7 जिलों की पुलिस के लिए सिरदर्द बनी महिला ठग गिरफ्तार
राज्य के 4 जिलो की पुलिस ने किया था ईनाम घोषित

एक दर्जन से ज्यादा मुकदमों में थी वांछित
देहरादून। एसटीएफ ने देहरादून, चमोली, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और बागेश्वर जनपद में कई लोगों के साथ करोड़ों रूपये की धोखाधडी करने वाली गैंग की मुख्या आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पिछले 2 वर्षो से उत्तराखंड के 7 जिलों की पुलिस के लिए सिरदर्द बनी थी। अरोपी महिला की गिरपतारी के लिए राज्य के 4 जिलो चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी तथा देहरादून से ईनाम घोषित किया गया था। ये आरोपी महिला बागेश्वर, पौड़ी और रुद्रप्रयाग से भी वांछित थी। आरोपी के विरुद्ध चारों जिलों में एक दर्जन से ज्यादा धोखाधड़ी के मुकदमें दर्ज हैं।
वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चलाये जा रहे आप्ररेशन प्रहार के अनुपालन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने अभियान को गंभीरता से लेते हुए अपनी टीमो को टास्क दिए है। इसी क्रम में निरीक्षक प्रदीप कुमार राणा के नेतृत्व में जनपद बागेश्वर, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, जनपद चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी तथा देहरादून के विभिन्न थानों में करीब 15 मामलों में वांछित ईनामी महिला आरोपी मोनिका कपूर निवासी पंजाबी बाग, प्रगति अपार्टमेन्ट दिल्ली को गिरफ्तार किया गया है। जिस पर 4 जनपदो से अलग-अलग ईनाम घोषित किया हुआ था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि अपराधी मोनिका कपूर जनशक्ति मल्टी स्टेट मल्टी परपज को-ऑपरेटिव सोसाईटी लि. नाम की कंपनी की निदेशक थी, जिसका मुख्यालय राठी बिल्डिंग बीना एन्कलेव नागलोई दिल्ली था। जिसके द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर कंपनी बनाई तथा वर्ष 2015 से राज्य के अलग-अलग जनपदों के विभिन्न तहसीलो/उपखण्डो में स्थानीय शिक्षित व बेरोजगार नवयुवको को कंपनी मे कंपनी का प्रचार करने व अन्य नवयुवको को जोडने व उनसे निवेश करने के लिए प्रेरित किया। जिससे स्थानीय बेरोजगार नवयुवक कंपनी से जुड गए तथा आरोपी के अनुसार व आश्वासन पर कंपनी के खातो में उनके बचत खाते/आरडी/एफडी व दैनिक बचत खाते आदि खुलवाए गए। जिनके द्वारा कंपनी के खातो में धनराशि जमा कराई गई। जिनसे समय-समय पर धनराशि आहरित की जाती थी। जिससे स्थानीय व्यक्तियों को कंपनी में खाता खोलने पर पूरा यकीन हो गया था। जब कंपनी में व्यक्तियों का काफी धनराशि जमा हो गई और उनकी आरडी/ बचत पत्र का समय पूर्ण होने लगा तो वर्ष 2021 के अंत में कंपनी फरार हो गई। इस मामले में जनपद उत्तरकाशी 16 करोड, टिहरी-1,25 करोड, देहरादून- 13 करोड व चमोली- 6 करोड का गबन किया गया है।