मृत्यु की दशा में देय एक लाख से बढ़ाकर 2 लाख किया
देहरादून। पीआरडी मुख्यालय में प्रांतीय रक्षक दल का स्थापना दिवस कार्यक्रम सोमवार को आयोजित किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने शिरकत की। इस दौरान पीआरडी जवानों द्वारा शानदार रेतिक परेड आयोजित की गई। कार्यक्रम में शहीद हुए पीआरडी जवानों के परिजनों को आर्थिक सहायता राशि के चेक भी वितरित किये गए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारे पीआरडी जवान लगातार विषम परिस्थितियों में काम करते है। चाहे वह कोरोना काल हो,चारधाम यात्रा हो,कांवड़ यात्रा हो ,सिलक्यारा रेस्क्यू हो या सामान्य ड्यूटी। कहा कि पीआरडी जवानों के हितों के लिए सरकार लगातार काम रही है।उनके लिए कई योजनाओं को चलाया जा रहा है। निकट भविष्य में भी हमारे जवानों के लिए हम अन्य सुविधाएं भी विकसित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीआरडी स्वयंसेवक अपनी निरंतर सेवा और समर्पण भाव से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहयोग कर रहे हैं। सामाजिक सुरक्षा कार्य, आपदा प्रबंधन और यातायात व्यवस्था में पीआरडी ने सराहनीय कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पी.आर.डी. स्वयं सेवकों के हित में कई कदम उठाए हैं। पी.आर.डी. स्वयंसेवकों के मृतक आश्रितों के पंजीकरण के लिए शासनादेश जारी किया गया है। प्रान्तीय रक्षक दल कल्याण कोष संशोधित नियमावली अगस्त 2023 में प्रख्यापित की गई है।
जिसमें आर्थिक सहायता की धनराशि में वृद्धि करते हुए साम्प्रदायिक दंगो के दौरान ड्यूटी पर मृत्यु की दशा में देय एक लाख रुपए को बढ़ाकर 2 लाख किया गया है। इसके साथ ही अति संवेदनशील ड्यूटी में मृत्यु की दशा में देय 75 हजार रुपए को बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए किया गया है। सामान्य ड्यूटी के दौरान मृत्यु की दशा में देय 50 हजार को बढ़ाकर एक लाख रुपए किया गया है। प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान के लिए भी संबंधित अधिकारी की संस्तुति पर अधिकतम 50 हजार रुपए का प्राविधान किया गया है, जिससे सीधे तौर पर पीआरडी जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान भी पीआरडी स्वयंसेवकों ने उत्कृष्ट कार्य किया।
पीआरडी जवानों के लिए नवीनतम, सहायक और सशक्त करने वाले निर्णय लिएः रेखा आर्या
देहरादून। विभागीय मन्त्री रेखा आर्या ने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारी सरकार ने पीआरडी जवानों के लिए नवीनतम, सहायक और सशक्त करने वाले निर्णय लिए। राज्य सरकार ने दुर्घटना में शहीद जवानों के परिवार को मृतकाश्रित कोटे में भर्ती करने का प्राविधान किया जिसके तहत अब तक 116 मृतकाश्रितो के पंजीकरण का कार्य किया गया है जिसमे से 70 मृतकाश्रितो को रोजगार प्रदान किया गया है जिसमे 25 महिलाएं शामिल हैं।पीआरडी जवानों के लिए यह निर्णय लिया गया है कि हर दो वर्ष के अंतराल पर एक गर्म वर्दी व एक सामान्य वर्दी विभाग द्वारा दी जाएगी।साथ ही पीआरडी जवानों को प्रशिक्षण के समय दी जाने वाली राशि जो 1500 थी उसे बढ़ाते हुए 2500 रुपये की जाएगी।
