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आपदा प्रभावितों के साथ खड़ी हैै सरकारः सीएम

आपदा प्रभावितों के हाल जानने के लिए पहंुचे धामी

आपदा शिविर राजकीय इंटर कॉलेज विनयखाल में रह रहे पीड़ितों से मुलाकात की
प्रभावितों के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए
टिहरी के तिनगढ़ गांव में एक बार फिर हुआ भूस्खलन
आपदा में मृतकों के प्रति व्यक्त की शोक संवेदना
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को टिहरी के अस्थाई राहत शिविर राजकीय इण्टर कॉलेज विनक खाल में प्रभावितों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने राहत शिविर में बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, विकलांगों के लिए भी उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा राहत शिविर में आपदा प्रभावितों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना तथा उनकी समस्यायें सुनी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा आपदा के दिन से ही लगातार स्थिति की जानकारी प्राप्त की जा रही है। उन्होंने आपदा में हुई जनहानि पर गहरा शोक संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति तथा पीड़ित परिवार को इस दुख की घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण प्राकृतिक आपदाएं हमेशा चुनौतियां बनकर आती हैं। इससे पूर्व तैयारी के साथ-साथ आपदा के समय सजगता और सतर्कता से कम से कम समय में आपदा पर काबू पाना जरूरी होता है, जिसका परिचय जिला प्रशासन ने दिखाया है। उन्होंने पीड़ितों को त्वरित राहत प्रदान करने के जिला प्रशासन के प्रयासों की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में भारत सरकार, राज्य सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है। तिनगढ़ गांव के विस्थापन की कार्रवाई शुरू हो गई है। अन्य गांव का सर्वे कर योजना बनाकर कार्य किया जाएगा। आपदा से क्षतिग्रस्त हुए सुरक्षा दीवार, स्कूल, पुल, तटबंध आदि कार्यों को शीघ्रता से किया जाएगा। आपदा सुरक्षा कार्यों में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने आपदा के इस कठिन समय में धैर्य से एक दूसरे का सहयोग करने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को खतरे की जद में आने वाले मकानों को लेकर सजग रहने के निर्देश दिए। आपदा की इस घड़ी में जनप्रतिनिधियों को भी हर संभव मदद करने को कहा। आपदा प्रभावितों को कोई दिक्कत न हो तथा उनके जन जीवन को पूर्व की भांति पटरी पर लाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि तिनगढ़ गांव के पुनर्वास व विस्थापन के लिए भूगर्भीय सर्वे कर लिया गया है, तथा सैद्धान्तिक स्वीकृति मिल चुकी है। भूमि चिन्हीकरण की कार्यवाही की जा रही है। जमीन उपलब्धता के आधार पर धीरे धीरे लोगों का पुनर्वास किया जायेगा। जिलाधिकारी ने बताया कि ग्राम कोट के 28 परिवारों के विस्थापन की कार्यवाही गतिमान है। तिनगढ़ के लगभग 100 पशुओं के लिए एक अस्थाई गौशाला का चिन्हीकरण कर लिया गया है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विनय रोहेला, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नोटियाल, ब्लॉक प्रमुख भिलंगना वासुमति घणाता, सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, एडीएम के.के. मिश्रा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, ग्रामीण मौजूद रहे।

मूसलाधार बारिश के बाद सुसुवा नदी का रौद्र रूप
सुरक्षा दीवार टूटी, पानी भरने से खेतों को भारी नुकसान
सिंचाई विभाग से लगाई फसलों की सुरक्षा की गुहार
देहरादून। दून जिले से सटे ऊपरी इलाकों में पिछले दो दिन से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कई नदियां उफान पर बह रही हैं। डोईवाला से बहने वाली सुसुवा नदी ने भी रौध्र रूप ले रखा है। मंगलवार को नदी की विकराल लहरों के आगे नदी किनारे बनी सुरक्षा दीवार भी टिक नहीं पाई। जबकि सिंचाई नहर भी बह गई। सबसे ज्यादा नुकसान किसनों को फसलों के बर्बादी के रूप में हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक, डोईवाला के बड़ोवाला क्षेत्र से बहने वाली सुसुवा नदी मंगलवार को अपने विकराल रूप में बह रही है। मूसलाधार बारिश के कारण नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। नदी के पानी से किसानों के खेतों को बचाने के लिए बनाई सुरक्षा दीवार भी बह गई है। इससे नदी का पानी किसानों के खेतों में खड़ी फसल तक पहुंच रहा है। इससे अब खेत कटने के कगार पर आ गए हैं। किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से खेतों को बचाने के लिए सुरक्षा के उपाय करने की मांग की है।
किसान गौरव चौधरी का कहना है कि बड़ोवाला क्षेत्र में जो सुरक्षा दीवार खेतों को बचाने के लिए लगाई गई थी, वह दीवार पानी की भेंट चढ़ गई है। सिंचाई की नहर भी क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे किसानों के आगे खेतों को बचाने का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने विभाग से जल्द से जल्द सुरक्षा के उपाय करने की मांग की है।
सिंचाई विभाग के अधिकारी योगेश्वर देवरानी का कहना है कि मौके पर टीम को भेजा गया है। जो भी सुरक्षा के उपाय संभव होंगे, वह किए जा रहे हैं। किसानों की फसलों और खेतों को आगामी समय में कोई नुकसान ना हो, उसके लिए भी उपाय किए जा रहे हैं।

बारिश से राज्य में 131 मार्ग प्रभावित
देहरादून। राज्य में 131 मार्ग बंद हैं। इसमें सबसे अधिक पिथौरागढ़ और चमोली जिला प्रभावित हैं। पिथौरागढ़ जिले में दो बार्डर रोड और 21 ग्रामीण मार्ग बंद हैं। चमोली में 23 ग्रामीण मार्ग प्रभावित हैं। बागेश्वर में एक जिला मार्ग, दो मुख्य जिला मार्ग और 13 ग्रामीण मार्ग, उत्तरकाशी में एक राज्य मार्ग, एक मुख्य जिला मार्गरुद्रप्रयाग में आठ, पौड़ी में 11, टिहरी में नौ, नैनीताल में तीन, चंपावत में सात ग्रामीण मोटर मार्ग और अल्मोड़ा और ऊधम सिंह नगर में एक राज्य मार्ग और एक ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं। वहीं, टिहरी बांध का जलस्तर 791.91 मीटर (अधिकतम 830 मीटर) है। और सात ग्रामीण मोटर मार्ग और देहरादून में दो राज्य मार्ग, एक अन्य मार्ग और 15 ग्रामीण मार्ग बंद हैं।

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