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पहाड़ की चोटी से नीचे तेजी से हो रही वर्टीकल ड्रिलिंग

खराब मौसम के बीच 16वें दिन रेस्क्यू अभियान जारी

सिलक्यारा सुरंग के ऊपर की जा रही वर्टिकल ड्रिलिंग
1.5 मीटर व्यास में ड्रिल मशीन की रिक से हो रही ड्रिलिंग
86 मीटर तक होनी है ड्रिलिंग होनी


उत्तरकाशी। सिलक्यांरा सुरंग संकट से निपटने के लिए सभी पांच मोर्चों पर तेजी से काम चल रहा है। रात भर चली प्लाज्मा कटर सुबह तड़के निकाला गया फँसा ऑगर अब सुरंग के अंदर से शेष जगह की मैन्युअल खुदाई की तैयारी मद्रास आर्मी टीम की निगरानी में बढ़ेगा आगे खुदाई का काम। रविवार देर रात्रि तक पहाड़ की छोटी से सुरंग में फंसे लोगों तक पहुँचने के लिए 20 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी थी। लक्ष्य तक पहुँचने के लिए 86  मीटर  तक मोटा छेद बनाया जाना है। इधर क्षतिग्रस्त ऑगर मशीन के हिस्सों को बहार निकला जा रहा है। उसके बाद लगभग 13  मीटर मैन्युअल खुदाई होनी है।
सिलक्यारा सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम जारी है। अभी तक 30 मीटर तक ड्रिलिंग कर ली गई है। वहीं सुरंग के अंदर फंसे ऑगर मशीन के ऑगर (बरमे) को बाहर निकाल लिया गया है। अब यहां मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा, जो कि भारतीय सेना की इंजीनियरिंग बटालियन मद्रास सेपर्स की निगरानी में आगे बढेगा। यहां मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए रैट माइनिंग विधि अपनी जाएगी, जिसमें छोटी-छोटी सुरंगे खोदी जाती हैं, कोयले की खदान में इस तरह की सुरंगें बनाई जाती है। सिलक्यारा सुरंग के ऊपर सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) की टीम ने वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की। यहां 1.5 मीटर व्यास में ड्रिल मशीन की रिक से ड्रिलिंग शुरु की। जिससे दोपहर बाद तक 15 मीटर तक ड्रिलिंग शुरु कर दी है। एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद ने बताया कि सुरंग के ऊपर एसजेवीएनएल की टीम से 1.2 मीटर व्यास में वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी है। कुल 86 मीटर तक ड्रिलिंग होनी है। जिसमें दो दिन का समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि एक ड्रिलिंग रिक की क्षमता 40 मीटर ड्रिल की है। जिसके बाद रिक को बदला जाएगा।
सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के संबंध में रविवार को देर शाम अस्थाई मीडिया सेंटर, सिलक्यारा में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन की ब्लेड एवं साफ्ट को काटने का कार्य जारी है। उन्होंने बताया पाइप से अब 8.15 मीटर के ऑगर मशीन की ब्लेड एवं साफ्ट के हिस्से को निकाला जाना बाकी है। अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल) महमूद अहमद ने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने बताया अब तक 19.2 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई है। आगे का कार्य भी पूरी तेजी एवं सावधानी से किया जा रहा है। इस दौरान जिला अधिकारी अभिषेक रुहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, सी.डी.ओ गौरव कुमार मौजूद रहे।

वर्टिकल ड्रिल के साथ सिलक्यारा की ओर से सुरंग में राह बनाने के प्रयास तेज

प्लान 01
सिलक्यारा की तरफ से आठ सौ एमएम के पाइप में फंसी ऑगर मशीन को बाहर निकाला जा रहा है। इसके बाद आगे की खुदाई मैनुवल तरीके से की जाएगी।
प्लान 02
बड़कोट छोर की ओर से टीएचडीसी ने चार ब्लॉस्ट कर 10.7 मीटर अंदर तक राह बना ली है। यहां दो मीटर चैड़ाई का पाइप 483 मीटर तक बिछाया जाना है।
प्लान 03
एसजीवीएनएल ने सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग कर एक मीटर चैड़ा पाइप 19.2 मीटर तक पहुंचा दिया है। यहां कुल 86 मीटर पाइप ड्रिल किया जाना है।
प्लान 04
आरवीएनएल भी सुरंग के ऊपर एक अन्य स्थान पर वर्टिकल ड्रिलिंग कर रास्ता बनाएगी। इसके लिए मशीनें पहुंच गई हैं व उनके लिए प्लेटफार्म बनाया जा रहा है।
प्लान 05
बड़कोट की तरफ से वर्टिकल ड्रिलिंग को ओएनजीसी ने फील्ड सर्वे कर लिया है। बीआरओ ने मशीनों को पहुंचाने के लिए 975 मीटर सड़क तैयार की है।

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