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189 करोड़ के गबन के आरोप में 5 लोग गिरफ्तार

फर्जी कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाकर हवाला से विदेश भेजा पैसा

189 करोड़ के गबन के आरोप में 5 लोग गिरफ्तार
फर्जी कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाकर हवाला से विदेश भेजा पैसा
मोटे मुनाफे का लालच देकर की गई धोखाधड़ी

देहरादून। फर्जी कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम पर उत्तराखंड में करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले पांच लोगों को पौड़ी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस को शक है कि आरोपियों ने उत्तराखंड के बाहर भी इसी तरह से धोखाधड़ी की है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है। पुलिस की जांच में ये भी सामने आया है कि आम जनता से ठगा हुआ पैसा हवाला के लिए विदेश में भेजा जा रहा है। पौड़ी गढ़वाल एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने इस पूरे मामले का खुलासा किया।
पुलिस ने बताया कि कोटद्वार निवासी तृप्ति नेगी ने लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड ट्रेफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (एलयूसीसी) की शाखा दुगड्डा के मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत के खिलाफ तहरीर दी थी। तृप्ति नेगी ने बताया कि मैनेजर और कैशियर ने आरडी खुलवाने के नाम पर वादिनी से पैसे तो ले लिए हैं, लेकिन उन्हें इसका न तो कोई बॉन्ड दिया है और न ही उनके पैसे को जमा किया। इस प्रकार दोनों ने उसके साथ धोखाधड़ी की है।
पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। पौड़ी एसएसपी के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार की अध्यक्षता में जांच टीम का गठन किया गया। जांच के दौरान टीम के सामने आया कि गिरीश चन्द्र सिंह बिष्ट (जीसीएस बिष्ट) निवासी मीरा नगर बीरभद्र ऋषिकेश ने साल 2016 में आईडीपीएल ऋषिकेश में एलयूसीसी कंपनी व सोसाइटी की ब्रान्च खोली और लोगों को मोटे मुनाफे का लालच देकर एलयूसीसी में उनका पैसा लगवाया था।
पुलिस की जांच में सामने आया कि इसी तरह जीसीएस बिष्ट ने उत्तराखंड में एलयूसीसी की करीब 35 शाखाएं खोलीं। इसमें जनपद पौड़ी में दुगड्‌डा, कोटद्वार, सतपुली, श्रीनगर। वहीं जनपद देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी आदि में भी शाखायें खुलवायी गई।
जीसीएस बिष्ट ने अपने चार लोगों को ब्रांच हेड बनाया, जिसमें मंगला निवासी मीरा नगर ऋषिकेश, तरुण मौर्य निवासी मीरा नगर ऋषिकेश, सोनू निवासी हर्बटपुर विकासनगर व उर्मिला बिष्ट निवासी ऋषिकेश हैं।

कई राज्यों में फर्जी कम्पनी बनाकर की गई ठगी
देहरादून। पुलिस जांच में सामने आया कि एलयूसीसी सोसायटी के खिलाफ कोतवाली ललितपुर उत्तर प्रदेश में साल 2024 में पांच मुकदमे दर्ज हुए थे। इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी एक केस दर्ज है। पुलिस जांच में ये भी सामने आया है कि समीर अग्रवाल पुत्र राजेन्द्र अग्रवाल निवासी मुम्बई हाल निवासी दुबई ने साल 2016 में सागा नाम की संस्था की स्थापना की थी, जिसमें 9 सोसाइटी बनायी गयी थी। इसमें से एक एलयूसीसी है, जिसका कारोबार यूपी-हरियाणा और उत्तराखंड में है। दूसरी कंपनी एलजेसीसी जो मध्य प्रदेश में काम करती थी। तीसरी कंपनी एसएसवी महाराष्ट्र में चौथी कंपनी एसएस गुजरात और राजस्थान में, पांचवीं कंपनी फॉर हयूमैन बिहार और हरियाणा में व छठवीं कंपनी विश्वास के नाम से है, जो पजांब में काम करती है। पुलिस की जांच में समीर अग्रवाल और आरके सेड्डी निवासी मुम्बई (फाइनेंस एडवाइजर), संजय मुदगिल ट्रेनर और परीक्षित पारसी लीगल एडवाइजर का नाम भी सामने आया। समीर अग्रवाल के दुबई भाग जाने के तथ्य प्रकाश में आये हैं। एलयूसीसी के अतिरिक्त जो अन्य सोसाइटी हैं, उनके खाता धारकों के मैच्युरिटी का पैसा भी वापस नहीं दिया जा रहा है।

पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों के नाम
उर्मिला बिष्ट पत्नी जगमोहन सिंह बिष्ट निवासी- गली नंबर 4 बीस बीघा आईडीपीएल ऋषिकेश जनपद देहरादून।
जगमोहन सिंह बिष्ट पुत्र नारायण सिंह बिष्ट, निवासी-गली नंबर 4 बीस बीघा आईडीपीएल ऋषिकेश जनपद देहरादून।
प्रज्ञा रावत पुत्री प्रदीप रावत, निवासी-पदमपुर मोटाढांक, कोतवाली कोटद्वार जनपद पौड़ी गढ़वाल
विनीत सिंह पुत्र प्रेम सिंह, निवासी-ग्राम देवडाली, गुमखाल, थाना लैंसडाउन जनपद पौड़ी गढ़वाल।
गिरीश चन्द्र बिष्ट पुत्र स्व. मोहन सिह, निवासी-ग्राम पिंगल कोट, थाना-कौसानी, जिला बागेश्वर, उत्तराखंड।
हाल पता- मन्दिर मार्ग मीरा नगर निकट गली नम्बर -08 बापू ग्राम कोतवाली ऋषिकेश जनपद देहरादून (स्टेट हेड)

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