
केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग में 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हुई थी सड़कें
देहरादून। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में अभी भी आपदा का असर बरकरार है। जिसके चलते बाबा केदारनाथ यात्रा शुरू नहीं हो पा रही है। उत्तराखंड सरकार के अनुसार अगर मौसम अनुकूल रहा तो अगले तीन दिनों में केदारनाथ पैदल यात्रा को शुरू कर दी जाएगी। रुद्रप्रयाग जिले में आई आपदा का गलत असर श्रद्धालुओं में न जाए इसके लिए सरकार केदारनाथ यात्रा को तत्काल शुरू करना चाहती है। यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार हेली सेवाओं 25 फीसदी की छूट दे रही है। साथ ही सरकार ने पैदल केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक अपने संसाधनों तक पहुंचाने का निर्णय लिया है।
दरअसल, 31 जुलाई को प्रदेश भर में हुई भारी बारिश के चलते रुद्रप्रयाग जिले में काफी अधिक नुकसान हुआ है। जिसके तहत केदारनाथ मार्ग पर चार जगहों पर सड़कों का अधिकतर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग में 29 जगहों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसी के साथ ही सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच 150 मीटर एनएच सड़क का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच दो अन्य जगहों पर भी मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है। अभी तक सड़को के मरम्मत का काम नहीं हो पाया है। रास्तों को खोलने के लिए पीडब्ल्यूडी युद्ध स्तर पर काम कर रही है।
गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग अभी ठीक नहीं हुआ है। इसके सरकार अभी ये दावा कर रही है कि मौसम ने साथ दिया तो अगले तीन दिन में सड़कों को व्यस्थित करते हुए केदारनाथ धाम के लिए पैदल यात्रा शुरू कर दी जाएगी। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच 150 मीटर पूरी तरह से वॉशआउट हो गई है। ऐसे में यहां पर पैदल आने जाने के लिए रास्ता तैयार किया जा रहा है। साथ ही केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग भी लगभग तैयार किया जा चुका है। ऐसे में सरकार व्यवस्था बना रही है कि यात्री सोनप्रयाग में अपनी गाड़ी खड़ी करके पैदल केदारनाथ धाम जा सकें।
हेली सेवाओं पर दिया जा रही भारी डिस्काउंट
देहरादून। आपदा के बीच केदारनाथ यात्रा को शुरू करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। जिसको देखते हुए सरकार फिलहाल, केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग को ठीक करने के साथ ही 150 मीटर क्षतिग्रस्त एमएच मार्ग को पैदल आने वाले के लिए व्यवस्थित कर रही है। जिससे पैदल यात्रा को सुचारु किया जा सकें। वर्तमान समय में हेली सेवाओ के जरिए केदारनाथ यात्रा संचालित हो रही है। इसके लिए सरकार हेली किराए पर 25 फीसदी का डिस्काउंट भी दे रही है। ये डिस्काउंट यात्रियों को मानसून सीजन के दौरान ही मिलेगा। केदारनाथ पैदल यात्रा सही ढंग से शुरू होने के बाद हेली टिकट पर मिलने वाले 25 फीसदी छूट को बंद कर दी जाएगी।
सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक फ्री शटल सेवा
देहरादून। इसके साथ ही व्यवस्था की जा रही है कि वॉशआउट एनएच मार्ग से यात्री पैदल जायेंगे। इसके बाद फिर यात्रियों को गाड़ियों के जरिए गौरीकुंड पहुंचाया जाएगा। जिसका सारा खर्च सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा हेली सेवाओ में जो 25 फीसदी की छूट दी जा रही है। उसका खर्च भी सरकार वहन करेगी। यात्रियों को शटल सेवाओ के जरिए गौरीकुंड पहुंचाने के लिए करीब 30 से 35 गाड़िया तैनात की जाएंगी।
गौरीकुंड हाईवे पर यात्रियों और घोड़े-खच्चरों की आवाजाही शुरू,
सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच ध्वस्त डेढ़ सौ मीटर राजमार्ग को पैदल आवाजाही लायक बनाया,
पैदल यात्रा मार्ग के क्षतिग्रस्त स्थानों पर तेज गति से चल रहा ट्रीटमेंट का कार्य,
रुद्रप्रयाग। सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच बंद राजमार्ग को आवाजाही लायक बना दिया गया है। मार्ग से पैदल यात्रियों के साथ घोड़े-खच्चर भी आवागमन करने लगे हैं। इसके साथ ही पैदल मार्ग के एक-दो स्थानों पर आवाजाही शुरू हो चुकी है तो अन्य क्षतिग्रस्त स्थानों पर कार्य चल रहा है। दूसरे चरण की केदारनाथ यात्रा को सफलतापूर्वक संचालित कराने को लेकर जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली है।
बता दें कि 31 जुलाई को केदारनाथ पैदल मार्ग पर आपदा से भारी नुकसान हुआ है। साथ ही सोनप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहवार के निर्देशन में पैदल मार्ग से लेकर राजमार्ग को दुरूस्त करने का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। शुक्रवार को सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच ध्वस्त राजमार्ग को पैदल आवाजाही लायक बनाया गया, जिससे पैदल मार्ग में फंसे घोड़े-खच्चर और स्थानीय लोग आराम से सोनप्रयाग पहुंच गए। राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया कि सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग डेढ़ सौ मीटर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसमें आवाजाही पूर्णतः बंद थी। शुक्रवार को राजमार्ग को पैदल आवाजाही लायक बनाया गया, जिससे यात्रियों एवं घोड़े-खच्चरों ने आवाजाही करके सुकून महसूस किया। इस मार्ग को बनाए जाने के बाद सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच फंसे घोड़े-खच्चरों के साथ यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग का निर्माण कार्य जारी है और पोकलैंड मशीन से 75 मीटर सड़क की कटिंग कर ली गई है। अधिशासी अभियंता डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने बताया कि यात्रा मार्ग के क्षतिग्रस्त स्थानों पर ट्रीटमेंट का कार्य चल रहा है। प्रयास रहेगा कि यात्रा मार्ग को जल्द से जल्द यात्रियों की आवाजाही के लिए ठीक किया जा सके। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता अनीश पिल्लई ने बताया कि यात्रा मार्ग के विभिन्न पड़ावों में क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पेयजल आपूर्ति के लिए सुचारू कर दी गई है।