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भूमि फर्जीवाड़े में 15 रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों पर नेहरू कॉलोनी पुलिस ने किया मुकदमा

भूमि फर्जीवाड़े में 15 रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों पर नेहरू कॉलोनी पुलिस ने किया मुकदमा

 

देहरादून। डिफेंस कॉलोनी की खुली जमीनों को फर्जीवाड़ा कर बेचने के आरोप में 15 सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों समेत 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ये सभी द सैनिक सहकारी आवास समिति लिमिटेड, डिफेंस कॉलोनी के समय-समय पर पदाधिकारी रहे हैं। इस खुली जमीन पर पार्क व अन्य स्थान बनाए जाने थे। लेकिन, आरोप है कि दस्तावेज में छेड़छाड़ कर इन जमीनों में भी प्लॉट तराश कर बेच दिए गए। ये सभी प्लॉट मिलीभगत से सर्किल रेट से भी कम दामों पर बेचकर अनुचित लाभ कमाया गया।

एसओ नेहरू कॉलोनी संजीत कुमार ने बताया कि धोखाधड़ी और जालसाजी के इस मामले में डिफेंस कॉलोनी के डी-104 सेक्टर चार के रहने वाले सेवानिवृत्त कर्नल रमेश प्रसाद ने शिकायत की थी। इस शिकायत के आधार पर द सैनिक सहकारी आवास समिति के तत्कालीन प्रशासक सेवानिवृत्त कर्नल आरएस कली, वीरभान सिंह, सेवानिवृत्त कर्नल एसम गुसाईं, सेवानिवृत्त कर्नल आरएस पैन्यूली, पूर्व कैप्टन टीपी कुंडलिया, पूर्व कर्नल एसएल पैन्यूली, सेवानिवृत्त कमांडेंट एसएस रावत, सेवानिवृत्त लेफि्टनेंट कर्नल एएस कंडारी, सेवानिवृत्त लेफि्टनेंट कर्नल पीएस राणा, सेवानिवृत्त पीओएमए वीके नौटियाल, सेवानिवृत्त लेफि्टनेंट कर्नल सीपी सती, सेवानिवृत्त लेफि्टनेंट कर्नल जीएस बिष्ट, सेवानिवृत्त स्क्वार्डन लीडर एसएस बिष्ट, सेवानिवृत्त लेफि्टनेंट एएस बिष्ट, सेवानिवृत्त लेफि्टनेंट कर्नल एसपीएस नेगी और सेवानिवृत्त मेजर एमएस नेगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि द सैनिक सहकारी आवास समिति 1964 में रजिस्टर्ड हुई थी। उस वक्त यह जमीन केंद्र सरकार के अनुदान से खरीदी गई थी। इसमें सिर्फ सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को ही प्लॉट बेचे जाने थे। समिति रजिस्टर्ड कराने के बाद यहां पर प्लॉटिंग की गई। इसके साथ में यहां पर पार्क और अन्य सामुदायिक स्थानों के लिए जमीनों को खाली छोड़ा गया। समय-समय पर प्लॉट बिकते गए। लेकिन, इस बीच पिछले दिनों पता चला कि यहां पर समिति के पदाधिकारियों ने कालांतर में इन खुली जमीनों पर भी प्लॉट तराशकर उन्हें मनमाने दामों पर बेच दिया है। यही नहीं बहुत से ऐसे लोगों को भी जमीनें बेची गई जिनका सैन्य सेवाओं से कभी कोई ताल्लुक नहीं रहा। ऐसे में इन सभी ने नियम विरुद्ध काम करते हुए अनुचित लाभ कमाया और सरकार व समिति के सदस्यों को धोखे में रखा। एसओ संजीत कुमार ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है।

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