बताया कि सभी पंजीकृत पीआरडी जवानों को ड्यूटी पर होमगार्ड की भांति 200 रुपये धुलाई भत्ता दिया जाएगा।विकासखंड स्तर पर तैनात ब्लॉक कमांडर और न्याय पंचायत स्तर पर तैनात हल्का सरदार का मासिक मानदेय जो कि पूर्व में 600 व 300 रुपिये से बढ़ाते हुए क्रमशः प्रतिमाह 1 हजार व 500 रुपिये किया जाएगा।वहीं आपदा बचाव कार्य मे तैनात जवानों को 50 रुपिये प्रति दर की दर से अतिरिक्त मानदेय दिया जाएगा।विभागीय मंत्री ने बताया कि च्त्क् स्वयंसेवकों की अधिवर्षता आयु धामी सरकार ने 50 से बढ़ाकर 60 वर्ष की गई है।कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हमारे पीआरडी जवानों ने कोरोना काल, चारधाम यात्रा जैसी विषम परिस्थितियों में बेहतरीन कार्य किया है। कहा कि जवानों के मानदेय में परिवर्तन हुआ और आज हमारे जवानों को सम्मानित धनराशि मिल रही है। साथ ही मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि पुलिस विभाग के सहयोग से लेकर, आपदा, तीर्थ यात्रा इत्यादि में जवानों का बहुत बड़ा योगदान है। हमारे जवान अपने प्रदेश के अलावा पड़ोसी प्रदेशों में भी चुनाव के समय की शांति व्यवस्था का जिम्मा बखूबी निभाते हैं। हमारे जवानों का यात्रा सीजन में रुके मानदेय का भुगतान करवाने का कार्य हमारी सरकार ने किया है। जिसके लिए विभाग ने पहली बार पुनर्वियोग बजट पेश कर इसके निस्तारण का कार्य किया। कार्यक्रम में विधायक रायपुर उमेश शर्मा काउ , सचिव अमित सिन्हा, निदेशक युवा कल्याण जितेंद्र सोनकर सहित अधिकारीगण, कर्मचारी और पीआरडी जवान उपस्थित रहे।
पीआरडी जवान ने परिवार समेत इच्छा मृत्यु की मांग
पीआरडी हित संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीर सिंह रावत ने कहा कि वो राज्य आंदोलनकारी हैं। उन्होंने पीआरडी जवानों के हित के लिए दो-दो मुकदमें झेले हैं। सीएम धामी, होमगार्ड के स्थापना दिवस पर तमाम घोषणाएं करते हैं लेकिन पीआरडी जवानों को कुछ नहीं दिया जा रहा है। वीर सिंह रावत ने सीएम धामी से उन्हें और उनके परिवार को इच्छा मृत्यु दिए जाने की मांग तक की। पीआरडी जवान ने कहा कि होमगार्ड की तरह उन्हें भी 28 हजार रुपए का वेतनमान और छुट्टियां दी जाएं।
निदेशक के पास टाइन नहीं मिलने का
वीर सिंह रावत ने कहा कि पीआरडी जवानों को वर्तमान समय में 17 हजार 100 रुपए वेतन दिया जा रहा है। इसको लेकर कई बार पीआरडी जवान सरकार के सामने अपनी बात उठा चुके हैं लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि वो युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के निदेशक जितेंद्र सोनकर के पास कई बार जा चुके हैं। जब भी निदेशक के पास जाते हैं तो वो पूछते हैं कि तुम कौन हो? उनके पास मिलने का टाइम नहीं है। ऐसे में अब अपनी मांगों को लेकर पीआरडी जवान निदेशालय, युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल कार्यालय में कल से धरने पर बैठेंगे।
मंत्री बोलीं वर्दी में अनुशासनहीनता शोभा नहीं देती
पीआरडी जवानों के हंगामे के दौरान रेखा आर्य ने जवानों से कहा कि आज सीएम धामी की कवायद पर ही उत्तराखंड प्रांतीय रक्षक दल के स्थापना दिवस को मनाया जा रहा है। वर्तमान समय में पुलिस के अनुसार ही पीआरडी जवानों को तमाम एडवांटेज दिए जा रहे हैं। पीआरडी एक्ट में विभाग ने काफी संशोधन किए हैं, जिसके बाद आज पीआरडी जवानों ने काफी प्रोग्रेस किया है। मंत्री रेखा आर्य ने पीआरडी जवानों से कहा कि इस वर्दी में अनुशासनहीनता शोभा नहीं देती। ऐसे में जिन जवानों को लग रहा है कि 17 हजार 100 रुपए सैलरी मिलने के बाद भी वो गरीब अवस्था में हैं तो ये चिंता करने का विषय है।