
ऑपरेशन कालनेमी पर ठीक तरीके से काम करने की जरूरतः त्रिवेंद्र सिंह रावत
बोले- यह भी तय हो फर्जी बाबा को किन धारा में पकड़ा जाए
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऑपरेशन कालनेमी पर प्रतिक्रिया दी है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा ऑपरेशन कालनेमी का मकसद तो ठीक है लेकिन इसमें ठीक तरीके से काम करने की जरूरत है।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने प्रदेश में फर्जी साधु बाबाओं की सफाई को लेकर ऑपरेशन कालनेमि शुरू किया है। जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान आया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि हमारे प्रदेश में कई सारे ऐसे भगवाधारी साधु संतों के भेष में घूम रहे हैं जिन सनातन से कोई लेना-देना नहीं है। उनकी भगवा में कोई आस्था नहीं है। ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे लोगों के खिलाफ बिल्कुल अभियान चलाया जाना चाहिए।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा ऑपरेशन कालनेमी जिस नाम पर चलाया जा रहा है वह राक्षस कालनेमी के नाम पर है। उन्होंने बताया कालनेमी भगवान राम के खिलाफ था। वह रावण का मित्र था। रावण के लिए काम करता था। उन्होंने कहा हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कौन रावण के लिए काम कर रहा है और कौन राम के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा इसको लेकर थोड़ा सा प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है कि अनायास रूप से किसी ऐसे व्यक्ति को परेशान नहीं करना चाहिए जो सामान्य रूप से हिंदू धर्म की प्रथाओं के अनुसार भीख मांग रहे हैं या फिर दान मांग रहे हैं। उनके लिए इस तरह का कालनेमी ऑपरेशन नहीं बल्कि कोई और समाधान निकलना होगा।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऑपरेशन कालनेमि के फर्जी बाबाओं को पकड़ा गया, लेकिन उन्हें किन धाराओं के तहत पकड़ा गया? अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो किन धाराओं में गिरफ्तार किया जाएगा? यह भी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा आज भी सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है कि 7 साल से कम की सजा वाले को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। इस मामले में तमाम ऐसी तकनीकी विषय हैं जिन पर सोच समझकर काम किया जाना चाहिए। त्रिवेंद्र रावत ने कहा हमारे समाज में ही कुछ लोग ऐसे हैं जो कि भिक्षावृत्ति करते हैं। वह गरीब हैं, असहाय हैं, लेकिन उनके लिए इस तरह का अभियान नहीं कुछ और सोचना चाहिए