ईडी ने आईएफएस किशन चंद की 31 करोड़ की सम्पत्ति की अटैच
सीबीआई भी कर रही मामले की जांच
देहरादून। उत्तराखंड में रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी किशन चंद पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। पहले विजिलेंस फिर सीबीआई और अब ईडी ने भी किशन चंद के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। इस कड़ी में रिटायर्ड आईएफएस किशनचंद की 31 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच की गई है।
उत्तराखंड में तमाम मामलों को लेकर चर्चित रहे रिटायर्ड आईएफएस किशन चंद ने ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई में अब तक हुई कार्रवाई और उस पर एजेंसी को दिए हुए जवाब की जानकारी दी। किशन चंद ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से की गई कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि एजेंसी की तरफ से उनकी जो संपत्ति अटैच की गई है और उसका मूल्य बताया गया है। वह मौजूदा मार्केट वैल्यू के लिहाज से है। जबकि उन्होंने यह संपत्ति सालों पहले ही मार्केट वैल्यू से काफी कम कीमत में ली गयी थी। दरअसल किशन चंद पर मनी लांड्रिंग के तहत यह कार्रवाई की गई है। इसमें उनके एक स्कूल भवन के साथ ही स्टोन क्रशर प्लांट को भी अटैच किया गया है। यह संपत्तियां किशन चंद या उनके परिवार के नाम पर दर्ज हैं। किशन चंद की उत्तराखंड में वन अधिकारी के रूप में लंबी सेवा रही है और एक प्रमोटी आईएफएस अधिकारी के रूप में उन्होंने कई प्रभागों में प्रभागीय वन अधिकारी की जिम्मेदारी भी संभाली है।
रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी किशनचंद सबसे पहले आए से अधिक संपत्ति के मामले में कानूनी शिकंजे में आए थे। इस दौरान विजिलेंस ने उनकी जांच की और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई। अभी विजिलेंस की जांच चल ही रही थी कि इस दौरान कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पाखरों टाइगर सफारी मामले पर विवाद हो गया। इस पर पहले विजिलेंस और फिर सीबीआई की जांच के आदेश हो गए। उधर अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। बड़ी बात यह है कि अब कॉर्बेट टाइगर रिजर्व मामले में जिसमें पहले ही सीबीआई जांच कर रही है, उसे अब ईडी भी जल्द ही टेकअप कर सकती है। इस एजेंसी के द्वारा भी संबंधित मामले में जांच शुरू किए जाने की बात कही जा रही है।