यूपीईएस में अमृत काल विमर्श ऑन विकसित भारत 2047 में किया प्रतिभाग
देहरादून। केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बिदौली स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज में कार्यक्रम ‘अमृत काल विमर्श ऑन विकसित भारत 2047‘ में प्रतिभाग किया। इस दौरान प्रधान ने संस्थान के छात्रों को भारत में जी-20, अमृत काल, नेशनल एजूकेशन पॉलिसी, भारत के विज्ञान, डिजीटल क्षेत्र और विश्व में बढ़ते भारत के रूतबे जैसे विषयों पर संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के बारे में बात करते हुए कहा कि एनईपी भविष्य को दर्शाति है और ये एक दार्शानिक दस्तावेज है जो उभरते भारत की तस्वीर का दिखाती है। मंत्री ने विश्वविद्यालय के सतत शिक्षा केंद्र के तहत चलाए जा रहे यूपीईएस दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों की नई वेबसाइट यूपीईएस ऑन का उद्घाटन किया। धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा के भविष्य को आकार देने में विश्वविद्यालयों की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक यूपीईएस के नए लोगों का अनावरण उद्घाटन समारोह एक महत्वपूर्ण क्षण था। यूपीईएस के चांसलर डॉ. सुनील राय ने मंत्रियों और अतिथियों का यूपीईएस परिसर में स्वागत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य में विकास गतिविधियों में विश्वविद्यालयों की भूमिका पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि यूपीईएस न केवल देश के मेधावी छात्रों का घर रहा है, बल्कि 17 से अधिक विदेशी देशों के छात्रों को भी शिक्षित कर रहा है। इस लॉंच के दौरान यूपीईएस ने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और खेल व्यक्तियों के लिए भी अवसर शामिल है, को 100 स्कॉलरशिप प्रदान करने की घोषणा की थी। यह पहल हमारे ऑनलाइन डिग्री और प्रमाणन कार्यक्रमों की विविध श्रृंखला के साथ, ऐसी शिक्षा प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है जो छात्रों और पेशेवरों को सभी क्षेत्रों और उद्योगों में सशक्त बनाती है, उन्हें कल की दुनिया को आगे बढ़ाने वाले नेताओं के रूप में आकार देने में मदद करेगी। मंत्रियों एवं अन्य व्यक्तियों को धन्यवाद देते हुए यूपीईएस कुलपति डॉ. राम शर्मा ने कहा कि यूपीईएस ऑन वेबसाइट के नए चरण के सबसे रोमांचक पहलुओं में से एक हमारे पाठ्यक्रम में एआई का एकीकरण है। शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता यूपीईएस ऑन का मूल मंत्र रहा है। अपने लॉंच के साथ यूपीईएस ने न केवल आने वाले समय की ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण प्रगति की है, बल्कि ज्ञान प्रदान करने के भविष्य को आकार देने में अपने समर्पण को भी दोहराया है। इस कार्यक्रम में यूपीईएस अधिकारियों, रजिस्ट्रार मनीष मदान और संबंधित स्कूलों के डीन, संकाय और छात्र- छात्राओं की उपस्थिति देखी गई।