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हल्द्वानी से प्रशासन ने हटाया कफ्र्यू , बनभूलपुरा में रहेगा जारी

मजिस्ट्रियल जांच के दिए आदेश

आग हिंसा के ताड़व में घायल हुए थे 300 लोग
हल्द्वानी। हिंसा की आग में झुलसे हल्द्वानी के शांत होने पर शनिवार को कफ्र्यू हटा दिया है। इस पूरे घटनाक्रम के  मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उत्तराखंड के नैनीताल जिले का हल्द्वानी शहर गुरुवार 8 फरवरी को उपद्रवियों की हिंसा की आग हिंसा के तांडव में 300 के करीब लोग घायल हो गए थे। 5 लोगों की जान चली गई। करीब 100 वाहनों जिनमें पुलिस के वाहन भी शामिल थे। जिनमें उपद्रवियों ने आग लगा दी। उत्तराखंड के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमान का कहा कि हल्द्वानी में स्थिति सामान्य है। बनभूलपुरा में कर्फ्यू जारी है। 3 एफआईआर दर्ज की गई हैं और पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। पांच लोगों की मौत हो गई है। तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए हैं। हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा इलाके में ही सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके मस्जिद और मदरसा बनाया गया था। कई नोटिस के बाद भी जब ये अवैध निर्माण नहीं हटाए गए तो नगर निगम प्रशासन के साथ 8 फरवरी को इसे हटाने गया था। इसी दौरान उपद्रवियों की भीड़ ने नगर निगम की टीम, पुलिस प्रशासन के लोगों और पत्रकारों पर जानलेवा हमला बोल दिया था। बनभूलपुरा थाने को आग के हवाले कर दिया गया था।


हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड बेटे सहित गिरफ्तार
हल्द्वानी।  हल्द्वानी में आठ फरवरी गुरुवार को भड़की के बाद अब शहर में हालात पहले की तरह सामान्य होने लगे हैं। हालांकि बनभूलपुरा थाना क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है। वहीं अब पुलिस ने उपद्रवियों पर भी कार्रवाई करनी शुरू कर दी है, जिसकी जानकारी खुद नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने दी। हल्द्वानी हिंसा का सूत्रधार यानी मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसका बेटे को माना जा रहा है। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, सपा नेता मतीन सिद्दीकी के भाई जावेद सिद्दीकी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर हिंसा भड़काने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि ये लोग हिंसक भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि मलिक के बगीचे में अवैध निर्माण अब्दुल मलिक ने ही किया था। पुलिस के अनुसार गुरुवार 8 फरवरी शाम को जब प्रशासन और हल्द्वानी नगर निगम की टीम अवैध निर्माण को गिराने गई तब अब्दुल मलिक ने ही इसका विरोध किया था, जिसके बाद लोग उग्र हो गए और उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिस-प्रशासन और हल्द्वानी नगर निगम की टीम पर हमला बोल दिया था। इसीलिए इस मामले के शुरुआती सूत्रधार अब्दुल मलिक और उसके बेटे को ही माना जा रहा है।

5 हजार से ज्यादा उपद्रवियों पर मुकदमा
हल्द्वानी। हिंसा के बाद बनभूलपुरा इलाके में पैरामिलिट्री की 10 कंपनियां तैनात हैं। पीएसी की 5 कंपनियां भी यहां सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही हैं। इसके साथ ही कुमाऊं मंडल की सभी  थानों की पुलिस भी हल्द्वानी में तैनात है। पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की टीम दंगाइयों को चिन्हित करने का काम कर रही है। हल्द्वानी नगर निगम और पुलिस द्वारा हल्द्वानी कोतवाली में 5000 से अधिक अज्ञात लोगों के साथ-साथ 19 नामजद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जिला प्रशासन आगजनी और हिंसा में हुए नुकसान का आकलन करने में जुटा हुआ है।

हल्द्वानी हिंसा का असर पर्यटन व्यवसाए पर
नैनीताल। हल्द्वानी में हुई हिंसा का असर पर्यटन क्षेत्र में भी पड़ा है। वीकेंड पर नैनीताल आने वाले सैलानी इस बार नहीं आए। बृहस्पतिवार को चुंगी से दो से ढाई सौ गाड़ियां पास हुई थी जबकि शुक्रवार को यह संख्या बमुश्किल सौ का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई। उत्तराखंड से बाहर के सैलानी होटल कारोबारियों से हिंसा और कर्फ्यू का अपटेड भी ले रहे हैं। पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि अब नहीं लगता कि वैलेंटाइन के मौके पर सैलानी नैनीताल पहुंचेंगे।


हिंसा में उपद्रवियों ने नगर निगम को पहुंचाया सबसे ज्यादा नुकसान
हल्द्वानी। हल्द्वानी में हिंसा की आग भले ही ठंडी हो गई हो, लेकिन उसके निशान अभी भी मौजूद हैं। जिला प्रशासन ने  हिंसा में हुए नुकसान का आकलन करीब सात करोड़ रुपए बताया है। सबसे ज्यादा नुकसान नगर निगम को करीब चार करोड़ रुपए का हुआ है।
हल्द्वानी बनभूलपुरा अग्निकांड में सरकारी संपत्ति में नगर निगम और पुलिस विभाग की संपत्ति को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार उनकी तीन जेसीबी को आग के हवाले किया गया है। नगर निगम की कई अन्य संपत्तियों को भी जलाया गया है, जिसके हिसाब से हल्द्वानी नगर निगम ने अपने नुकसान का आकलन करीब चार करोड़ रुपए बताया है।
इसके अलावा पुलिस विभाग की बात की जाए तो पीएससी की एक बस, पुलिस के दो वाहन कई कारें और 50 से अधिक दोपहिया वाहनों को फूंका गया है। अभी भी दर्जनों गाड़ियों हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में पड़ी हुई हैं। गाड़ियों के हुए नुकसान के लिए जिला प्रशासन ने परिवहन विभाग को नोडल बनाया है।

पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियों की धारा बढ़ाई
देहरादून। बनभूलपुरा हिंसा प्रकरण में पुलिस ने अलग-अलग कुल तीन मुकदमों में से एक में गैरकानूनी गतिविधियां (यूएपीए) की धारा बढ़ा दी है। मुख्य प्रवक्ता पुलिस मुख्यालय नीलेश आनंद भरने ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है। प्रदेश में फोर्स को अलर्ट पर रखा गया है। क्षेत्र में लगातार पेट्रोलिंग और गश्त कार्रवाई की जा रही है। आईजी ने बताया कि अभी तक 16 आरोपितों के नाम सामने आ चुके हैं, जबकि इनमे से अरशद अयूब, महमूद आलम व जीशान को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं बगीचे का मालिक अब्दुल मलिक फरार है।

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