रजिस्ट्रियां करवा दी गईं।
इसकी सूचना किसी ने विजिलेंस को दे दी। प्रारंभिक जांच में मामला सही पाए जाने के बाद विजिलेंस के देहरादून सेक्टर ने 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें पूर्व में तैनात दो पीसीएस अधिकारी भी शामिल हैं। इस मामले में मुकदमा दर्ज होने और पूर्व पीसीएस के नाम सामने आने पर शासन और प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ उनमें हरबीर सिंह (तत्कालीन एसडीएम), अनिल कुमार कंबोज (तत्कालीन हल्का लेखपाल), सुखपाल सिंह (तत्कालीन शासकीय अधिवक्ता), नीरज तोमर (तत्कालीन लेखपाल), बिजेंद्र गिरि (तत्कालीन लेखपाल), बिजेंद्र कश्यप (तत्कालीन लेखपाल), श्रवण कुमार (तत्कालीन कानूनगो), एसबी शर्मा (तत्कालीन उपनिबंधक), हरिकृष्ण शुक्ला (तत्कालीन उपनिबंधक), मायाराम वर्मा (तत्कालीन उपनिबंधक), एडवोकेट पहल सिंह वर्मा, एडवोकेट सज्जाद, एडवोकेट मोहन लाल शर्मा, एडवोकेट यशपाल सिंह चैहान, एडवोकेट राजकुमार उपाध्याय, रियाज अहमद, शरीफ अहमद, शोकत उर्फ चीचू, वहीदा, सलीम, जुलेखा, कारी मुस्तफा, कोमल, विनोद मलिक, रेश्मा, प्यारे लाल, सफदर अली, संजीदा शामिल हैं।
भ्रष्टाचार करने वाला चाहे कोई भी हो बख्शेंगे नहींः सीएम धामी
देहरादून। हरिद्वार में शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के मामले में एसडीएम सहित 28 लोगों के खिलाफ विजिलेंस द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने से जहां पीसीएस अधिकारी संवर्ग में हड़कंप मचा हुआ है और विजिलेंस कार्यवाही को लेकर भारी आक्रोश है। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के मामले में सख्त रुख दिखाते हुए कहा है कि गड़बड़ी करने वाला भले ही कोई व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि बीते कल विजिलेंस द्वारा इस भ्रष्टाचार के मामले में अधिनियम 1988 के तहत थाना सतर्कता देहरादून शाखा में एसडीएम और 10 रजिस्ट्री अफसरों और लोक सेवकों व चार अधिवक्ताओं सहित 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था 15-16 साल पुराने इस मामले में ज्वालापुर (हरिद्वार) में 21 बीघा जमीन को अवैध रूप से बेचे जाने का आरोप है, जो वास्तव में शत्रु संपत्ति है। जब यह गड़बड़ी सामने आई तो इसकी जांच का काम विजिलेंस को सौंपा गया था मामले की जांच की गई तो पता चला कि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की सांठकृगांठ से इस भूमि को बेच दिया गया था, जो हजारों करोड़ की है। केंद्र सरकार की संपत्ति को अवैध रूप से बेचने के इस मामले में अब 28 लोगों के नाम मुकदमा दर्ज होने पर इसलिए हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि इस मामले में तत्कालीन एसडीएम हरवीर सिंह के अलावा कानूनगों और पटवारी सहित 10 लोक सेवकों के नाम शामिल हैं। वही चार सरकारी अधिवक्ता भी इस मामले में आरोपी हैं। आज इस मामले में जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूछा गया तो उनका कहना है कि गड़बड़ी करने का कोई भी आरोपी चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो उसके खिलाफ कार्यवाही ही नहीं की जाएगी बल्कि कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी तमाम ऐसे मामलों में सख्त कार्यवाही कर यह संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भर्ती घोटाला और रजिस्ट्री फर्जी वाड़े से लेकर अन्य तमाम मामलों में हमने कार्रवाई की है।