हरिद्वार। उत्तर प्रदेश का क्राइम कल्चर अब उत्तराखंड में भी दिखने लगा है। खददरधारी अब संरक्षण के नाम पर गुंडा टैक्स वसूलने में जुट गए है। ताजातरीन प्रकरण शराब के कारोबार से जुड़ा है। एक पूर्व विधायक अपने गुर्गों की मदद से शराब कारोबारियों से गुंडा टैक्स वसूलने में जुटा है। भयभीत शराब कारोबारी अब सीएम दरबार में गुहार लगाने की तैयारी कर रहे है। पूर्व विधायक का दो टूक कहना है कि शराब कारोबार करने के लिए उन्हें गुंडा टैक्स देना ही होगा। पूरा खेल कुछ यूं है। दरअसल, कुंभनगरी में शराब पूरी तरह से प्रतिबंधित है। शराब की सभी दुकानें प्रतिबंधित एरिया से बाहर संचालित होती है, लिहाजा शहर में भी शराब की सप्लाई पहुंची है, जो बात किसी से छिपी नहीं है। यह शराब इन्हीं सब दुकानों से होते हुए शहर में पहुंचती है। इसी बात का फायदा हाल ही में चुनाव में शिकस्त खाने के बाद अपना विधानसभा क्षेत्र छोड़कर यहां शिफ्ट हुआ एक पूर्व विधायक उठाना चाहता है।
एक कददावर नेता का खास कहकर पूर्व विधायक सिस्टम पर रौब गालिब करता है इसलिए उसकी निगाहें अब शराब कारोबारियों पर पड़ गई है।
सूत्र बताते है कि पूर्व विधायक ने वेस्ट यूपी से कई गुर्गें यहां बुलाकर शराब कारोबारियों पर दबाव बनाकर गुंडा टैक्स वसूलना शुरू कर दिया है। अगर कोई कारोबारी इंकार कर रहा है तो उसे तरह तरह के हथकंडे अपनाकर प्रताडित किया जा रहा है। यही नहीं आपराधिक प्रवृति के उसके गुर्गे असलहे के बूते हर किसी को डरा धमका रहे है। इधर, शराब कारोबारी एक तरह से रंगदारी देने को बेबस है, चूंकि उन्हें अपनी दुकान का संचालन करना है इसलिए उन्होंने पूर्व विधायक के आगे सरेंडर कर दिया है। बताते है कि कई लाख की रंगदारी पूर्व विधायक रोजाना कर रहा है और उसके गुर्गे भी मलाई चाट रहे है।
उनका टॉरगेट पूरे जिले के शराब कारोबारियों से गुंडा टैक्स वसूलने का है। पुलिस महकमा चुप्पी साधे हुए है, आखिर पूर्व विधायक दून दरबार में अपनी मजबूत पकड़ होने का दावा करता है। कुल मिलाकर शराब कारोबारी अब सीएम पुष्कर सिंह धामी के दरबार में दस्तक देने का मन बना चुके है, जिससे की गुंडा टैक्स से बचा जा सकें। देखना दिलचस्प होगा कि शराब कारोबारियों को राहत मिलती है या नहीं, या फिर पूर्व विधायक गुंडा टैक्स वसूलता रहेगा।